Dehradun
हिमालयन माइनर एसेंशियल ऑयल पर FAFAI की कार्यशाला: सतपाल महाराज ने दी दिशा…

देहरादून – मुंबई FAFAI (फूड एंड फ्रूट एसोसिएशन ऑफ इंडिया) द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला में उत्तराखंड के पर्यटन, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, धर्मस्व संस्कृति एवं जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का भ्रमण किया और नई तकनीकों से अवगत हुए।
भ्रमण के दौरान, कैप के निदेशक डॉ. नृपेन्द्र चौहान ने मंत्री को हाईटेक नर्सरी में स्वचालित ग्रीनहाउस, नेट हाउस और बीज अंकुरण कक्ष का अवलोकन कराया। इसके बाद, उन्होंने परफ्यूमरी एवं एरोमा प्रयोगशाला का भी दौरा किया, जहां डॉ. हेमा लोहनी ने उन्हें लैमनग्रास, दालचीनी और गुलाब से बनी अगरबत्तियों के बारे में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में, सतपाल महाराज ने कहा, “सगन्ध क्षेत्र में सगन्ध पौधा केन्द्र की गतिविधियां किसानों के लिए सहायक साबित होंगी। हमें इस क्षेत्र में तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, खासकर जब जंगली जानवरों से खेती को खतरा हो। सगन्ध कृषि हमारे प्रदेश के लिए एक अच्छा विकल्प है।”
मंत्री ने मिट्टी से परफ्यूम तैयार करने और एरोमा टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डॉ. नृपेन्द्र चौहान ने जानकारी दी कि राज्य में नैसंगिक रूप से उगने वाली सगन्ध प्रजातियों का उपयोग अभी तक सीमित है, जबकि इनकी जैविक और सुगंधित मूल्य अद्वितीय है। कैप द्वारा Himalayan Minor Essential Oil की व्यवसायिकता पर लंबे समय से कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में FAFAI के अध्यक्ष जयदीप गांधी और उपाध्यक्ष योगेश दूबे ने भी अपने विचार साझा किए और किसानों को आश्वस्त किया कि उनके उत्पादों को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा।
रोहित सेठ, प्रेसिडेंट सुगन्ध व्यापार संघ, नई दिल्ली ने बताया कि काशीपुर स्थित एरोमा पार्क में तैयार उत्पाद उत्तराखंड के ब्रांड के तहत बाजार में बिकेंगे।
तकनीकी सत्र में, राज्य के 10 मुख्य माइनर एसेंशियल ऑयल जैसे लैंटाना, वन तुलसी, सुरई आदि पर चर्चा हुई। उद्यमियों ने बताया कि इन तेलों का उपयोग परफ्यूमरी एवं कॉस्मैटिक क्षेत्र में किया जा सकता है, जिससे व्यवसायिक कृषिकरण की आवश्यकता है।
इस कार्यशाला में लगभग 85 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें विभिन्न उद्योगों के विशेषज्ञ शामिल थे।
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राज्यपाल गुरमीत सिंह से मिले मंत्री धन सिंह रावत, स्वास्थ्य व शिक्षा मुद्दों पर हुई बातचीत

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से रविवार को राजभवन में स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिष्टाचार भेंट की।
इस दौरान राज्यपाल ने मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
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आरोग्य प्रहरी’ बने नए डॉक्टर, सीएम धामी ने नियुक्ति पत्र सौंपे

मुख्यमंत्री धामी ने 220 चिकित्सा अधिकारियों को सौंपे नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र पाने वाले चिकित्सकों को बेहतर इलाज के साथ-साथ मधुर व्यवहार, सेवाभाव और समर्पण का दिया मूल मंत्र
कवि गुमानी पंत की पंक्तियों को कोट करते हुए कहा- प्रथम देह को जतन कर लो, फिर साधना होगी।। के अनुरूप चिकित्सकों को अपने ज्ञान और कौशल से लोगों के स्वास्थ्य को ठीक करने को कहा
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य सशक्तिकरण अभियान में प्रतिभाग करते हुए 220 नव नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए इस क्षण को उनके जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया। कहा कि आप मात्र चिकित्सक नहीं बल्कि देवभूमि के आरोग्य प्रहरी भी हैं। इसीलिए आप सभी को प्रदेश की चिकित्सा को सस्ती, जनसुलभ और नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूर्ण समर्पण और सेवाभाव से कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 11 लाख से अधिक पेशेंट्स को 21 करोड़ से अधिक की कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त हो चुकी है। श्रीनगर में कार्डियो और न्यूरोलॉजी तथा हल्द्वानी में कैंसर से संबंधित विशेष चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। कहा कि आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों से हेली के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाएं जीवनदायिनी का काम कर रही हैं। अभी हाल ही में धराली में आई आपदा के दौरान भी इसको देखा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य केंद्रों के आधुनिकीकरण, पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति और टेलीमेडिसिन सेवा के विस्तार से राज्य में चिकित्सा सेवाओं को नया आयाम मिला है।
उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक जनपद में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रत्येक क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का एक तरह से उत्तराखंड नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का संकल्प उत्तराखंड के विकसित होने से और उत्तराखंड के विकसित होने का संकल्प यहां के समाज, नागरिकों और प्रत्येक क्षेत्र के विकसित होने से ही साकार होगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग नियुक्तियों के मामले में नित्य नए कृतिमान स्थापित कर रहा है। कहा कि 220 चिकित्सकों में 04 दिव्यांग कोटे के चिकित्सकों को छोड़कर शेष सभी चिकित्सक दुरस्त क्षेत्रों में तैनाती देंगे। कहा कि विभाग शीघ्र ही और चिकित्सकों, नर्सेज और सपोर्टिंग स्टाफ की भी भर्ती करने जा रहा है।
मा. मंत्री ने कहा कि मा. प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक राज्य के 220 स्थानों पर बड़े अभियान के तौर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जाएंगे तथा प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर 25 लाख से अधिक लोगों को इससे लाभान्वित किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकों के साथ-साथ सपोर्टिंग स्टाफ की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित होने से अधिकतर चिकित्सक इन क्षेत्रों में भी अपने आप सेवाएं देने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि आज भी लोग ईश्वर के बाद सबसे अधिक सम्मान चिकित्सक को देते हैं इसी कारण चिकित्सकों को लोगों के विश्वास को और बढ़ाने के प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, राजकुमार पोरी, व सरिता कपूर, राज्य स्तरीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा सहित संबंधित चिकित्सक व अधिकारी उपस्थित थे।
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विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी ने ठुकराई हेलीसेवा, सड़क मार्ग से पहुंची गैरसैंण

देहरादून: विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण आज सड़क मार्ग से भराड़ीसैंण, गैरसैंण जाते हुए मार्ग में जीएमवीएन अतिथि गृह, श्रीनगर में कार्यकर्ताओं से भेंट करने हेतु रुकीं। इस अवसर पर उन्होंने कार्यकर्ताओं से संगठनात्मक गतिविधियों एवं क्षेत्रीय विकास से जुड़े विषयों पर संवाद किया।
मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए प्रश्न — “खराब रास्तों एवं हवाई मार्ग (हेलीसेवा) का उपयोग न करते हुए सड़क मार्ग से गैरसैंण आने के पीछे कारण” — पर माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि वह सदैव सड़क मार्ग से ही गैरसैंण आना पसंद करती हैं।
उन्होंने कहा कि —
“गैरसैंण जाने का मेरा अनुभव हमेशा सड़क मार्ग से ही रहा है। यह मार्ग मुझे जनता से सीधे जुड़े रहने का अवसर प्रदान करता है और यात्रा के दौरान रास्तेभर लोगों की भावनाओं, उनके विचारों तथा उनकी समस्याओं से रूबरू होने का अवसर मिलता है। जनता की नब्ज़ को समझना और उनके साथ जुड़े रहना मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।”
अध्यक्ष ने आगे कहा कि भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित होने वाला मानसून सत्र उत्तराखंड की अस्मिता का प्रतीक है और सड़क मार्ग से यात्रा कर वहाँ पहुँचना उन्हें जनता के और निकट होने का अनुभव कराता है।
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