Rudraprayag
सचिवों ने प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण एवं पैदल निरीक्षण, केदारनाथ पैदल मार्ग यात्रा दो हफ्ते में कर दी जाएगी शुरू।

रुद्रप्रयाग – सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे, सचिव आपदा विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग दयानंद ने आज सोमवार को केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का पैदल निरीक्षण एव हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क मार्ग को पुर्नस्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद उच्च अधिकारियों ने पैदल यात्रा को 15 दिन में सुचारू करने के लिए सभी संबंधित विभागों से सुझाव मांगे। इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे एव सचिव आपदा विनोद सुमन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अतिवृष्टि के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य वाशआउट सड़क में अस्थाई मार्ग निर्माण करने की कार्रवाई भी अविलंब शुरू की जाए। सड़क एव पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए। हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों में प्रैक्टिकल व टेक्निकल दोनों पक्षों का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही जितने भी कार्य प्रस्तावित हैं उनके लिए मैटेरियल की प्री पोस्टिंग हर संभव साइट कर पहले ही कर ली जाए।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा वाशआउट है। उक्त दोनों साइट्स पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा, इन्हें मिलाकर कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है। इस अवसर पर उन्होंने केदारनाथ, गरुड़चट्टी, लिनचोली मार्ग जो इस अतिवृष्टि से प्रभावित नहीं हुआ है, उसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया। विभिन्न स्थानों के लिए 10 फोल्डिंग ब्रिज को चिनूक या पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचाए जाने की भी तैयारी है। सचिव पीडब्लूडी ने निर्देश दिए कि हर साइट पर कम से कम 10 मजदूर एव बड़ी साइट्स पर आवश्यकता के अनुसार मजदूरों को लगाया जाए। इसके साथ ही पूरे मार्ग पर 500 मजदूर लगाने के भी निर्देश दिए।

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने सभी पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बिजली, पानी, कनेक्टिविटी और खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए संबंधित विभागों से उनके प्लान भी मांगे। हीं विद्युत विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड लिनचोली और भीमबली में पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा सोनप्रयाग के समीप 11केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है। गढ़वाल कमिश्नर ने सब स्टेशन के लिए नई भूमि चिन्हित कर भूमि की गुणवत्ता एव अन्य मानकों की जांच कर नए सब स्टेशन का निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सड़क एव पैदल मार्गों के पुनर्स्थापन, यात्रियों के रेस्क्यू एव राहत कार्यों के लिए हो रहे प्रयासों, अब तक किए जा चुके कार्यों एव केदारनाथ यात्रा शुरू करवाने के लिए की जा रही तैयारियों की पूरी जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने संवेदनशील क्षेत्रों के पर सुरक्षाबलों की ओर से की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।
Rudraprayag
केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पड़ाव पर भालू का आतंक, दरवाजा तोड़कर दुकान में घुसा, CCTV में कैद हुआ वीडियो

Rudraprayag News : प्रदेश में जंगली जानवरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुलदार के साथ ही इस साल भालू के आतंक से पहाड़ों पर लोग परेशान है। लोग लगातार वन विभाग से इस से छुटकारा दिलाने की मांग कर रहे हैं।
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Rudraprayag जिले में केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर भालू का आतंक
उत्तराखंड में जहां एक ओर बर्फबारी नहीं हो रही है तो वहीं दूसरी ओर भालू रिहायशी इलाकों तक पहुंचकर नुकसान कर रहे हैं। इसके साथ ही भालू के हमलों में भी भारी तेजी देखने को मिल रही है। ऐसी ही एक खबर रूद्रप्रयाग से (Rudraprayag News) से सामने आ रही है।
केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर लिंचोली पड़ाव से वीडियो सामने आया है। जहां भालू एक दुकान का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गया और वहां नुकसान किया। भालू के दुकान का दरवाजा तोड़ते हुए अंदर घुसने का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
काफी देर तक भालू रहा दुकान के अंदर
सीसीटीवी में कैद इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि भालू दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा और काफी देर तक दुकान में रहा। इसके बाद वो बाहर आ गया लेकिन थोड़ी ही देर बाद वो फिर से अंदर आ जाता है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

इलाके में लंबे समय से बना हुआ है भालू का आतंक
आपको बता दें कि केदारघाटी में लंबे समय से भालू का आतंक बना हुआ है। बर्फबारी ना होने के कारण भालू लगातार रिहायशी इलाकों का रूख कर रहे हैं। इसके साथ ही भालू इलाके में कई लोगों को पर हमला भी कर चुका है। दो दिन पहले ही Rudraprayag जिले में ही भालू ने एक महिला पर हमला किया था।
भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग
भालू के आतंक के कारण इलाके में लोगों में दहशत का माहौल है। लोग अकेले अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। जबकि रातों को तो कोई बाहर ही नहीं निकल रहा है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। स्थानीयों का कहना है कि लंबे समय से वो इसकी मांग कर रहे हैं। क्योंकि अक्सर भालू केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद दुकानों में घुसकर तोड़फोड़ करता नजर आता है।
big news
जरूरी खबर : केदारनाथ हाईवे 15 जनवरी तक रहेगा बंद, इस रास्ते से होगी आवाजाही

Kedarnath Highway : केदारनाथ हाईवे-107 अगले एक महीने तक बंद रहेगा। मरम्मत के कार्य के चलते केदारनाथ हाईवे को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। इस दौरान मानसून में हाईवे को हुए नुकसान को ठीक किया जाएगा।
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Kedarnath Highway 15 जनवरी तक रहेगा बंद
केदारनाथ हाईवे-107 पर मरम्मत का काम किया जा रहा है। जिसके चलते Kedarnath Highway 15 जनवरी तक बंद रहेगा। बता दें कि हाईवे पर काकड़ागाड़-कुंड-गुप्तकाशी मार्ग पर मानसून में हुई टूटफूट को ठीक करने के लिए 15 जनवरी तक अस्थायी रूप बंद कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान कुंड-चुन्नी बैंड-विद्यापीठ-गुप्तकाशी मोटर मार्ग से आवागमन होगा।
यात्रियों को हो सकती हैं परेशानियां
Kedarnath Highway -107 के बंद रहने और लगभग एक महीने कुंड-चुन्नी बैंड-विद्यापीठ-गुप्तकाशी मोटर मार्ग से आवागमन होने के कारण स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि केदारनाथ हाईवे पर किमी 33.130 से 41.260 के बीच मानसून में सड़क को भारी नुकसान हुआ है।

प्रकृति और यातायात सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
बता दें कि हाईवे पर मरम्मत और सुदृढ़ीकरण का कार्य कंपनी की ओर से किया जा रहा है। इस दौरान जेसीबी, डंपर, फ्लोरी, एसएलएम सहित अन्य भारी मशीनरी का उपयोग किया जाना बेहद ही जरूरी है।
ये फैसला राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई अत्यंत कम होने और यातायात सुरक्षा के साथ प्रकृति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। लोगों की सुरक्षा के लिए 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक मार्ग को अस्थायी रूप से यातायात के लिए प्रतिबंधित रहेगा
Kedarnath Highway – FAQs
1. Kedarnath Highway कब तक बंद रहेगा?
उत्तर: केदारनाथ हाईवे (NH-107) को 15 जनवरी 2026 तक अस्थायी रूप से बंद रखा गया है।
2. केदारनाथ हाईवे क्यों बंद किया गया है?
उत्तर: मानसून के दौरान हुई भारी क्षति की मरम्मत और सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य के कारण हाईवे को बंद किया गया है।
3.कौन-सा हिस्सा ज्यादा क्षतिग्रस्त है?
उत्तर: हाईवे का किमी 33.130 से 41.260 के बीच का हिस्सा मानसून में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
4. मरम्मत कार्य के दौरान कौन-सी मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं?
उत्तर: मरम्मत के लिए जेसीबी, डंपर, फ्लोरी, एसएलएम सहित भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
5. यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग कौन-सा है?
उत्तर: इस दौरान यातायात कुंड–चुन्नी बैंड–विद्यापीठ–गुप्तकाशी मोटर मार्ग से संचालित किया जाएगा।
Uttarakhand
जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों को जोड़ने वाली Jawadi Motor Road बदहाल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
रुद्रप्रयाग: भरदार पट्टी के दर्जनों गांवों और मां मठियाणा मंदिर को जोड़ने वाला Jawadi Motor Road इस समय गंभीर रूप से जर्जर स्थिति में है। मार्ग की हालत इतनी खराब है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में यह रास्ता किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
Jawadi Motor Road की खराब हालत, ग्रामीणों में चिंता बढ़ी
बरसात के दौरान जवाड़ी बाईपास मार्ग कई जगहों पर टूट-फूट गया था। भरदार पट्टी, प्रसिद्ध मां मठियाणा मंदिर, जवाड़ी-रौठिया, दरमोला, सौंराखाल सहित कई गांवों की आवाजाही इसी मार्ग से निर्भर है। फिलहाल ग्रामीण अस्थायी इंतज़ाम के सहारे इस मार्ग ( Jawadi Motor Road ) पर चलने को मजबूर हैं, लेकिन यह सफर बेहद जोखिमभरा बना हुआ है और किसी भी समय अप्रिय घटना होने की आशंका है।
जर्जर सड़क से वाहन चालकों को भारी दिक्कत
गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ हिस्सों के कारण छोटे चारपहिया वाहन अक्सर फंस जाते हैं। वहीं टूटी सड़क की वजह से दुपहिया चालकों का संतुलन बिगड़ना भी आम बात हो गई है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रोज़मर्रा की आवाजाही करने को मजबूर हैं। कई बार अधिकारियों से सड़क मरम्मत की मांग उठाई गई, लेकिन जिला मुख्यालय के इतने नज़दीक होने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
भूस्खलन से Jawadi Motor Road क्षतिग्रस्त, 55 लाख रुपये की जरूरत
भारी बारिश के दौरान सड़क के कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ था। विभाग के अनुसार मार्ग की पूरी मरम्मत के लिए करीब 55 लाख रुपये की आवश्यकता है, जबकि सुरक्षित आवाजाही के लिए 20 लाख रुपये की जरूरत बताई गई है। मार्ग सुधार के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
— इन्द्रजीत बोस, लोनिवि अधिशासी अभियंता
बारिश में कई स्थानों पर सड़क वॉशआउट हो गई थी
कई जगह सड़क पूरी तरह वॉशआउट हो गई थी, जिससे यातायात लगभग ठप पड़ गया था। विभाग ने फिलहाल अस्थायी रूप से सड़क को चलने योग्य बनाया है, लेकिन स्थिति अब भी बेहद संवेदनशील है। हाल ही में डीएम प्रतीक जैन ने लोनिवि अधिकारियों संग स्थल निरीक्षण किया और जल्द डीपीआर तैयार कर सुधार कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
छात्रों ने सड़क सुधार को लेकर डीएम से लगाई गुहार
भरदार पट्टी के राइंका जवाड़ी के छात्र अनुराग और रोहन ने सोशल मीडिया के माध्यम से डीएम प्रतीक जैन से सड़क को दुरुस्त करने की अपील की है। छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक स्कूली छात्र का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें एक युवक घायल हुआ। बच्चों ने संदेश में लिखा—
“डीएम सर, कृपया हमारी स्कूल जाने वाली सड़क Jawadi Motor Road को ठीक करा दीजिए।”
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