Chamoli
लोगों के मकानों में ट्रीटमेंट से आ रही दरारें..प्रभावितों की बढ़ी चिंता।

चमोली – नगर के हल्दापानी भूस्खलन क्षेत्र के ट्रीटमेंट के दौरान प्रभावितों के मकानों में दरारें आ रही हैं। साथ ही कुछ मकानों से गंदे पानी का रिसाव भी हो रहा है। सोमवार को बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी के नेतृत्व में प्रभावित परिवारों ने जिलाधिकारी से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और क्षेत्र के निरीक्षण की मांग की।
प्रभावितों ने कहा कि पिछले दो माह से भूस्खलन का ट्रीटमेंट कार्य चल रहा है। ट्रीटमेंट के लिए कार्यदायी संस्था की ओर से भारी मशीनों से भूमि के अंदर ड्रिल की जा रही है जिससे कई मकानों में दरारें आ गई है। दरारें लगातार बढ़ रही हैं।
कहा गया कि कई मकानों से गंदे पानी का रिसाव भी हो रहा है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि जल्द एक टीम गठित कर प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया जाएगा। इस मौके पर अनिता देवी, देवेश्वरी, आशा, रोशनी थपलियाल, प्रीति नेगी, गोदांबरी, मीना, रेखा, माहेश्वरी, विनिता, योगेंद्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।
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सीएम धामी पहुंचे देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025, सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

माणा गाँव में देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य समापन — सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिकी को नई उड़ान
सीएम धामी बोले — “वाइब्रेंट गांवों की आर्थिकी को मिलेगा नया संबल”
सीमांत माणा गाँव में संस्कृति, परंपरा और देशभक्ति की अद्भुत संगम झलक
बद्रीविशाल के दर्शन कर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

बद्रीनाथ: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को देश के प्रथम गाँव माणा में आयोजित दो दिवसीय “देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” के समापन समारोह में पहुँचे| इस आयोजन में स्थानीय समुदायों, पर्यटकों और गणमान्य अतिथियों की उत्साहपूर्ण सहभागिता देखने को मिली। महोत्सव का संचालन भारतीय सेना एवं उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

मुख्यमंत्री ने महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय जनता, सेना और प्रशासन के सुचारू समन्वय से यह आयोजन बेहद सफल रहा, जिसने सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिकी को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व सेना द्वारा लगाए गए स्टालों एवं “नो योर आर्मी” प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी भारतीय सेना और आम जनता के बीच विश्वास और सहयोग को और मजबूत करेगी। आर्मी द्वारा प्रदर्शित उपकरणों, मॉडल्स और सूचना सामग्री की उन्होंने विशेष सराहना की।

महोत्सव में स्कूली बच्चों ने पारंपरिक लोकनृत्य और गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार वितरित किए और कहा कि गढ़वाली लोक संस्कृति की ये झलकियाँ देवभूमि के असली गौरव को दर्शाती हैं। गढ़वाली बैंड, स्थानीय कलाकारों व कारीगरों के प्रदर्शन ने भी सभी का मन मोह लिया।

स्थानीय शिल्पकारों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों में पारंपरिक बुनाई, लकड़ी के हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, स्थानीय व्यंजन और अन्य धरोहर सामग्री को पर्यटकों द्वारा खूब सराहा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के उद्देश्यों को मजबूती प्रदान करते हुए युवाओं और महिलाओं को आजीविका के नए अवसर उपलब्ध करवाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि सर्दियों के मौसम में पर्यटन विकास, रोजगार सृजन, रिवर्स पलायन को बढ़ावा और सीमांत क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में सहायक सिद्ध होगा।कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने श्री बद्रीविशाल के दर्शन कर पूजा अर्चना की और प्रदेश एवं देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
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चमोली में भयावह हादसा: 500 मीटर गहरी खाई में गिरी कार जलकर खाक, राहत-बचाव जारी l

चमोली: गोपेश्वर–पोखरी मोटरमार्ग पर देवखाल के समीप शुक्रवार को एक कार अनियंत्रित होकर लगभग 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसा इतना भीषण था कि चट्टान से टकराने के बाद वाहन में आग लग गई। सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और एक घायल व्यक्ति को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। वहीं वाहन में सवार तीन लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया है। खाई की गहराई और आग लगने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। हादसे के सटीक कारणों की जांच की जा रही है।
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उत्तराखंड: कुबेर पर्वत से टूटा ग्लेशियर, बदरीनाथ में अफरातफरी

चमोली: उत्तराखंड के बदरीनाथ क्षेत्र में कुबेर पर्वत से ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आई है। यह ग्लेशियर कंचनगंगा नाले की ओर आकर टूटा….लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने जानकारी दी कि ग्लेशियर के साथ कुछ चट्टानें भी टूटी हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है और किसी तरह की क्षति नहीं हुई है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसी वर्ष 28 फरवरी को भारत-चीन सीमा के पास माणा कैंप क्षेत्र में भारी हिमस्खलन हुआ था….जिसमें 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे।
वहीं वर्ष 2021 की चमोली आपदा अभी भी लोगों के ज़ेहन में ताजा है…जब रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा में आई बाढ़ ने 206 लोगों की जान ले ली थी।
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