Dehradun
उत्तराखण्ड में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए ठोस कदम, मुख्यमंत्री धामी ने पेश की नई योजनाएं !

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, सुमन नगर, धर्मपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड बोर्ड परीक्षा 2024 की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षा में विद्या मंदिर के शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, इण्टर कॉलेज सुमन नगर, धर्मपुर में भवन निर्माण के लिए 60 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों से परिचित कराने और भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनको शिक्षित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या मंदिर आज देश के कोने-कोने में हमारे देश के कर्णधारों को संस्कारवान बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। बच्चों को किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि योग्य नागरिक बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थियों को देशभक्ति, स्वदेशी चिंतन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और समसामयिक महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विद्या भारती द्वारा 500 से भी अधिक विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें प्रदेश में 01 लाख से भी अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही विद्या भारती द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्रों और राज्य के सीमांत क्षेत्रों में भी सैकड़ों विद्यालय खोले गये हैं। भारत सरकार द्वारा विद्या भारती के सात स्कूलों को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने के लिए चयनित किये जाने पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों और युवाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कार्य कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने त्वरित रूप से निर्णय लेते हुए देश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में लागू किया है। प्रदेश की शिक्षा व्यववस्था को और अधिक आधुनिक, व्यावहारिक और सुदृढ़ बनाने के लिए नीतिगत निर्णय लिये गये हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में स्मार्ट क्लासों की स्थापना की जा रही है। कक्षा 01 से लेकर 12 तक विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कक्षा 01 से 08 तक पाठ्य पुस्तकों के साथ ही बैग और जूते भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत हजारों मेधावी विद्यार्थियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का भी प्राविधान किया है। कक्षा 09 में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को साइकिल भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट के 05-05 टॉपर्स को भारत भ्रमण कराने का भी राज्य सरकार ने निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में भी राजकीय महाविद्यालयों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में 20 नये मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 05 विद्यार्थियों को हर साल स्नात्तकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए ब्रिटेन के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ाई करवाने के लिए चिवनिंग उत्तराखण्ड छात्रवृत्ति के लिए समझौता किया गया है। स्प्रिंगबोर्ड इंफोसिस भी शिक्षकों के लिए आईटी आधारित निःशुल्क प्रशिक्षण मॉड्यूल और छात्रों के लिए निःशुल्क कोर्स उपलब्ध करायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में राज्य सरकार ने युवा कल्याण, तकनीकि शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए 1700 करोड़ से भी अधिक धनराशि का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि हमारी कैबिनेट ने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ, उत्तराखण्ड के प्रान्त प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री डॉ. रजनीकांत शुक्ल, शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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Accident
उत्तरखड़: सड़क पर दौड़ रही थी टैक्सी, ड्राइवर को अचानक आया अटैक, पर्यटकों की अटकी सांसे

मसूरी: पर्यटन नगरी मसूरी के नजदीक सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब धनौल्टी से लौट रहे एक टैक्सी चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। घटना उस वक्त हुई जब चालक कार चला रहा था, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई…हालांकि गाड़ी में सवार चार पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित बच गए।
यह दुर्घटना टिहरी बाईपास मार्ग पर लक्ष्मणपुरी क्षेत्र में नगर पालिका परिषद के कूड़ा कलेक्टिंग सेंटर के पास हुई। हादसे के तुरंत बाद चालक को 108 एंबुलेंस के जरिए उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पहचान हरिद्वार निवासी कपिल अरोड़ा (उम्र करीब 40 वर्ष), पुत्र स्व. अनिल अरोड़ा के रूप में हुई है। कपिल स्विफ्ट डिज़ायर टैक्सी (यूके08-टीए-6149) चला रहे थे और धनौल्टी से देहरादून होते हुए हरिद्वार लौट रहे थे।
आखिरी पलों में दिखाई सूझबूझ
कार में सवार पश्चिम बंगाल से आए पर्यटकों ने बताया कि चलती गाड़ी में ही कपिल को चक्कर जैसा महसूस हुआ। इसके बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभालते हुए गाड़ी को साइड में लगाने की कोशिश की, जिससे कार पैराफिट से टकरा गई। अगर चालक ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो कार सीधे गहरी खाई में गिर सकती थी और एक बड़ा हादसा हो सकता था।
पर्यटक सुरक्षित, भेजे गए हरिद्वार
कार में सवार सभी पर्यटक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जिनमें पुरबस्त हल, डाइसेल, पूरतराड़ निवासी राजेल मुखर्जी (उम्र 45 वर्ष), ढंगन निवासी अनकटी नाथ, पुत्र आलोक नाथ और शेम नाथ गराई शामिल हैं। सभी को मसूरी पुलिस द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें अन्य वाहन से हरिद्वार भेज दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
मसूरी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला स्वाभाविक मृत्यु (दिल का दौरा) का प्रतीत होता है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
Dehradun
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस, मामला दिल्ली तक पहुंचा

देहरादून: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। अब ये मामला ना केवल प्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसके बाद से अब देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
बीते दो दिनों से उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को सिडकुल द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद हर ओर इसकी चर्चा हो रही है। पत्रकारों से लेकर समाजसेवी तक अजीत राठी के समर्थन में उतर गए हैं। इसके साथ ही विपक्ष ने भी उनके समर्थन में बात की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी अजीत राठी के समर्थन में सोशल मीाडिया पर पोस्ट किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनके पोस्ट के बाद से दिल्ली में सत्ता के गलियारों में भी इसकी चर्चा हो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर अपनी पोस्ट में लिखा है कि “एक बार फिर बीजेपी ने राज्य का भविष्य कॉरपोरेट मुनाफ़े के लिए गिरवी रख दिया गया। विडंबना ये है कि जवाबदेही तय करने के बजाय मुख्यमंत्री धामी की सरकार डराने-धमकाने पर उतर आई है।
इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे अपनी रिपोर्ट वापस लेने और लिखित माफ़ी मांगने की मांग की गई है। जनसंपत्ति की इस निर्लज्ज लूट और सच्चाई को कुचलने की कोशिश ने बीजेपी का असली चेहरा उजागर कर दिया है — एक ऐसा चेहरा जो भ्रष्ट, आपराधिक और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह बेपरवाह है।”
इसके साथ ही इस मामले में अब प्रेस क्लब ऑफ इंडिया द्वारा भी एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि अजीत राठी को मिला नोटिस उत्तराखंड सरकार की ऐसी कार्रवाइयाँ लोकतांत्रिक संवाद को दबाने और पत्रकारों को तथ्यों की रिपोर्टिंग करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के उद्देश्य से सत्तावादी प्रवृत्तियों से उपजी हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मांग करता है कि राज्य प्रशासन उत्पीड़न की ऐसी हरकतें तुरंत बंद करे और सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों से एकजुट होकर मीडिया को धमकाने वाली ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों को विफल करने की अपील करता है।
Dehradun
पशुओं की दवाओं पर FDA का सख्त आदेश, उत्तराखंड में 34 एंटी माइक्रोबियल दवाओं पर रोक

देहरादून: देशव्यापी छापेमारी और केंद्रीय निर्देशों के बाद उत्तराखण्ड सरकार ने भी कफ सिरप और पशुओं में उपयोग की जाने वाली एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के क्रय–विक्रय, आयात और बिक्री–वितरण पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन उत्तराखण्ड (FDA) के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने इसके लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 23 सितंबर 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई है।
अधिकारिक आदेश के अनुसार बच्चों को दिए जाने वाले कुछ कफ सिरपों के क्रय–विक्रय पर रोक लगाई गई है जबकि पशुओं के उपयोग के लिए कई वर्गों के रोगाणुरोधी (antimicrobial) पदार्थों और उनके फॉर्मूलेशन्स के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अपर आयुक्त ने कहा है कि यह कदम मानव स्वास्थ्य और पशु स्वास्थ्य दोनों की सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है तथा दवाओं के दुरुपयोग से पैदा होने वाले एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के जोखिम को रोका जाएगा।
प्रतिबंधित एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
आदेश में जिन एंटीबायोटिक्स पर रोक लगाई गई है…उनमें प्रमुख रूप से निम्न शामिल हैं:
Ureidopenicillins (यूरिडो-पेनिसिलिन्स)
Ceftobiprole (सेफ्टोबिप्रोल)
Ceftaroline (सेफ्टारोलाइन)
Siderophore cephalosporins (साइडेरोफोर सेफलोस्पोरिन)
Carbapenems (कार्बापेनेम्स)
Penems (पेनेम्स)
Monobactams (मोनोबैक्टम्स)
Glycopeptides (ग्लाइकोपेप्टाइड्स)
Lipopeptides (लिपोपेप्टाइड्स)
Oxazolidinones (ऑक्साजोलिडिनोन्स)
Fidaxomicin (फिडैक्सोमिसिन)
Plazomicin (प्लाजोमिसिन)
Glycylcyclines (ग्लाइसिलसाइक्लिन्स)
Eravacycline (एरावासाइक्लिन)
Omadacycline (ओमाडासाइक्लिन)
प्रतिबंधित एंटीवायरल्स (Antivirals)
पशुओं में उपयोग के लिए जिन एंटीवायरल दवाओं पर रोक लगाई गई है…वे इस प्रकार हैं:
Amantadine (अमैंटाडाइन)
Baloxavir marboxil (बालोक्साविर मार्बॉक्सिल)
Celgosivir (सेल्गोसिविर)
Favipiravir (फेविपिराविर)
Galidesivir (गैलिडेसिविर)
Lactimidomycin (लैक्टिमिडोमाइसिन)
Laninamivir (लैनिनामिवीर)
Methisazone / Metisazone (मेथिसाजोन/मेटिसाजोन)
Molnupiravir (मोलनुपिराविर)
Nitazoxanide (निटाज़ोक्सानाइड) — (नोट: इसे एंटीप्रोटोज़ुअल भी माना गया है)
Oseltamivir (ओसेल्टामिवीर)
Peramivir (पेरामिविर)
Ribavirin (रिबाविरिन)
Rimantadine (रिमांटाडाइन)
Tizoxanide (टिज़ोक्सानाइड)
Triazavirin (ट्रायजाविरिन)
Umifenovir (उमीफेनोविर)
Zanamivir (जानामिवीर)
इसके अतिरिक्त Nitazoxanide (निटाजोक्सानाइड) को एंटी‑प्रोटोज़ुअल दवा के रूप में भी सूचीबद्ध कर प्रतिबंधित किया गया है।
क्या बदलेगा राज्य में?
इन दवाओं का आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण उत्तराखण्ड में प्रभावी रूप से प्रतिबंधित होगा। एफडीए ने चिकित्सा, पशु चिकित्सा और दवा आपूर्ति श्रृंखलाओं को निर्देश दिए हैं कि वे सूचीबद्ध दवाओं की उपलब्धता तथा स्टॉक‑रहितता की रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। नियमानुसार जो भी संस्थाएँ या व्यक्ति इन प्रतिबंधों का उल्लंघन पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी…जिसमें लाइसेंस रद्द करने, जुर्माने व आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शामिल है।
क्यों आवश्यक था यह कदम?
अधिकारियों के अनुसार इन उच्च-स्तरीय एंटीबायोटिक्स और एंटीवायरल्स का पशुओं में अनियंत्रित प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AMR) जैसी गंभीर चुनौतियाँ बढ़ती हैं। साथ ही, हालिया दिनों में देशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप और हानिकारक दवाओं की तस्करी व दुरुपयोग की घटनाएँ बढ़ने के मद्देनजर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
एफडीए का आदेश और आगे की प्रक्रिया
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा है कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है और संबंधित विभाग जल्द ही जिलेवार निर्देश जारी करेंगे ताकि इस प्रतिबंध का ठोस क्रियान्वयन हो सके। उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा की खरीद–फरोख्त से परहेज करें और किसी संदिग्ध दवा की सूचना एफडीए को दें।
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