Dehradun
उत्तराखण्ड में 30 जनवरी को 17 स्थानों पर वनाग्नि मॉक ड्रिल, आपदा प्रबंधन तंत्र होगा सशक्त…

देहरादून – उत्तराखण्ड में वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने और इन्हें फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य के सात अत्यंत संवेदनशील जिलों में 30 जनवरी को वनाग्नि मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस ड्रिल का उद्देश्य राज्य में वनाग्नि के खतरे से निपटने के लिए एक प्रभावी और व्यवस्थित आपदा प्रबंधन तंत्र को तैयार करना है।
एनडीएमए के वरिष्ठ अधिकारियों ने मॉक ड्रिल के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों के साथ ओरिएंटेशन और कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस आयोजित की। एनडीएमए के सदस्य ले.ज. (रि0) सैयद अता हसनैन ने कहा कि उत्तराखण्ड, जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, में वनाग्नि की घटनाएं अक्सर घातक साबित होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष अल्मोड़ा और नैनीताल में वनाग्नि पर नियंत्रण पाने के उदाहरण से यह साबित हुआ है कि राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र मजबूत और सशक्त है।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने इस पहल को सराहा और कहा कि वनाग्नि राज्य के लिए एक गंभीर और चुनौतीपूर्ण आपदा बन चुकी है। मॉक ड्रिल के माध्यम से वनाग्नि पर नियंत्रण पाने के उपायों को प्रभावी रूप से अमल में लाया जाएगा।
एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार कमांडेंट आदित्य कुमार ने मॉक ड्रिल के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि इस अभ्यास में सभी आवश्यक उपकरणों की तैनाती की जाएगी, जिनमें ड्रोन, सेटेलाइट फोन, वायरलेस फोन, बाइनाकूलर्स जैसे उपकरण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आईआरएस (इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम) के तहत विभिन्न विभागों के दायित्वों और कर्तव्यों को स्पष्ट किया जाएगा, ताकि आपदा के समय समन्वय में कोई समस्या न हो।
विनोद कुमार सुमन ने यह भी बताया कि आपदा प्रबंधन में समुदाय की सक्रिय भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तराखण्ड राज्य में आपदा प्रबंधन की क्षमता में वृद्धि होगी और मॉक ड्रिल से वनाग्नि जैसी आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी।
यह मॉक ड्रिल कुमाऊं के अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत और गढ़वाल के देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी जिलों में की जाएगी। 30 जनवरी को होने वाली इस मॉक ड्रिल से पहले 28 जनवरी को टेबल टॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया जाएगा।
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रित करना, लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और वन संपदा को बचाना है।
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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने साधारण नागरिक की तरह कराया ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को देहरादून स्थित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन हर नागरिक का कर्तव्य है, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ सड़कों की स्थिति और मौसम की चुनौतियां दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ा देती हैं। उन्होंने कहा कि लापरवाही से वाहन चलाना न केवल चालक, बल्कि दूसरों के जीवन को भी खतरे में डाल सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि स्कूल स्तर से ही बच्चों में सड़क सुरक्षा और यातायात अनुशासन की जागरूकता विकसित करना आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित और जिम्मेदार नागरिक के रूप में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, जो यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं। उन्होंने पर्यटकों से भी अनुरोध किया कि वे स्थानीय ट्रैफिक नियमों का पालन करें, गति सीमा का ध्यान रखें, नशा कर वाहन न चलाएं और सुरक्षित ड्राइविंग को प्राथमिकता दें।
राज्यपाल ने आरटीओ कार्यालय, देहरादून की उस पहल की सराहना की, जिसके तहत सप्ताह में एक दिन सार्वजनिक वाहनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे न केवल यातायात का दबाव कम होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने अच्छे व्यवहार वाले चालकों और दुर्घटना में लोगों की मदद करने वाले लोगों (गुड सेमेरिटन) को सम्मानित किया।
इस दौरान राज्यपाल ने आरटीओ कार्यालय में निर्धारित प्रक्रिया के तहत अपना ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण (रिन्यूअल) कराया। विशेष सुविधा का लाभ उठाने के बजाय, राज्यपाल ने आम नागरिक की तरह सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। एक ओर जहाँ कई लोग ऐसे कार्यों के लिए सिफारिश या पहुंच का सहारा लेते हैं, वहीं राज्यपाल ने अपने इस आचरण से यह स्पष्ट संदेश दिया कि प्रक्रिया और औपचारिकताएं सभी के लिए समान हैं तथा कानून का पालन हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवाएं पारदर्शी, तकनीक-आधारित और सरल हों, ताकि हर नागरिक बिना किसी सिफारिश या विशेष सुविधा के अपना कार्य सहजता से करा सके।
इस अवसर पर आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी, आरटीओ प्रवर्तन अनिता चमोला, एआरटीओ प्रशासन चक्रपाणी मिश्रा सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड कैबिनेट की बड़ी घोषणाएं: अग्निवीरों को मिलेगा सरकारी नौकरियों में आरक्षण

देहरादून: उत्तराखंड में युवाओं, सुरक्षा बलों और सामाजिक मुद्दों से जुड़े मामलों पर सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई, जिसमें कुल 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से कई फैसले राज्य की सामाजिक, सुरक्षा और प्रशासनिक दिशा को प्रभावित करने वाले हैं।
अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण
राज्य सरकार ने केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को समूह ‘ग’ की वर्दीधारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला किया है। यह आरक्षण सीधी भर्ती में लागू होगा और केवल उन्हीं अग्निवीरों को मिलेगा जो उत्तराखंड के मूल निवासी या स्थायी निवासी होंगे।
सरकार का अनुमान है कि अगले वर्ष तक पहले बैच के अग्निवीर सेवा पूरी करेंगे, जिसके बाद करीब 850 पदों पर भर्ती की जाएगी।
यह आरक्षण निम्न विभागों में लागू होगा:
अग्निशमन एवं नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक)
कारागार विभाग (बंदी रक्षक)
वन विभाग (वन रक्षक)
राजस्व पुलिस (पटवारी)
आबकारी विभाग (पुलिस बल)
परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
धर्मांतरण कानून हुआ और सख्त
बैठक में धर्मांतरण कानून में सख्ती लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। अब यदि कोई व्यक्ति बलपूर्वक, छलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसे:
अब 14 साल तक की सजा हो सकती है (कुछ विशेष मामलों में 20 साल तक)
जुर्माने की राशि भी 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।
सरकार का कहना है कि यह बदलाव राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया है।
लखवाड़ परियोजना के प्रभावितों को बढ़ा मुआवजा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना से प्रभावित परिवारों को नैनबाग क्षेत्र के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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देहरादून में भारी बारिश का अलर्ट, प्रशासन अलर्ट मोड में — स्कूल बंद, QRT टीमें तैनात

देहरादून में भारी बारिश की चेतावनी के बाद प्रशासन सतर्क, डीएम और एसएसपी ने किया क्षेत्रीय निरीक्षण। स्कूलों में छुट्टी, QRT टीमें तैनात, संवेदनशील इलाकों में राहत कार्य तेज़।
देहरादून: देहरादून में मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने सोमवार सुबह शहर के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित विभागों को सतर्क रहने और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूलों में एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी है। साथ ही, त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (QRT) की तीन यूनिटों को सुबह से ही विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में सक्रिय कर दिया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि नदी और नालों के किनारे बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और खतरा महसूस होने पर स्वयं ही सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिले में किसी भी आपदा से निपटने के लिए राहत और बचाव से जुदेहरादूनबारिश ड़ी सभी एजेंसियों को मुस्तैद रखा गया है। लगातार बारिश के चलते जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, ऐसे में हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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