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गूगल सर्च का नया खतरा: यह सर्च करते ही हो सकता है आपका सिस्टम हैक, जानिए कैसे बचे…

नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि गूगल पर कुछ सामान्य सवाल सर्च करने से आपका कंप्यूटर हैक हो सकता है? साइबर सिक्योरिटी कंपनी Sophos ने इस बारे में चेतावनी दी है और बताया है कि एक नया तरीका सामने आया है, जिसके जरिए हैकर्स यूजर्स को एक फर्जी वेबसाइट पर भेजकर उनके कंप्यूटर में मालवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं।
SEO-पॉयजनिंग के जरिए हैकर्स का नया तरीका
Sophos ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस हैकिंग विधि को “SEO-पॉयजनिंग” कहा जाता है। इसमें हैकर्स ऐसे सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जो सर्च इंजन में सबसे ऊपर आते हैं। विशेष रूप से, यह तकनीक आमतौर पर सर्च रिजल्ट्स में फर्जी वेबसाइट्स को प्रमुखता से दिखाने के लिए बनाई जाती है, जो कि मालवेयर से संक्रमित होती हैं।
कैट्स और ऑस्ट्रेलिया: गूगल सर्च के जरिए क्या हो सकता है खतरा?
Sophos के अनुसार, हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया कि एक विशेष सवाल “Are Bengal Cats legal in Australia?” (क्या ऑस्ट्रेलिया में बंगाल बिल्लियों को रखना कानूनी है?) सर्च करने पर यूजर का कंप्यूटर हैक हो सकता है। जब किसी यूजर ने यह सर्च किया और लिंक पर क्लिक किया, तो उनके कंप्यूटर में एक संदिग्ध .zip फाइल डाउनलोड हो गई, जिससे उनका ब्राउज़र एक खतरनाक वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो गया।
मालवेयर इंस्टॉल होने के बाद, हैकर्स कर सकते हैं सिस्टम को कंट्रोल
रिपोर्ट के मुताबिक, जब यूजर इस लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उनका ब्राउज़र एक संदिग्ध यूआरएल (hxxps://www.chanderbhushan.com/doc.php) पर रीडायरेक्ट हो जाता है। यह वेबसाइट मालवेयर को डाउनलोड करने का प्रयास करती है और यूजर का सिस्टम हैक कर सकती है। इससे हैकर्स यूजर के कंप्यूटर का नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं और उनकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं।
साइबर सुरक्षा पर गंभीर खतरे की चेतावनी
Sophos की टीम ने इस खतरे को लेकर सभी इंटरनेट यूजर्स को सतर्क किया है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि SEO-पॉयजनिंग का यह नया तरीका बेहद खतरनाक है, क्योंकि यह यूजर्स को धोखे में डालकर उनके सिस्टम में मालवेयर इंस्टॉल करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यूजर्स को अनजान लिंक और वेबसाइट्स पर क्लिक करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
कैसे बचें इस खतरे से?
विशेषज्ञों का कहना है कि यूजर्स को केवल विश्वसनीय और अधिकृत वेबसाइट्स पर ही क्लिक करना चाहिए। इसके अलावा, हमेशा अपने ब्राउज़र और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें, ताकि नए साइबर खतरों से सुरक्षा मिल सके।
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देश में बढ़ रहा कोरोना का खतरा: एक हफ्ते में 752 नए मामले, दिल्ली में सक्रिय केस 100 के करीब…

नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते एक सप्ताह में कोरोना के 752 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 305 लोग संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। चिंता की बात यह है कि बीते सात दिनों में कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा सात दर्ज किया गया है। मरने वालों में महाराष्ट्र के चार, केरल के दो और कर्नाटक का एक व्यक्ति शामिल है। सबसे ज्यादा नए मामले केरल से सामने आए हैं, जहां बीते हफ्ते 335 मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा महाराष्ट्र में 153, दिल्ली में 99, गुजरात में 76 और कर्नाटक में 34 नए मरीज सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 26 मई की सुबह तक देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1009 है। फिलहाल केरल में सबसे ज्यादा 403 सक्रिय केस हैं, जबकि मुंबई में 209 और दिल्ली में 104 मामले दर्ज हुए हैं। गुजरात में 83, कर्नाटक में 47, उत्तर प्रदेश में 15 और पश्चिम बंगाल में 12 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।
इसी बीच इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के संक्रमण में कोरोना के दो नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है, जो चिंता का विषय बन रहे हैं। पश्चिम बंगाल में अब कुल 11 सक्रिय मरीज हैं, जिनमें से अधिकतर कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्रों से हैं। मरीजों को सांस की तकलीफ के चलते अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बिहार में भी कोरोना की मौजूदा लहर का पहला मामला सोमवार को सामने आया है। पटना में 31 वर्षीय एक युवक संक्रमित पाया गया है, जिसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। खास बात यह है कि उसकी हाल ही में किसी अन्य राज्य की यात्रा नहीं हुई थी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को सतर्क रहने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनने, हाथ साफ रखने और लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी गई है।
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दिल्ली: बवाना की प्लास्टिक फैक्टरी में लगी भीषण आग, कई धमाकों के बाद ढही इमारत…

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक प्लास्टिक फैक्टरी में भीषण आग लग गई। आग लगने के बाद फैक्टरी में कई धमाके हुए, जिससे पूरी इमारत भरभराकर ढह गई। गनीमत यह रही कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
दमकल विभाग के अनुसार, आग लगने की सूचना सुबह करीब 4:50 बजे मिली, जिसके बाद तुरंत 17 दमकल गाड़ियाँ घटनास्थल पर रवाना की गईं। दमकल कर्मियों ने राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया। आग के दौरान हुए धमाकों की तेज आवाज से इलाके में हड़कंप मच गया और फैक्टरी से उठता काले धुएं का गुबार दूर-दूर तक फैल गया।
फिलहाल आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं, और फैक्टरी के मलबे को हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। पुलिस और प्रशासन ने क्षेत्र को सील कर लिया है और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों के अनुसार, घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और फैक्टरी में मौजूद कर्मचारियों की उपस्थिति की भी पुष्टि की जा रही है।
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India-PAK Tension: केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना तैनात करने का दिया अधिकार…

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब सेना प्रमुख को यह अधिकार मिल गया है कि वे प्रादेशिक सेना (टीए) के हर अफसर और सैनिक को तैनात कर सकते हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में नियमित सेना की मदद ली जा सके या उसकी ताकत को बढ़ाया जा सके। रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने 6 मई को इस संबंध में अधिसूचना जारी की है, जो 10 फरवरी 2025 से प्रभावी होगी और 9 फरवरी 2028 तक लागू रहेगी। इसका मतलब यह है कि अगले तीन सालों तक सेना प्रमुख के पास टीए को किसी भी जरूरी मिशन पर तैनात करने का अधिकार रहेगा।
प्रादेशिक सेना, जिसे 9 अक्टूबर 1949 को स्थापित किया गया था, पिछले साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना चुकी है। यह बल न सिर्फ युद्ध के समय, बल्कि आपदा राहत, पर्यावरण सुरक्षा और मानवीय सहायता में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। टीए पूरी तरह से नियमित सेना के साथ जुड़ा हुआ है और इसके जवानों को उनकी बहादुरी और सेवा के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
सरकार की अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा 32 टीए इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को तैनात करने का आदेश दिया गया है। इन बटालियनों को देश के विभिन्न सैन्य कमानों में भेजा जाएगा, जिसमें साउथर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्दर्न कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड, अंडमान और निकोबार कमांड और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (एआरटीआरएसी) शामिल हैं।
अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन बटालियनों की तैनाती तब ही होगी जब बजट में इसके लिए पैसे उपलब्ध होंगे, या फिर आंतरिक बचत से पैसे की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, यदि किसी मंत्रालय के तहत इन बटालियनों की तैनाती की जाती है, तो उस मंत्रालय को ही इसके खर्च का जिम्मा उठाना होगा।
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