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Health tips: सिर दर्द से हैं परेशान तो अपनाइये ये घरेलू नुस्खे, तुरंत मिलेगी राहत

सिर दर्द होना वैसे तो आम समस्या है लेकिन अगर किसी को हो जाए तो फिर उसका ध्यान किसी अन्य काम पर नहीं लग पाता है। सिर दर्द कई प्रकार का होता है लेकिन अगर ये अचानक शुरु होता है तो इसके कई आम कारण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत दवाई लेना इतना जरुरी नहीं है आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं।
सिरदर्द से रहत पाने के लिए अपनाइये ये घरेलू नुस्खे
सिर में दर्द होना वैसे तो आम बिमारी लेकिन अगर आप हर बार सिरदर्द के लिए दवाई लेते हैं तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। आमतौर पर लोग बिना डॉक्टर्स कि सलाह लिए ही पेरासिटामोल टेबलेट या अन्य दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करते हैं जो हमेशा से विवादों में रही है। ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खे सिरदर्द से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
अदरक
अगर आप भी सिरदर्द से परेशान हैं तो अदरक आपके लिए आरामदायक साबित हो सकता है। अदरक में मल्टी विटामिन्स जैसे विटामिन ए, सी , बी कॉम्प्लेक्स, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम कई जैसे गुण होते हैं। साथ ही इसमें मौजूद प्रोस्टाग्लैडीन शरीर में मौजूद रक्त वाहिनियों में दर्द और सूजन काम करने में मदद करता है। आप अदरक का जूस या इसका रस नीम्बू के रस में मिला कर पी सकते है। साथ ही अदरक को गरम पानी में उबाल कर भी इसका सेवन कर सकते हैं इस घरेलू नुस्खे से आपको सिरदर्द में काफी रहत मिलेगी।

दालचीनी
अगर आप भी सिरदर्द की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप दालचीनी का इस्तेमाल भी कर सकते है। सिरदर्द दूर करने के लिए दालचीनी बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। दालचीनी एक इस्तेमाल करने के लिए इसको पीस कर पाउडर बना लीजिये। इसके बाद इसके पाउडर में थोड़ा सा पानी मिला कर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। अब पेस्ट को पूरे माथे पर लगा कर आधे से एक घंटे के लिए आराम करें। बाद में गुनगुने पानी से धो कर पेस्ट को हटा दें आपको सिरदर्द से रहत मिलेगी।

पुदीना
सिरदर्द से राहत पाने में पुदीना आपकी मदद कर सकता है। पुदीना वैसे तो आमतौर पर हमारे घरों में मौजूद होता है या फिर आप इसे मार्केट से आसानी से खरीद सकते हैं। पुदीने मैगनीज तांबा और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह एंटी ऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटी वायरल आदि गुणों की वजह से भी जाना जाता है। पुदीने की पत्तियों को पीसकर आप इसका जूस तैयार कर सकते हैं या फिर पुदीने की चाय पीने से भी आपको दर्द से राहत मिलेगी। साथ ही इसे पीस कर जैतून के तेल में मिला कर इसका लेप लगाना भी उपयोगी साबित होता है। पुदीने से ताजगी मिलती है इसलिए तनाव से होने वाले सिरदर्द में ये बहुत लाभकारी साबित होता है।

कैफीन (जैसे एक कप चाय या कॉफी)
थकान या तनाव से होने वाले सिरदर्द में कैफीन को थोड़ी मात्रा में लेने से आपको सिरदर्द से राहत मिल सकती है। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि इसका अधिक मात्रा में उपयोग शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। कैफीन आपको चाय या कॉफी जैसे पेय पदाथों में मिल जाता है। ये आपको ज्यादा वर्कलोड या स्ट्रेस से होने वाले सिरदर्द या तनाव से उभरने में मदद कर सकता है।

गर्म पानी में पैर रखें
आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति में गर्म पानी में पैर रखने से सिर दर्द का इलाज बहुत पहले से किया जाता आ रहा है। इस पद्धति को अपनाने के लिए आप एक बाल्टी या टब में गर्म पानी लेकर उसमें 15 से 20 मिनट के लिए रख दें। इसे फुट सोक या पैर स्नान भी कहते है। इस उपाय को सोने से पहले करने से आपकी नींद में सुधार होगा। इसके साथ ही इससे शरीर में रक्त का संचरण तेज होता है और मांसपेशियों को भी आराम मिलता है।

कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास ?
ये सभी नुस्खे आपको अचानक होने वाले सिरदर्द या शुरूआती दर्द में आराम दे सकते हैं। अगर सिरदर्द काफी समय से हो रहा हो या शरीर का तापमान बहुत अधिक बाद जाए या फिर माइग्रेन, स्वांस सम्बन्धी कोई दिक्कत हो तो आपको डॉक्टर्स से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
(यह जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से दी गई है। जनमंच टीवी इसकी वैज्ञानिक पुष्टि नहीं करता है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स की सलाह अवश्य लें। )
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इन सर्दियों में बिमारियों को कहें बाय-बाय, अपनाएं ये पांच Health tips

सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। मौसम बदलने के साथ ही सर्दी के कारण अक्सर लोगों की तबीयत खराब हो जाती है। ऐसे में इस मौसम में सेहत का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। सर्दियों में शरीर की इम्युनिटी कमजोर पड़ जाती है। इसलिए सही खान-पान, योग, अच्छी नींद जैसी आदतें अपनाना सेहत के लिए फायदेमंद है।
सर्दियों में बिमारियों से दूर रहने के लिए पांच Health tips
सर्दियों के मौसम में अगर आप भी खांसी, जुकाम, कफ की समस्या से परेशान रहते हैं तो कुछ ऐसे health tips हैं जिन्हें अपनाकर आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसी आदतें हैं जिन्हें बदलने से भी आपको लाभ मिल सकता है। ठंड के मौसम में देर रात तक जागना और सुबह देर तक बिस्तर में पड़े रहना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। क्यूंकि ज्यादा नींद भी शरीर को सुस्त बना देती है। इसिलए सुबह उठने का और रात को साने का एक समय डिसाइड कर लें। इस से आपका रूटीन ठीक होगा और आप सुस्ती महसूस नहीं करेंगे।

सुबह उठकर जरूर करें व्यायाम
ठंड में शरीर को एक्टिव रखने के लिए सुबह के समय व्यायाम, योग या सूर्य नमस्कार से दिन की शुरुवात करें। इससे इम्युनिट अच्छी होगी। सर्दियों में सुबह-सुबह प्राणायाम करने से कफ की समस्या में राहत मिली है। इसके साथ ही आप मार्निंग वॉक के लिए भी जा सकते हैं। इस से सेहत भी बनी रहेगी और दिन की शुरूआत भी एनर्जी से भरी हुई होगी।

ज्यादा देर तक भूखे न रहें
सर्दियों में ज्यादा देर तक भूखा रहना भी बीमारियों को न्योता दे सकता है। इसलिए ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें थोड़े थोड़े समयांतराल पर कुछ न कुछ पौष्टिक खाना कहते रहें। वरना कमजोरी के कारण आपका शरीर बीमारियों का शिकार हो सकता है। सबसे जरूरी टिप्स कि हेल्दी खाना खाएं और मौसमी फलों और सब्जियों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

सर्दियों में नहाना बहुत जरुरी
लोग अक्सर ठंड के मौसम में नहाने से बचने के लिए नए-नए बहाने ढूंढ़ते रहते है। कई लोग ठंड का बहाना देकर सर्दियों में कई दिनों तक नहाते नहीं है। लेकिन ऐसा करने से आप त्वचा रोग जैसे खुजली, फंगल इन्फेक्शन और एलर्जी जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इसलिए सर्दियों में रोज कम से कम एक बार जरूर नहाना चाहिए। आप गुनगुने या गर्म पानी से नहा सकते हैं इस से आपकी थकान भी मिट जाएगी और आप बिमारियों से भी दूर रहेंगे।

रात को खाना खाकर टहलना अच्छी आदत
सर्दियों के आते ही लोग रजाई के अंदर से बाहर निकलना पसंद नहीं करते हैं। रात को खाना खाकर लोग बिस्तर में घुस जाते हैं। लेकिन रात को खाना खा कर तुरंत बिस्तर के अंदर चले जाने से आपके पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए सर्दियों में भी रात का खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलने की आदत जरूर डालें। इस से आप हमेशा निरोग और तंदुरुस्त रहेंगे।

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पंतनगर विवि के वैज्ञानिकों को मिली सफलता, दो सौ रूपए के टीके से होगा घातक बीमारी का इलाज

ऊधमसिंह नगर: पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की “पशु जैव प्रौद्योगिकी” के क्षेत्र में बड़ी सफलता। वैज्ञानिकों ने दुधारू पशुओं में होने वाले घातक परजीवी रोग थिलेरियोसिस के उपचार के लिए मात्र 200 रुपये का प्रभावी टीका विकसित किया है।
दो सौ रूपए के टीके से रोकी जा सकेगी घातक बीमारी
दुधारू पशुओं में जानलेवा परजीवी रोग थिलेरियोसिस अब पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत से अब नियंत्रण में आ सकता है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि सिर्फ दो सौ रुपये का एक टीका इस घातक बीमारी को पूरी तरह रोक सकता है।
पशुओं में होने वाला रोग है थिलेरियोसिस
थिलेरियोसिस एक प्रोटोजोआ परजीवी से फैलने वाला रोग है, जिसका वैज्ञानिक नाम थिलेरिया एनाॅलाटा है। यह रोग मुख्य रूप से दुधारू पशुओं गाय, भैंस और बछड़ों में होता है। जिससे पशु कमजोर होने लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस रोग से ग्रसित पशुओं की उत्पादन क्षमता 70 से 80 प्रतिशत तक घट जाती है।
जानवरों में थिलेरियोसिस रोग की कैसे करें पहचान ?
इस रोग के मुख्य लक्षण – तेज बुखार , गर्दन या कान के पास लसिका ग्रंथियों में सूजन, खाना व जुगाली कम करना, दस्त या रक्त मिश्रित गोबर, दूध उत्पादन में भारी गिरावट, शरीर का भार घट जाना और कमजोरी, आंखों व नाक से स्राव होना हैं। डॉ. राजीव रंजन, एसोसिएट प्रोफेसर, वेटरिनरी पैरासिटोलॉजी विभाग ने बताया कि नई वैक्सीन को विश्वविद्यालय में किए गए परीक्षणों में 100 प्रतिशत सफल पाया गया है। अब मात्र दो सौ रुपये के टीके से पशुओं में बोवाइन ट्रॉपिकल थिलेरियोसिस बीमारी की रोकथाम मुमकिन हो सकेगी।
Dehradun
स्वास्थ्य विभाग की दोहरी चुनौती: डेंगू और कोरोना का डबल अटैक, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर!

देहरादून : देहरादून जिले में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। बुधवार को जिले में तीन नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें सभी स्थानीय निवासी हैं। इससे एक दिन पहले मंगलवार को चार नए संक्रमित मिले थे। राहत की बात यह है कि तीनों मरीजों की हालत सामान्य है।
जिले में अब तक 94 केस, 74 हुए रिकवर
अब तक देहरादून जनपद में कुल 94 कोविड पॉजिटिव केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 79 मरीज स्थानीय, जबकि 15 बाहरी राज्यों से आए हैं। संक्रमण से अब तक 74 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि फिलहाल 5 एक्टिव केस हैं। इनमें चार होम आइसोलेशन में हैं और एक मरीज ऋषिकेश स्थित AIIMS में भर्ती है।
स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ाई सतर्कता
देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि अगर खांसी, बुखार, जुकाम या गले में खराश जैसे लक्षण हों तो नजदीकी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से संपर्क करें।
डेंगू के चार नए मामले, अब तक 168 संक्रमित
बारिश और बढ़ती नमी के चलते डेंगू भी पांव पसार रहा है। बुधवार को चार डेंगू के नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस सीजन में अब तक 9978 सैंपल कलेक्ट किए गए, जिनमें से 168 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 87 मरीज देहरादून के स्थानीय निवासी हैं, जबकि 81 अन्य जिलों व बाहरी राज्यों से हैं।
15 एक्टिव केस, मौत का कोई मामला नहीं
फिलहाल जिले में 15 डेंगू केस एक्टिव हैं। इनमें से 9 मरीज श्री महंत इंद्रेश अस्पताल, 3 हिमालयन अस्पताल, 1 ग्राफिक एरा, और 2 मरीज दून मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं। राहत की बात यह है कि अब तक डेंगू से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है, और 153 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।
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