Dehradun
सीएम धामी ने परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों पर पुलिस कर्मियों को किया सम्मानित, राज्यहित में की 8 घोषणाएं।

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया एवं फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से अपर पुलिस अधीक्षक, एस०डी०आर०एफ० विजेन्द्र दत्त डोभाल एवं दलनायक आईआरबी द्वितीय श्री प्रताप सिंह तोमर को सम्मानित किया। सेनानायक, एस०डी०आर०एफ० उत्तराखण्ड मणिकान्त मिश्रा और पुलिस अधीक्षक, जनपद उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी को मुख्यमंत्री ने विशिष्टि कार्य के लिए सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया। वर्ष 2023 में पांचवी एशियन यूथ एथलेटिक्स, ताशकंद, उजबेकिस्तान में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अर्जित करने वाले प्रियांशु, रजत पदक प्राप्त करने वाले राहुल सरनालिया एवं एथलेटिक्स प्रशिक्षक लोकेश कुमार को भी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस की सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने राज्यहित में 08 घोषणाएं की।
1. प्रत्येक जनपद में एक स्थानीय निकाय को आदर्श निकाय के रूप में विकसित किया जायेगा।
2. उद्योग, बागवानी तथा कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले काश्तकारों, उद्यमियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूस्कार के रूप में क्रमशः एक लाख, 75 हजार एवं 50 हजार की धनराशि प्रदान की जायेगी।
3. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के नियमित कर्मचारियों हेतु ’’कर्मचारी व्यक्तिगत ऋण योजना’’ लागू की जायेगी।
4. वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, दिव्यांग पेंशन योजना, जन्म से दिव्यांग बच्चों को अनुदान योजना एवं परित्यक्ता पेंशन योजना में वर्तमान में निर्धारित मासिक आय 4000 से बढ़ाकर 6000 प्रतिमाह किया जायेगा।
5. युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु कौशल विकास योजनान्तर्गत प्रशिक्षण की विषय-वस्तु का निर्धारण जिला कौशल विकास समिति द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप किया जायेगा।
6. वरिष्ठ नागरिकों के समग्र कल्याण के लिए नीति बनायी जायेगी।
7. राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ’’मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना’’ के अंतर्गत मत्स्य विभाग में रुपए 200 करोड़ की योजना शुरू की जाएगी।
8. राज्य के पशुपालकों को आधुनिक पशुचिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से 75 करोड़ रूपये की लागत से सभी जनपदों में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय स्थापित किए जायेंगे, जिससे लगभग 11 लाख पशुपालक परिवारों के पशुधन को सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि होने के साथ-साथ वीरभूमि भी है, हमें उन वीरों के बलिदान और शौर्य के सम्मान के लिए यह प्रण लेना है कि हम विकसित उत्तराखंड और विकसित भारत बनाने के लिए अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। आज कश्मीर से धारा 370 हटाना, तीन तलाक की प्रथा को गैर कानूनी घोषित करना, अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर का निर्माण, अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कानूनों को रद्द करना यह सब प्रधानमंत्री के मजबूत नेतृत्व से ही संभव हो सका है। प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ 15 अगस्त 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए हमारी सरकार भी राज्य के समग्र विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार एसडीजी इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। ईज़ ऑफ डूंइंग बिजनेस की श्रेणी में राज्य अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर की श्रेणी में शामिल है। उत्तराखण्ड ग्रोस एन्वायरमेंट प्रोडक्ट (जी.ई.पी) का इंडेक्स तैयार कर ईकोसिस्टम ग्रोथ का आंकलन करने वाला भारत का प्रथम राज्य बन चुका है। समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश में पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने, प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू करने, पुनः सरकारी नौकारियों में खेल कोटा प्रारंभ करने एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रदेश के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने जैसे अनेकों अभूतपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून, लैंड जिहाद और लव जिहाद को रोकने, देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून और कठोर दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टिकरण के मंत्र को ध्यान में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम हेल्पलाईन, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में 1064 पर प्राप्त शिकायतों के माध्यम से अब तक करीब 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्तिकरण स्वरोजगार योजना’’ और ’’लखपति दीदी योजना’’ योजनाएं प्रारंभ की हैं। बीते 3 वर्षों में राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में 15 हजार से भी अधिक युवाओं को नियुक्तियां दी हैं। राज्य में पांचवें धाम के रूप में ’’सैन्यधाम’’ की स्थापना की जा रही है। वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में वृद्धि की है, वहीं शहीद सैनिकों के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी सुनिश्चित की गयी है। शहीद सैनिकों के आश्रित परिवारों को वर्तमान में दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये किया है। प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत करीब साठ लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं गये हैं, जिसके अंतर्गत अब तक करीब दस लाख से अधिक मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए सकंल्पबद्ध है। प्रदेश में गेंहू खरीद पर किसानों को 20 रूपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया जा रहा है। गन्ने के मूल्य में 20 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। वर्ष 2025 तक मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य भी लिया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभग साढ़े चार हजार जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। राज्य में क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस में सब्जी एवं फूलों की खेती के लिए योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में नई खेल नीति को लागू कर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। ओलंपिक खेल में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को और ओलंपिक खेल में प्रतिभाग करने वाले एवं विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। राज्य में खेल विश्वविद्यालय खोलने के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 3.56 लाख करोड़ के एमओयू हुए, जिनमें से अब तक 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 के अंतर्गत क्षेत्रीय फिल्मों की शूटिंग पर दो करोड़ तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। राज्य में “एक जनपद दो उत्पाद योजना” की शुरुआत के साथ ही ’’हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड’’ शुरू किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिये प्रारंभ की गई ’’होम स्टे योजना’’ वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रेल, रोड और रोपवे के विस्तार पर लगातार काम कर रहे हैं। हर गांव को हाईवे से जोड़ने और पहाड़ों में रेल पहुंचने का स्वप्न ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के माध्यम से शीघ्र ही साकार होने वाला है। सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे शुरू किया जा चुका है। गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंद घाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है, जिस पर शीघ्र कार्य प्रारंभ हो जाएगा। पर्वतमाला परियोजना के तहत रानीबाग से नैनीताल, पंच कोटि से नई टिहरी, खलियाटॉप से मुन्स्यारी, नीलकंठ, औली से गौरसू रोपवे व पूर्णागिरि मंदिर रोपवे परियोजनाओं की प्रक्रिया भी गतिमान है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में हवाई सेवाओं के नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में निरन्तर कार्य किया जा रहा है। राज्य के भीतर विभिन्न स्थानों पर हेली सेवा का संचालन करने के साथ ही जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थाटन एवं पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तम्भ है, इसे मजबूत करने के लिए ’’नई पर्यटन नीति’’ लाई गई है। पिछली कैबिनेट बैठक में ’’उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना’’ को मंजूरी दी गई है। जिसके तहत पांच करोड़ रुपये से कम लागत की पर्यटन परियोजनाओं के लिए 80 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रूपये तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केदारखंड और मानसखंड मंदिरमाला मिशन पर तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ ही शारदा कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया भी गतिमान है। राज्य में सभी गांवों का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिसमें ’’मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’’ प्रमुख है। इसके अंतर्गत 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत उरेडा द्वारा चिन्हित 1000 गांवों को सोलर ग्राम बनाया जा रहा है। वर्ष 2025 तक 2000 मेगावाट और 2027 तक 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा प्लांटो के जरिए उत्पादित करने का लक्ष्य है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, लोक सभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, विधायक खजानदास, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, जनप्रतिनिधिगण, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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