Rudraprayag
आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंची केंद्रीय टीम, नुकसान का लिया जायजा

रुद्रप्रयाग: केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीम (IMCT) ने मंगलवार को रुद्रप्रयाग जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान टीम ने तहसील ब्यासुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ सहित अन्य प्रभावित इलाकों में पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से बातचीत कर नुकसान की जानकारी जुटाई।
टीम का नेतृत्व कर रहे भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. आर. प्रसन्ना ने बताया कि इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन कर केंद्र सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करना है, ताकि राहत और पुनर्वास की दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाई जा सके।

टीम सोमवार देर शाम अगस्तमुनि हेलीपैड पहुंची, जहां जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद जिला कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें डीएम ने जनपद में आपदा के दौरान हुई जन और धन हानि की विस्तृत जानकारी दी।
मंगलवार सुबह टीम ने सड़क मार्ग से बड़ेथ तक प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और स्थानीय ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों और विभागीय कर्मियों से क्षति की जानकारी ली। बड़ेथ गांव में टीम ने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया। ग्रामीणों ने मकानों, फसलों, व्यवसायों और अन्य संपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी दी और पुनर्वास, मुआवजा, हेलीपैड निर्माण, भूगर्भीय सर्वेक्षण, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी मांगें रखीं।
टीम ने लोगों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और उन्हें आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार तक उनकी बात पहुंचाई जाएगी। स्थानीय लोगों ने आपदा के समय जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना भी की।

निरीक्षण के बाद टीम ने हेलीकॉप्टर से छैनागाड़, तालजमण, बगड़तोक, जौला, डुंगर भटवाड़ी और स्यूर जैसे दूरस्थ इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान टीम ने सड़कों, पुलों, बिजली व जलापूर्ति लाइनों, कृषि, पशुपालन और अन्य स्थानीय संसाधनों को पहुंचे नुकसान का भी जायजा लिया।
टीम प्रमुख डॉ. प्रसन्ना ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण, बुनियादी ढांचे की बहाली और दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि आपदा से प्रभावितों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास लगातार जारी हैं। उन्होंने बड़ेथ में हेलीपैड निर्माण हेतु मिनी स्टेडियम को विकसित करने का आश्वासन दिया और छैनागाड़ में गुमशुदा लोगों की तलाश तेज करने की बात कही। डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आपदा में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी है और प्रभावितों को मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार ने पुनर्वास और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए ₹1850 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष रखा है।
टीम में निदेशक वित्त शैलेश कुमार, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, उपनिदेशक विकास सचान, और प्रमुख सलाहकार मोहित पूनिया शामिल थे।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी प्रतीक जैन के साथ पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रलाद कोंडे, सीडीओ राजेंद्र सिंह रावत, एडीएम श्याम सिंह राणा, एसडीएम उखीमठ भगत सिंह फोनिया समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
Uttarakhand
जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों को जोड़ने वाली Jawadi Motor Road बदहाल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
रुद्रप्रयाग: भरदार पट्टी के दर्जनों गांवों और मां मठियाणा मंदिर को जोड़ने वाला Jawadi Motor Road इस समय गंभीर रूप से जर्जर स्थिति में है। मार्ग की हालत इतनी खराब है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में यह रास्ता किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
Jawadi Motor Road की खराब हालत, ग्रामीणों में चिंता बढ़ी
बरसात के दौरान जवाड़ी बाईपास मार्ग कई जगहों पर टूट-फूट गया था। भरदार पट्टी, प्रसिद्ध मां मठियाणा मंदिर, जवाड़ी-रौठिया, दरमोला, सौंराखाल सहित कई गांवों की आवाजाही इसी मार्ग से निर्भर है। फिलहाल ग्रामीण अस्थायी इंतज़ाम के सहारे इस मार्ग ( Jawadi Motor Road ) पर चलने को मजबूर हैं, लेकिन यह सफर बेहद जोखिमभरा बना हुआ है और किसी भी समय अप्रिय घटना होने की आशंका है।
जर्जर सड़क से वाहन चालकों को भारी दिक्कत
गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ हिस्सों के कारण छोटे चारपहिया वाहन अक्सर फंस जाते हैं। वहीं टूटी सड़क की वजह से दुपहिया चालकों का संतुलन बिगड़ना भी आम बात हो गई है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रोज़मर्रा की आवाजाही करने को मजबूर हैं। कई बार अधिकारियों से सड़क मरम्मत की मांग उठाई गई, लेकिन जिला मुख्यालय के इतने नज़दीक होने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
भूस्खलन से Jawadi Motor Road क्षतिग्रस्त, 55 लाख रुपये की जरूरत
भारी बारिश के दौरान सड़क के कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ था। विभाग के अनुसार मार्ग की पूरी मरम्मत के लिए करीब 55 लाख रुपये की आवश्यकता है, जबकि सुरक्षित आवाजाही के लिए 20 लाख रुपये की जरूरत बताई गई है। मार्ग सुधार के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
— इन्द्रजीत बोस, लोनिवि अधिशासी अभियंता
बारिश में कई स्थानों पर सड़क वॉशआउट हो गई थी
कई जगह सड़क पूरी तरह वॉशआउट हो गई थी, जिससे यातायात लगभग ठप पड़ गया था। विभाग ने फिलहाल अस्थायी रूप से सड़क को चलने योग्य बनाया है, लेकिन स्थिति अब भी बेहद संवेदनशील है। हाल ही में डीएम प्रतीक जैन ने लोनिवि अधिकारियों संग स्थल निरीक्षण किया और जल्द डीपीआर तैयार कर सुधार कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
छात्रों ने सड़क सुधार को लेकर डीएम से लगाई गुहार
भरदार पट्टी के राइंका जवाड़ी के छात्र अनुराग और रोहन ने सोशल मीडिया के माध्यम से डीएम प्रतीक जैन से सड़क को दुरुस्त करने की अपील की है। छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक स्कूली छात्र का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें एक युवक घायल हुआ। बच्चों ने संदेश में लिखा—
“डीएम सर, कृपया हमारी स्कूल जाने वाली सड़क Jawadi Motor Road को ठीक करा दीजिए।”
big news
Rudraprayag: घरवालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने पहुंचा नाबालिक, पुलिस ने परिजनों को सौंपा बालक

रुद्रप्रयाग: पुलिस ने एक 13 वर्षीय बालक को सकुशल परिजनों को सौंप दिया है। नाबालिक बालक मध्यप्रदेश का रहने वाला है जो अपने घर वालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने निकल पड़ा। इस सम्बन्ध में एक स्थानीय व्यापारी द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी गई।
घर वालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने निकल पड़ा नाबालिक
जानकारी के मुताबिक, एक स्थानीय व्यापारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी कि एक नाबालिग बालक धीरेन्द्र प्रजापति, जिसकी उम्र लगभग 13 वर्ष है, अपने घर मध्य प्रदेश से भागकर रुद्रप्रयाग पहुंच गया है। सूचना मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चे के पास पहुंचकर उससे विस्तृत वार्ता कर पूरी जानकारी प्राप्त की गई।
मध्यप्रदेश से रुद्रप्रयाग पहुंचा 13 वर्षीय धीरेन्द्र
बालक अपने परिजनों का नंबर नहीं बता पाया। जिसके बाद रुद्रप्रयाग पुलिस के द्वारा विभिन्न चैनलों के माधयम से बालक के परिजनों का पता लगाया गया है। जिसके बाद पुलिस ने बालक के माता-पिता से संपर्क कर बालक के सकुशल होने की जानकारी पहुंचाई। जिसके बाद टीम द्वारा बच्चे का मेडिकल चेकअप किया गया और आज बच्चे के परिजनों से संपर्क करके बच्चे को सकुशल परिजनों को सौंप दिया गया है।
Rudraprayag
बद्रीनाथ हाइवे से जुड़े प्राथमिक विद्यालय घोलतीर की हालत जर्जर, प्रशासन नहीं ले रहा सुध
रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा राजकीय प्राथमिक विद्यालय घोलतीर पूरी तरह जर्जर हो चुका है। भवन की दीवारों में चौड़ी दरारें नजर आती हैं, बरसात में कमरों के अंदर पानी टपकने लगता है और शौचालय की हालत बेहद खराब है। मैदान में भी पानी भरने से बच्चे खेल नहीं पाते।
रुद्रप्रयाग के घोलतीर प्राथमिक विद्यालय की हालत जर्जर
स्कूल की बदहाल स्थिति के कारण कई अभिभावक बच्चों को यहाँ नहीं भेज रहे हैं, जिससे छात्रों की संख्या घटकर अब केवल 13 रह गई है। ये भवन वर्ष 1973 में बनाया गया था और अब किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
तीन साल से चल रही है नवनिर्माण की मांग
स्थानीय लोग लगातार इसकी मरम्मत और नवनिर्माण की मांग कर रहे हैं। साल 2023 में भी ध्वस्तीकरण और नए भवन की मांग विभाग तक पहुंची थी, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
डीएम दिए कार्रवाई के निर्देश
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने इस मामले पर कहा कि शिक्षा विभाग को स्कूल की स्थिति सुधारने और आवश्यक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार विभाग जल्द कार्रवाई करेगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सकें।
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