Dehradun
कुमाऊं रेंज में खुलेंगी एसडीआरएफ की नई बटालियन, होमगार्ड जवानों ट्रेनिंग देकर sdrf में किया जायेगा तैनात।

देहरादून – कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कुमाऊं रेंज में एसडीआरएफ की नई बटालियन खोली जाएगी। एसडीआरएफ को मजबूत करने के लिए होमगार्ड जवानों को भी आपदा ट्रेनिंग देकर एसडीआरएफ में तैनात किया जाएगा।
बैठक में होमगार्ड के जवानों को भी आपदा प्रबंधन एवं अन्य आवश्यक प्रशिक्षण कराकर एसडीआरएफ में तैनात करने का निर्णय लिया गया। जल पुलिस एवं बाढ़ राहत पीएसी दल का एसडीआरएफ में विलय किया जाएगा।
बैठक में राहत एवं बचाव कार्य के लिए अत्याधुनिक उपकरणों को क्रय करने के संबंध में भी निर्णय लिए गए। हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू ऑपरेशन में दक्षता बढ़ाने के लिए हेली स्लाइदरिंग प्रशिक्षण कराया जाए। किसी भी आपदा के समय कार्रवाई के लिए रेडिनेस रेस्पॉन्स और पोस्ट रेस्पॉन्स की एसओपी तैयार करने के लिए निर्देशित किया।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने एसडीआरएफ की जनशक्ति, उपलब्ध उपकरणों, चुनौतियों और भविष्य की कार्य योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा ने कहा कि सीबीआरएन (केमिकल, बॉयोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर) और इंडस्ट्रीयल हजॉर्ट टीम की क्षमता को बढ़ाते हुए उच्च प्रशिक्षण प्रदान कराया जाएगा। कहा कि एसडीआरएफ के मूलभूत प्रशिक्षण में ड्रोन प्रशिक्षण को भी सम्मिलित किया जाए।
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सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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