Uttarakhand
हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का देश में पहली बार निर्माण हुआ शुरू, जानिए कहा और कब तक बनकर होगा तैयार।

उत्तरकाशी – लंबे इंतजार के बाद देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण शुरू हो गया है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग ने गंगोत्री धाम के निकट लंका में निर्माण के लिए प्रस्तावित साइट का डेवलपमेंट शुरू कर दिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि करीब तीन साल में यह केंद्र बनकर तैयार हो जाएगा।
देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र (एसएलसीसी) के निर्माण की घोषणा वर्ष 2020 में हुई थी। वन विभाग की ओर से बनाए जाने वाले केंद्र के निर्माण का जिम्मा ग्रामीण निर्माण विभाग को दिया गया। विभाग ने वर्ष 2020 में ही केंद्र निर्माण के लिए डिजाइन और ड्राइंग का काम पूरा कर लिया था। प्रस्तावित केंद्र में बनने वाले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र व कैफेटेरिया के लिए 4.87 करोड़ व वन विभाग सुविधा भवन के लिए 1.23 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई।
सुविधा भवन के निर्माण के लिए 49 लाख की पहली किस्त भी जारी हो गई थी। जिस पर निविदा प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन फिर प्रोजेक्ट निर्माण लटक गया। अब करीब चार साल बाद फिर केंद्र निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। गत मार्च माह में कार्यदायी संस्था ने लंका में साइट डेवलपमेंट का काम शुरू कर दिया है।
इको फ्रेंडली ढंग से होना है निर्माण
प्रस्तावित केंद्र का निर्माण इको फ्रेंडली ढंग से पत्थर, लकड़ी व मिट्टी से होना है, जिसमें न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट का ध्यान रखा जाएगा। गंगोत्री नेशनल पार्क से लगे लंका में बनने वाले इस केंद्र के निर्माण से क्षेत्र में हिम तेंदुआ संरक्षण की पहल की जाएगी। लंका के आसपास के क्षेत्र में स्नो लैपर्ड ट्रेल विकसित की जाएंगी। जिसमें पर्यटकों को हिम तेंदुओं को करीब से देखने के साथ उनके वासस्थल को करीब से जानने का भी मौका मिलेगा।
ईई ग्रामीण निर्माण विभाग डीएस बागड़ी ने बताया कि हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के निर्माण के लिए साइट डेवलपमेंट का काम शुरू कर दिया गया है। प्रस्तावित जगह पर निर्माण सामग्री भी जुटाई जा रही है। लगभग 36 माह में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है
Dehradun
स्क्रीनिंग प्लांट में संदिग्ध हालत में मिली किशोरी की लाश, गुस्साए लोगों ने किया चक्का जाम !

डोईवाला (देहरादून): बुल्लावाला–कुड़कावाला क्षेत्र में कूड़ा बिनने गई केशवपुरी बस्ती की 13 वर्षीय बालिका का शव एक स्क्रीनिंग प्लांट से संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने के बाद इलाके में तनाव फैल गया। स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने बालिका के साथ दुर्व्यवहार के बाद हत्या की आशंका जताई है। घटना के विरोध में बीती रात सैकड़ों लोग डोईवाला कोतवाली पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केशवपुरी बस्ती से तीन बच्चे कबाड़ बिनने कुड़कावाला क्षेत्र गए थे। वहां एक स्क्रीनिंग प्लांट में कूड़ा बिनते समय कुछ अनहोनी घटित हुई। इनमें से एक बालिका मृत अवस्था में मिली, जिससे आक्रोश फैल गया। परिजनों ने स्टोन क्रेशर स्वामी के दोनों बेटों पर जबरदस्ती और बेरहमी से हत्या का आरोप लगाया है।
हंगामे की सूचना पर आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया। देर रात तक लोग डोईवाला नगर चौक पर डटे रहे और चक्का जाम किया। सुबह एक बार फिर भीड़ ने डोईवाला चौक पर जाम लगाया और कोतवाली में घुसने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि आरोपियों को तत्काल सामने लाया जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डोईवाला क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने रात में ही उक्त स्टोन क्रेशर को सील कर दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है।
Dehradun
उत्तराखंड: मुख्य सचिव ने ऊर्जा विभाग को दिए निर्देश, उपभोक्ताओं को मिले सस्ती और भरोसेमंद बिजली

देहरादून: मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में देहरादून स्थित यूपीसीएल के ऊर्जा भवन में निदेशक मंडल की 124वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित प्रोजेक्ट के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई तथा ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और समस्याओं के समाधान पर भी मंथन किया गया।
मुख्य सचिव ने ऊर्जा विभाग को निर्देशित किया कि विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित जितनी भी परियोजनाएं गतिमान हैं उनको समय से पूरा करें और उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और किफायती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सभी कार्यों का बेहतर तरीके से इंप्लीमेंट करें।
उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रोजेक्ट से संबंधित तकनीकी बिंदुओं के बेहतर क्लेरिफिकेशन और स्टडी के लिए निदेशक मंडल में एक तकनीकी मेंबर की नियुक्ति की जाए। उन्होंने निदेशक मंडल की बैठक में UERC (उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग) द्वारा पारित टैरिफ ऑर्डर को भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कंपनियों के बढ़े हुए ऑथराइजेशन कैपिटल की सूचना सरकार से भी साझा करने को कहा। साथ ही सितंबर 2025 तक ERP (enterprise resource plan, उद्यम संसाधन योजना) को पूरी तरीके से स्थिर करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सीमांत जनपदों के ऐसे सीमांत गांव जो अभी तक सोलर विद्युत से आच्छादित हैं उनको ग्रिड आधारित विद्युत आपूर्ति से भी आच्छादित करें।
ट्रांसफार्मर में कैपेसिटर बैंक लगाने का निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदन
वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार के लिए पूरे प्रदेश में ट्रांसफॉमर में 76 हजार से अधिक कैपेसिटर बैंक लगाए जाने हैं जिसका निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया।
BESS (बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम) लगाने की सहमति
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन 100 मेगावाट की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने जा रहा है जिसका निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया। यह परियोजना उत्तराखंड के नवीनीकरण ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट से संबंधित धनराशि सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध हो सके इसके लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों का आकलन करने के पश्चात ही निर्णय लिया जाए।
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अपनी उपलब्धियां को साझा करते हुए कहा कि विगत 3 वर्षों से निगम के राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि हुई है। विद्युत उपभोक्ता रैंकिंग में सुधार हुआ है तथा AT & C (एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉसेज) में विगत 3 वर्षों में कमी आई है।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, स्वतंत्र निदेशक मंडल से श्री बीपी पांडेय व श्री पराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, पिटकुल पीसी ध्यानी व यूजेवीएनएल संदीप सिंहल उपस्थित थे।
Almora
18 जुलाई तक अल्मोड़ा हाईवे रात में रहेगा बंद, सफर से पहले जरूर पढ़ें ये खबर

अल्मोड़ा: एनएच-109 पर क्वारब पुल के पास लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब 18 जुलाई तक हर रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी। इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहन जैसे एम्बुलेंस, क्रेन और अन्य इमरजेंसी वाहन ही चल सकेंगे।
क्वारब के पास हाईवे के लगभग 200 मीटर हिस्से में पहाड़ी से लगातार मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। इसी को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा सुरक्षा कार्य भी किया जा रहा है।जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने बताया कि रात के समय इस मार्ग से गुजरना बेहद खतरनाक हो गया है। सुरक्षा को देखते हुए ही यह अस्थायी बंदी का फैसला लिया गया है।
जिलाधिकारी ने साफ किया कि प्रतिबंध के दौरान आदेशों की अनदेखी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इस दौरान किसी भी दुर्घटना या वाहन संचालन की ज़िम्मेदारी संबंधित थाना और चौकी इंचार्जों की होगी।
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