health and life style
पंतनगर विवि के वैज्ञानिकों को मिली सफलता, दो सौ रूपए के टीके से होगा घातक बीमारी का इलाज

ऊधमसिंह नगर: पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की “पशु जैव प्रौद्योगिकी” के क्षेत्र में बड़ी सफलता। वैज्ञानिकों ने दुधारू पशुओं में होने वाले घातक परजीवी रोग थिलेरियोसिस के उपचार के लिए मात्र 200 रुपये का प्रभावी टीका विकसित किया है।
दो सौ रूपए के टीके से रोकी जा सकेगी घातक बीमारी
दुधारू पशुओं में जानलेवा परजीवी रोग थिलेरियोसिस अब पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत से अब नियंत्रण में आ सकता है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि सिर्फ दो सौ रुपये का एक टीका इस घातक बीमारी को पूरी तरह रोक सकता है।
पशुओं में होने वाला रोग है थिलेरियोसिस
थिलेरियोसिस एक प्रोटोजोआ परजीवी से फैलने वाला रोग है, जिसका वैज्ञानिक नाम थिलेरिया एनाॅलाटा है। यह रोग मुख्य रूप से दुधारू पशुओं गाय, भैंस और बछड़ों में होता है। जिससे पशु कमजोर होने लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस रोग से ग्रसित पशुओं की उत्पादन क्षमता 70 से 80 प्रतिशत तक घट जाती है।
जानवरों में थिलेरियोसिस रोग की कैसे करें पहचान ?
इस रोग के मुख्य लक्षण – तेज बुखार , गर्दन या कान के पास लसिका ग्रंथियों में सूजन, खाना व जुगाली कम करना, दस्त या रक्त मिश्रित गोबर, दूध उत्पादन में भारी गिरावट, शरीर का भार घट जाना और कमजोरी, आंखों व नाक से स्राव होना हैं। डॉ. राजीव रंजन, एसोसिएट प्रोफेसर, वेटरिनरी पैरासिटोलॉजी विभाग ने बताया कि नई वैक्सीन को विश्वविद्यालय में किए गए परीक्षणों में 100 प्रतिशत सफल पाया गया है। अब मात्र दो सौ रुपये के टीके से पशुओं में बोवाइन ट्रॉपिकल थिलेरियोसिस बीमारी की रोकथाम मुमकिन हो सकेगी।
Dehradun
स्वास्थ्य विभाग की दोहरी चुनौती: डेंगू और कोरोना का डबल अटैक, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर!

देहरादून : देहरादून जिले में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। बुधवार को जिले में तीन नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें सभी स्थानीय निवासी हैं। इससे एक दिन पहले मंगलवार को चार नए संक्रमित मिले थे। राहत की बात यह है कि तीनों मरीजों की हालत सामान्य है।
जिले में अब तक 94 केस, 74 हुए रिकवर
अब तक देहरादून जनपद में कुल 94 कोविड पॉजिटिव केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 79 मरीज स्थानीय, जबकि 15 बाहरी राज्यों से आए हैं। संक्रमण से अब तक 74 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि फिलहाल 5 एक्टिव केस हैं। इनमें चार होम आइसोलेशन में हैं और एक मरीज ऋषिकेश स्थित AIIMS में भर्ती है।
स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ाई सतर्कता
देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि अगर खांसी, बुखार, जुकाम या गले में खराश जैसे लक्षण हों तो नजदीकी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से संपर्क करें।
डेंगू के चार नए मामले, अब तक 168 संक्रमित
बारिश और बढ़ती नमी के चलते डेंगू भी पांव पसार रहा है। बुधवार को चार डेंगू के नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस सीजन में अब तक 9978 सैंपल कलेक्ट किए गए, जिनमें से 168 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 87 मरीज देहरादून के स्थानीय निवासी हैं, जबकि 81 अन्य जिलों व बाहरी राज्यों से हैं।
15 एक्टिव केस, मौत का कोई मामला नहीं
फिलहाल जिले में 15 डेंगू केस एक्टिव हैं। इनमें से 9 मरीज श्री महंत इंद्रेश अस्पताल, 3 हिमालयन अस्पताल, 1 ग्राफिक एरा, और 2 मरीज दून मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं। राहत की बात यह है कि अब तक डेंगू से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है, और 153 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।
Dehradun
चारधाम यात्रा में राज्य सरकार की हेल्थ ब्रेकिंग! हर यात्री की स्क्रीनिंग, हेली एंबुलेंस तक तैनात !

देहरादून: उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा 2025 के दौरान संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशाली व्यवस्था की गई है, जिसके तहत अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच (स्क्रीनिंग) की जा चुकी है।
डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा में बड़ी संख्या में वृद्ध, हृदय व सांस रोगियों के अलावा पहाड़ी क्षेत्र में पहली बार आने वाले लोग भी शामिल होते हैं। ऊंचाई, ठंड और ऑक्सीजन की कमी इनके लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन सकती है, इसलिए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त बनाया गया है।
रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जैसे चारधाम जिलों में 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट सक्रिय किए गए हैं। ट्रांजिट जिलों हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। यात्रा प्रारंभ बिंदुओं पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं, जिनमें हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर और पौड़ी के कालियासौड़ में नए सेंटर शामिल हैं।
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु 17 बेड का नया अस्पताल सेवा में लाया गया है। 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर, 381 पारा-मेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं। प्रति रोस्टर 24 अतिरिक्त मेडिकल ऑफिसर और 35 पारा-मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों में 47 राज्य स्वास्थ्य सेवा, 13 भारत सरकार और 5 निजी मेडिकल कॉलेजों से हैं।
स्क्रीनिंग में कई श्रद्धालु हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्याएं आदि से ग्रस्त पाए गए। करीब 29 श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी गई, जबकि 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से और 33 को हेली एंबुलेंस सेवा से रेफर किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ होटल, धर्मशाला स्टाफ, खच्चर चालकों और कुलियों को भी प्रशिक्षित किया है ताकि वे हाई रिस्क लक्षणों की पहचान कर समय पर सहायता कर सकें। हाइपोथर्मिया जैसे जोखिम से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।
“ई-स्वास्थ्यधाम” पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य डेटा की निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो रही है। चारधाम जिलों को 50 टैबलेट दिए गए हैं, जिससे सभी स्क्रीनिंग और मेडिकल रिलीफ पोस्ट पर डिजिटल डेटा संकलित हो रहा है। 13 भाषाओं में तैयार पर्चे, होर्डिंग्स और जानकारी संबंधित IEC सामग्री तीर्थयात्रियों तक पहुंचाई जा रही है।
यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात हैं, जिनमें 82 स्वास्थ्य विभाग की और 72 “108 NAS” सेवा की हैं। इस वर्ष पहली बार हेली एंबुलेंस सेवा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से संचालित की जा रही है, जिससे गंभीर मरीजों को तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा मिल सके।
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Dehradun
चारधाम और वैष्णो देवी यात्रा से लौटे श्रद्धालु निकले कोरोना पॉजिटिव, एक ही दिन में सात नए मामले, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

देहरादून: अब प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। वर्तमान में सभी सात सक्रिय मरीज घर पर ही आइसोलेट किए गए हैं। उत्तराखंड में कोरोना एक बार फिर से पैर पसारने लगा है। शुक्रवार को कोरोना वायरस के इस सीजन के सबसे अधिक मामले सामने आए। एक ही दिन में सात मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं।
शुक्रवार को सामने आए कोरोना के सात मरीजों में तीन ऐसे हैं, जो चारधाम और वैष्णो देवी की यात्रा कर लौटे थे। जानकारी के मुताबिक देहरादून के रायपुर क्षेत्र में सामने आया कोरोना का मरीज हाल ही में बदरीनाथ धाम की यात्रा कर लौटा था। सहसपुर निवासी मरीज केदारनाथ धाम से वापस आया था।
इन मरीजों में कोरोना के लक्षण मिलने पर आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। इसके अलावा चकराता रोड निवासी एक मरीज 25 मई को वैष्णो देवी से वापस आया था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। उधर, चार अन्य मरीज भी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं।
डॉ. आर राजेश कुमार स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड :अब तक सामने आए कोरोना के ज्यादातर मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। मौजूदा समय में कोरोना के सिर्फ सात मरीज ही सक्रिय हैं। अभी तक किसी भी मरीज में वायरस के गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
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