Crime
एसटीएफ ने ड्रग नेटवर्क के कुख्यात मास्टरमाइंड को 11 साल बाद नेपाल बॉर्डर पर दबोचा , पचास हज़ार का था इनामी….

देहरादून : उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने थाना काठगोदाम, नैनीताल में दर्ज एक एनडीपीएस मामले में 11 साल बाद कुख्यात ड्रग तस्कर रविन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपी को नेपाल के मोतिहारी स्थित सीमा से गिरफ्तार किया गया है। रविन्द्र सिंह पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था, और वह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में चरस की सप्लाई कर रहा था।
गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की टीम को आरोपी से कई अहम जानकारी प्राप्त हुई है, जिससे तस्करी के नेटवर्क को और अधिक उजागर किया जा सकता है। आरोपी ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में चरस की सप्लाई करने के लिए एक बड़ा ड्रग नेटवर्क स्थापित किया था। एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी ने कई अन्य ड्रग तस्करों के बारे में जानकारी दी है, जिस पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले, 12 दिसंबर 2013 को थाना काठगोदाम में चरस तस्करी के मामले में आरोपी रविन्द्र सिंह और प्रदीप को गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन रविन्द्र सिंह जमानत मिलने के बाद कभी कोर्ट में पेश नहीं हुआ, जिसके कारण उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। प्रदीप को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी।
रविन्द्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए पिछले कई वर्षों से पुलिस द्वारा कई प्रयास किए गए थे, लेकिन उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई थी। पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके बाद एसटीएफ की टीम को सूचना मिली कि रविन्द्र सिंह ने नेपाल के बीरगंज जिले के परवाणीपुर में एक मकान बना लिया है और वहीं से ड्रग्स की सप्लाई कर रहा है।
एसटीएफ की टीम ने पिछले कई हफ्तों से भेष बदलकर आरोपी के परिवार और उसके संपर्कों की रेकी की, जिसके बाद आखिरकार उसे मोतिहारी, बिहार में नेपाल सीमा के पास गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आरोपी रविन्द्र सिंह पहले भी दिल्ली में नकली सिक्के और नोट बनाने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका था।
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रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी, आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

नैनीताल: उत्तराखंड में STF लगातार एक्शन मोड़ पर है। एसटीएफ ने एक रिटायर्ड अधिकारी से Digital Arrest का हवाला देकर 20 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साइबर ठगों ने तीन दिनों तक 80 वर्षीय बुजुर्ग को Digital Arrest रख कर धोखाधड़ी की। साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली क्राईम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर उनके आधार कार्ड से खोले गए एक बैंक खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन के बारे में बताया।
बुजुर्ग को Digital Arrest रखकर ठगे लाखों रूपए
दरअसल, नैनीताल निवासी बुजुर्ग ने दिसंबर 2025 में साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र, रुद्रपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। कि कुछ दिनों पहले साइबर ठगों ने फोन और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए यह झूठा दावा किया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है और उनके नाम पर खुले एक बैंक खाते में करोड़ों रुपये का money laundering लेनदेन हुआ है। जांच के नाम पर बुजुर्ग को तीन दिनों तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर निगरानी में रखकर अलग-अलग खातों में कुल 20 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
पुलिस को चकमा देने के लिए बदलता रहा ठिकाने
शिकायत मिलने के बाद, STF और Cyber police टीम ने संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का गहन सत्यापन किया। जांच में 19 वर्षीय महीम सिसौदिया, निवासी जयपुर, राजस्थान को चिन्हित किया गया। साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया कि आरोपी बेहद शातिर था और पुलिस से बचने के लिए लगातार अपनी पहचान और लोकेशन बदल रहा था। रकम निकालने के बाद आरोपी ने बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को स्विच ऑफ कर दिया था।
कई राज्यों में दर्ज हैं साइबर ठगी की शिकायतें
पुलिस ने जयपुर में उसके पते पर पहुंची लेकिन आरोपी वहाँ नहीं मिला। इसके बाद स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद नए पते पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच में ये भी पाया गया कि दिसंबर महीने में ही खाते से लाखों रुपये का लेनदेन हुआ था। आरोपी के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में टोटल 7 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनके संबंध में संबंधित राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।
Uttarakhand
बेटा निकला पिता की हत्या का मास्टरमाइंड, 30 लाख और स्कार्पियो में दी सुपारी

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार से रिश्ते को शर्मशार करने वाली एक घटना सामने आयी है। जहाँ एक युवक ने अपने ही पिता की हत्या कर दी। आरोपी पहले मनगढ़ंत कहानी से पुलिस को गुमराह कर रहा था। सख्ती से पूछताछ करने पर जुर्म कबूल किया। पिता की करोड़ों की सम्पति के लालच में आरोपी बेटे ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।
सम्पति के लालच में बेटे ने करवाई पिता की हत्या
दरअसल, 29 नवंबर की देर रात पुलिस कण्ट्रोल रूम को मृतक भगवान् सिंह के बेटे यशपाल ने एक सूचना दी थी। जिसमें उसने एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पिता की गोली मरकर हत्या करने की बात कही थी। उसने बताया कि, वो अपने पिता के साथ रोशनाबाद शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के करीब एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही पिता को गोली मारकर मौके से फरार हो गया। सम्बंधित मामले की जाँच बहादराबाद थाना, रानीपुर कोतवाली और सीआईयू की संयुक्त टीमें कर रहीं थी।
सख्ती से पूछताछ के बाद कबूला जुर्म
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि जब पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर यशपाल से पूछताछ की तो वह अपने ही बयान बदलने लगा। शादी में किस दोस्त के यहां जाना था, इस पर भी वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। यहीं से शक की सुई बेटे की ओर घूम गई। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो बेटे के जवाब लगातार उलझते गए। आखिरकार वो टूट गया और उसने पिता की हत्या करवाने का जुर्म स्वीकार किया। उसने पुलिस को बतया कि पिता की हत्या उसी ने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर करवाई है।
सम्पति के लालच में करवाई पिता की हत्या
पुलिस के अनुसार मृतक भगवान सिंह एयरफोर्स से सेवानिवृत थे। उनके पास करोड़ों की सम्पति थी, बेटे की गलत संगत और आदतों के चलते दोनों के बीच हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती थी। आरोपी यशपाल ने पिता पर कई बार संपत्ति अपने नाम कराने को लेकर दबाव बनाया था, लेकिन मृतक ने साफ मना कर दिया और उसे सम्पति से बेदखल करने तक की चेतावनी दी थी। इसी रंजिश के चलते बेटे ने बाप की हत्या की योजना बना कर अपने मंसूबों को अंजाम दिया।
30 लाख और एक स्कॉर्पियो के बदले दी हत्या की सुपारी
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर से बात कर पिता की हत्या के बदले 30 लाख और एक स्कॉर्पियो देने का सौदा तय किया था। तीनों ने 29 नवंबर की दोपहर नहर पटरी पर रेकी की और रात में वारदात को अंजाम दिया। रात करीब आठ बजे यशपाल अपने पिता को दोस्त की शादी का झांसा देकर कार में साथ ले गया। जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास उसके साथी राजन और शेखर पहले से मौजूद थे। योजना के तहत यशपाल ने पिता से गाड़ी रुकवाई और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया। इसी दौरान राजन को उसने दोस्त बताकर कार में बैठाया।
कार चलने के कुछ ही मिनट बाद राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां मार दीं। वारदात के बाद राजन मौके से फरार हो गया। कुछ देर बाद बेटे ने घटना को अंजान बताकर 112 पर कॉल कर पुलिस को गुमराह किया। आरोपी यशपाल, ललित मोहन उर्फ राजन, शेखर को धर दबोचा। राजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा, एक खोखा कारतूस, वारदात के समय पहने कपड़े व जूते उसके किराये के कमरे से बरामद हुए।
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पूर्व प्रधान के लोगों पर मजदूरों से मारपीट का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

हरिद्वार: बहादराबाद थाना क्षेत्र में पूर्व प्रधान के लोगों द्वारा मजदूरों से मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि पूर्व प्रधान के भतीजे और अन्य लोगों ने उनके साथ गली-गलौज कर लाठी डंडों से मारपीट की। नामजद आरोपी तमंचा लहराते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए।
पूर्व प्रधान के लोगों पर मजदूरों से मारपीट का आरोप
बहादराबाद थाना क्षेत्र के बढ़ेडी राजपूतान गांव निवासी सुल्तान ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि, बीती 26 नवंबर की शाम को वो और उसका पड़ोसी शकील मजदूरी कर अपने घर वापस जा रहे थे। जैसे ही दोनों गुडलक ढाबे के पास पहुंचे, तो रास्ते में ही गांव के पिंटू, चुन्नू, निक्की, सन्नी और विक्की ने उनका रास्ता रोककर उन्हें घेर लिया।
तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप
पीड़ित ने बताया कि, आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से लाठी डंडों और लोहे की रॉड से उन पर जानलेवा हमला किया। आरोपियों ने कई जानलेवा वार भी किए हैं। मार-पीट होते देख राहगीरों की भीड़ मौके पर जमा हो गई, जिसके बाद आरोपी तमंचा लहराते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए।
पूर्व प्रधान के लोगों पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
वहीं पीड़ितों ने पुलिस से जान की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि आरोपी पूर्व प्रधान के परिवार के लोग हैं। आरोप है कि बीते दिनों भी आरोपी कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए काफिला निकालकर हूटर बजा रहे थे।
पीड़ित की तहरीर के आधार पर पिंटू, चुन्नू, निक्की, सन्नी, विक्की निवासी बढ़ेड़ी राजपूतान के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-अंकुर शर्मा, प्रभारी निरीक्षक, बहादराबाद थाना-
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