Dehradun
सीएम ड्रीम प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार, DM ने दिए सख्त निर्देश

देहरादून : लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना में प्रभावित परिवारों को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राशि और त्यूनी प्लासू जल विद्युत परियोजना हेतु प्रस्तावित भूमि अर्जन को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया कि लखवाड़ परियोजना से प्रभावित लोगों को तत्काल अनुग्रह राशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही त्यूनी-प्लासू परियोजना हेतु भूमि अर्जन की कार्रवाई में तेजी लाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि लखवाड व्यासी, त्यूनी प्लासू परियोजना सिर्फ हमारे जिले ही नहीं, उत्तरी भारत के लिए महत्वपूर्ण है। यह मा.सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिससे मेरी और आपकी भूमिका और भी गहन हो जाती है। उन्होंने निर्देश दिए कि 15 सितंबर तक मुआवजा वितरण, संपत्ति मूल्यांकन, क्षति गणना पूर्ण हो जानी चाहिए। कोई भी अर्ह प्रभावित परिवार राहत पैकेज का पूर्ण हकदार है। गांवों में शिविर लगाकर कागजात पूर्ण कराते हुए मुआवजा वितरण करें। ADM(प्रशासन), SLAO स्तर पर हर 15 दिनों में परियोजना के कार्यों की समीक्षा की जाए। डीएम ने कहा कि उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने में ये परियोजनाएं अहम धूरी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि यमुना नदी पर 300 मेगावाट की लखवाड़ जल विद्युत परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी बहुउद्देशीय परियोजना है और मा0 मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। इस परियोजना का उदेश्य उत्तराखंड राज्य में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के साथ 06 राज्यों की सिंचाई और पेयजल की जरूरतों को पूरा करना भी है। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि और काश्तकारों की परिसंपत्तियों की अनुग्रह राशि का तत्काल वितरण किया जाए। कोई भी प्रकरण अनावश्यक लंबित ना रखे। परियोजना से प्रभावित अवशेष लोगों को पुनरीक्षित दर से शीघ्र अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। जिन काश्तकारों ने अभी तक अभिलेख जमा नही करवाए है, उन गांव क्षेत्रों में शिविर लगाकर माह सितंबर तक अनुग्रह अनुदान राशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
देहरादून के अंतर्गत टौंस नदी पर 72 मेगावाट क्षमता की त्यूनी प्लासू जल विद्युत परियोजना हेतु 5.999 हेक्टेयर भूमि अर्जन संबंधित प्रकरणों की प्रगति समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने परियोजना हेतु गठित सभी समितियों को 15 सितंबर तक संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग चकराता को अधिग्रहित भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों, उद्यान विभाग को फलदार वृक्ष और वन विभाग को गैर फलदार वृक्षों का मूल्यांकन कर शीघ्र इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। वहीं जिलाधिकारी ने एसडीएम त्यूनी एवं त्यूनी-प्लासू परियोजना के अधिशासी अभियंता को संयुक्त रूप से प्रभावित भूमि की पैमाइश सर्वेक्षण, जिसमें प्रभावित काश्तकार वाइज हिस्सेदार सूची मय खाता संख्या सहित उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। ताकि प्रभावित काश्तकारों को अनुग्रह राशि का त्वरित वितरण किया जा सके और परियोजना के निर्माण कार्याे को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
अपर जिलाधिकारी (प्रशा) जय भारत सिंह एवं विशेष भू अध्यापति अधिकारी स्मृता परमार ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि लखवाड जल विद्युत परियोजना में अधिग्रहित 45.317 हैक्टेयर भूमि का कुल 30.34 करोड़ अनुग्रह अनुदान राशि वितरण किया जाना है। अभी तक प्राप्त 19.27 करोड़ में से 17.85 करोड़ की अनुग्रह अनुदान राशि का वितरण कर लिया गया है। प्रभावित काश्तकारों को पुनरीक्षित दर 101.50 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। श्रेणी-1 में 12 गांवों के 114 काश्तकारों द्वारा अभी तक अभिलेख जमा न किए जाने के कारण अनुग्रह राशि का वितरण शेष है। वहीं त्यूनी प्लासू जल विद्युत परियोजना में ग्राम पंचायत रायगी की 3.122 है0 और बृनाड बास्तील की 2.877 मिलाकर कुल 5.999 है0 भूमि अधिग्रहण किया जाना है। भूमि अधिग्रहण हेतु गठित विभिन्न समितियों की सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन रिपोर्ट आनी बाकी है। रिपोर्ट मिलने और भूमि का आवार्ड करने के उपरांत अनुग्रह राशि का वितरण प्रारंभ किया जाएगा।
बताते चले कि लखवाड़ परियोजना उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण जल विद्युत और सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। इससे 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखंड समेत 6 राज्यों को फायदा मिलेगा। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, विशेष भू अध्याप्ति अधिकारी स्मृता परमार, महाप्रबंधक त्यूनी प्लासू परियोजना आईएम करासी, उप महाप्रबंधक गिरीश जोशी, जीएम शिवदास, डीजीएम सुजीत कुमार सिंह, लोनिवि चकराता के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल, उप प्रभागीय वनाधिकारी संजीव नौटियाल, तहसीलदार कालीस सुशीला कोठियाल, तहसीलदार विकासनगर विवेक राजौरी, उत्तराखंड जल विद्युत निगम के वरिष्ठ अधिकारी, इंजीनियर आदि मौजूद थे।
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1 क्लिक…18 काम ! उत्तराखंड में घर बैठे मिलेंगी नगर निकाय की सभी जरूरी सेवाएं

देहरादून: उत्तराखंड के नगर निकायों में नागरिकों को अब लंबी कतारों और फाइलों के चक्कर से राहत मिलने जा रही है। जल्द ही प्रदेश के सभी नगर निकायों में 18 नागरिक सेवाएं पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगी। घर बैठे ही आप पानी का टैंकर मंगा सकेंगे…पालतू कुत्तों का पंजीकरण करा सकेंगे और फायर एनओसी जैसी अहम सेवाएं भी महज एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार म्युनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर (MSSC) प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तराखंड को 22.8 करोड़ रुपये की धनराशि भी मंजूर हुई है। यह योजना राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) के तहत चलाई जा रही है और गौर करने वाली बात यह है कि देशभर के केवल 10 राज्यों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है…जिनमें उत्तराखंड भी एक है।
क्या है MSSC प्रोजेक्ट?
आईटीडीए (सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी) के सहयोग से तैयार इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी नगर निकायों के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। इसके ज़रिए आम नागरिकों को कई सेवाएं मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही नगर निकायों में IT इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाएगा और कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना के तहत देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी और रुद्रपुर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर आधुनिक नगर सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यहां एक ही छत के नीचे सभी डिजिटल सेवाएं आम लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
ये 18 सेवाएं होंगी डिजिटल…
प्रॉपर्टी टैक्स का आकलन और भुगतान
विविध शुल्क संग्रहण
पानी व सीवरेज कनेक्शन प्रबंधन
ट्रेड लाइसेंस और उसका भुगतान
जन शिकायत निवारण प्रणाली
फायर एनओसी जारी करना
वित्त और लेखा प्रबंधन मॉड्यूल
सेप्टिक टैंक और स्लज प्रबंधन
पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन
ई-वेस्ट मैनेजमेंट
कम्युनिटी हॉल बुकिंग
नगर परिसंपत्तियों का प्रबंधन
रेहड़ी-ठेली वालों का रिकॉर्ड और प्रबंधन
विज्ञापन और होर्डिंग परमिशन
निर्माण और ध्वस्तीकरण कचरा प्रबंधन
पेयजल टैंकर/मोबाइल टॉयलेट जैसी नागरिक सेवाएं
नगर सेवा केंद्र सेवाएं
जीआईएस आधारित सेवाएं
पहले से संचालित जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल को भी इस सिस्टम में जोड़ा जाएगा।
सचिव नितेश झा शहरी विकास एवं आईटी ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। MSSC प्रोजेक्ट से ना सिर्फ नगर निकायों की कार्यक्षमता बढ़ेगी…बल्कि नागरिकों को पारदर्शी, तेज और सरल सेवाएं मिलेंगी। ITDA की मदद से एकीकृत मंच तैयार किया जा रहा है…जिससे सभी सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी।
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उत्तराखंड में वायरल फीवर से मौतें, स्वास्थ्य विभाग ने जांच के दिए निर्देश

देहरादून: अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक में पिछले पखवाड़े से रहस्यमय वायरल फीवर का प्रकोप जारी है जिससे अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच रुड़की में भी बुखार से तीन मौतें हुई हैं…जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीएमओ अल्मोड़ा और सीएमओ हरिद्वार को प्रभावित इलाकों में जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ अल्मोड़ा को धौलादेवी ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजने और मरीजों के सैंपल लेकर जांच करवाने का आदेश भी दिया गया है।
धौलादेवी में वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों के प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैं। मरीजों के परिजन और स्थानीय जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य विभाग की धीमी कार्रवाई को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि टीम मौके पर जाकर इलाज करेगी और सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही रुड़की में भी बुखार से हुई मौतों की जांच के लिए सीएमओ हरिद्वार को विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की यह पहल इस गंभीर स्थिति पर जल्द नियंत्रण पाने की कोशिश है।
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उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में होगी वर्चुअल क्लासेस, सीएम धामी करेंगे शुरुआत

देहरादून: प्रदेश के 840 सरकारी स्कूल अब डिजिटल वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जुड़ेंगे। राज्य सरकार ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए यह बड़ी पहल की है। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 11 अक्टूबर को देहरादून में करेंगे।
इस नई व्यवस्था के तहत स्कूलों में हाइब्रिड मोड में वर्चुअल और स्मार्ट क्लासेस का संचालन होगा…जिससे छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने और शिक्षा के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।
इस योजना में शामिल स्कूलों में पढ़ाई का लाइव प्रसारण होगा…जो दो केंद्रीय स्टूडियो से होगा। इससे छात्र और शिक्षक के बीच दो-तरफा संवाद भी संभव होगा। इससे दूर-दराज के इलाकों के छात्र भी आधुनिक शिक्षण सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 840 स्कूल इस नेटवर्क से जुड़ेंगे। इनमें टिहरी के 120, पौड़ी के 103, पिथौरागढ़ के 80, चमोली के 68 और अल्मोड़ा के 71 स्कूल शामिल हैं। अन्य जिलों के स्कूल भी इस योजना का हिस्सा होंगे।
शुभारंभ के मौके पर सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर सहित सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
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