नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर स्थित तराई पश्चिम वन प्रभाग के गुलजारपुर और लोअर कोसी नदी किनारे कोर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में बेशकीमती साल, सागौन और शीशम जैसे पेड़ों की अवैध कटान के मामले में राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और इस पर अगली सुनवाई की तिथि तक स्पष्ट रिपोर्ट पेश की जाए। मामले की अगली सुनवाई जून के पहले सप्ताह में होगी।
रामनगर पीपलसाना निवासी सामाजिक कार्यकर्ता विमल सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में बताया गया कि उनके खेत कोर्बेट नेशनल पार्क से लगे हुए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पार्क क्षेत्र से सटे उनके खेतों के पास कई बेशकीमती पेड़ – साल, सागौन व शीशम – विभागीय मिलीभगत से काटे जा रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि विभाग न तो किसी प्रकार की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बना रहा है, न ही पेड़ों के कटान के लिए किसी वैधानिक अनुमति का पालन किया जा रहा है। हाल ही में उनके खेतों की सीमाओं के पास करीब 200 से 300 पेड़ काट दिए गए, जबकि जंगल के भीतर कितने पेड़ काटे गए, इसका कोई रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कार्यवाही केवल रोड या नहर निर्माण के नाम पर की जाती है, लेकिन बिना कानूनी अनुमति के। उन्होंने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी व लकड़ी माफिया आपसी सांठगांठ से इन बेशकीमती पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने इस विषय में 22 अप्रैल 2025 को वन प्रभाग और कुमाऊं आयुक्त को भी लिखित में शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई है कि इस अवैध कटान पर रोक लगाई जाए और ग्रामीणों को हो रही पर्यावरणीय क्षति से बचाया जाए।