Pauri
जिन जांबाजों ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया है उनके परिवारों की देखभाल करना हमारा परम कर्तव्य : डॉ. धन सिंह रावत

पौड़ी – कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर जिला मुख्यालय के शहीद स्मारक एजेंसी चौक पौड़ी में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, स्थानीय विधायक समेत जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियो व पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध के शहीद वीर जवानों को पुष्प चक्र व श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम से पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा एजेंसी चौक से कलेक्ट्रेट तक प्रभातफैरी निकाली गई। जिसके बाद प्रेक्षागृह में शहीद के परिजनों को सम्मानित किया गया

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने कारगिल युद्ध में हुए शहीद नायक मंगत सिंह के परिजन अमरदीप सिंह रावत व रा. मै. कुलदीप सिंह के परिजन अजीत रावत को सम्मानित किया। वहीं स्कूली छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत की शानदार प्रस्तुति दी गई। साथ ही अतिथियों द्वारा शौर्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुई निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के घुसपैठिये बुरी नीयत लेकर नियन्त्रण रेखा पार कर हमारे क्षेत्र में घुस आये थे। पाकिस्तानी सेना के घुसपैठिये को मुंह तोड़ जबाव देने और उन्हें मार भगाने के लिए हमारी सेना ने एक रणनीति बनाई जिसे ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया। कहा कि सरकार द्वारा वीरता पुरस्कार के तहत परमवीर चक्र प्राप्त करने वालों को 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 से 35, वीरचक्र 15 से 25 व सेना मेडल गैलेंट्री में 7 से 15 लाख की धनराशि दी जा रही है।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कारगिल युद्ध में हमारे देश के 527 जांबाज सैनिकों ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी थी। शहीद सैनिकों में से 75 सैनिक उत्तराखण्ड के निवासी थे, जिनमें से जनपद पौड़ी के 17 वीर सैनिकों ने इस युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे शूरवीर एवं जांबाज वीर सैनिकों को याद करने एवं उनके त्याग को प्रेरणास्रोत बनाकर आत्मसात करने के लिए उनकी स्मृति में हर वर्ष 26 जुलाई को पूरे देश में कारगिल दिवस मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध में शामिल बकुल रावत ने कहा कि वर्ष 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला कर दिया था, इस दौरान देश के कई सैनिकों ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है, जिसे देश हमेशा याद करता रहेगा। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और इस युद्ध की समाप्ति 26 जुलाई को हुई। इस युद्ध में भारतीय सेना ने जीत हासिल की। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है और युद्ध में शहीद होने वाले भारतीय सेना के जवानो को और देश के प्रति दी गई उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है।

इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर करण सिंह रावत, पूर्व सैनिक राजेंद्र सिंह राणासहित अन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक , स्कूल के छात्र-छात्राएं व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
Pauri
पौड़ी में आदमखोर गुलदार को किया गया ढेर, शिकारी जॉय हुकील के हाथ लगी कामयाबी

Joy Hukill ने पौड़ी गढ़वाल में आतंक का पर्याय बन गए आदमखोर को मार गिराया है। जिले में बीते कुछ दिनों से गुलदार के आतंक के कारण लोगों को घर से बाहर निकलने में भी डर लग रही थी। गुलदार के आतंक के कारण चार शिकारियों को आदमखोर को मारने के लिए तैनात किया गया था। जिसमें से मशहूर शिकारी जॉय हुकील के हाथ कामयाबी लगी है।
पौड़ी में आदमखोर गुलदार को Joy Hukill ने किया ढेर
पौड़ी गढ़वाल जिले के गजेल्ड (गजल्ड) गांव में पिछले कुछ समय से आतंक मचा रहे नर-भक्षी गुलदार को आखिरकार ढेर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के त्वरित, स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बाद वन विभाग ने विशेष शिकारियों की टीम तैनात की थी। लगातार निगरानी, ट्रैकिंग और सघन अभियान के बाद टीम ने गुलदार को सफलतापूर्वक मार गिराया। कई लोगों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर को मशहूर शिकारी Joy Hukill ने मार गिराया है।

सीएम धामी ने जल्द से जल्द मारने के दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आदमखोर को जल्द से जल्द मार गिराने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और शिकार विशेषज्ञों ने समन्वित प्रयास करते हुए ये कार्रवाई पूरी की। जिसमें Joy Hukill ने आदमखोर को मारने में कामयाबी हासिल की है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्र में सतर्कता और गश्त बढ़ाई जाएगी। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
Uttarakhand
गोवा अग्निकांड मे पौड़ी के सपूत की दर्दनाक मौत : 8 महीने की बच्ची के सिर से उठा पिता का साया…

Goa Fire Accident में Pauri जिले के सुमित नेगी का निधन
पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लॉक के छानी गांव के लिए बीते रविवार की शाम कभी न भूलने वाला दुख लेकर आई. Goa Fire Accident में छानी गांव निवासी 31 वर्षीय सुमित नेगी पुत्र गजेन्द्र सिंह नेगी की मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. घर-घर मातम पसरा है और हर आंख नम है.
गांव तक पहुंची दर्दनाक खबर, सदमे में परिजन
जिला पंचायत सदस्य कलूंण क्षेत्र के भरत रावत ने बताया कि रविवार देर शाम सुमित की मौत की पुष्टि हुई. खबर मिलते ही परिजनों की चिंता और बढ़ गई कि इतनी दूर गोवा से पार्थिव शरीर गांव कैसे लाया जाएगा. परिवार ने प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए रखा और कई स्तरों पर प्रयास किए.
सरकार और प्रशासन की पहल के बाद सुमित का शव गोवा से दिल्ली हवाई सेवा के माध्यम से लाया गया, जहां से एम्बुलेंस द्वारा हरिद्वार पहुंचाया गया. इस प्रक्रिया ने परिवार को थोड़ी राहत दी, हालांकि दर्द और गम अब भी गहरा है. सुमित का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से हरिद्वार में कर दिया गया है.
नाइट क्लब में लगी आग ने छीनी कई जिंदगियां
यह Goa Fire Accident एक नाइट क्लब में लगी भीषण आग के कारण हुआ, जिसने कई परिवारों की खुशियां पल भर में उजाड़ दीं. हादसे में कुल 9 लोगों की मौत हुई, जिनमें उत्तराखंड के पांच युवक शामिल थे.
मृतकों की पहचान
- सुमित नेगी (Pauri, Uttarakhand)
- जितेंद्र सिंह
- मनीष सिंह
- सतीश सिंह
- सुरेंद्र सिंह
ये सभी नाइट क्लब में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे. इसके अलावा दिल्ली निवासी विनोद कबड़वाल, कमला कबड़वाल, अनीता जोशी और सरोज जोशी की भी इस हादसे में मौत हो गई. वे गोवा घूमने गए थे.
तीन महीने से गोवा में काम कर रहे थे सुमित
पौड़ी जनपद (Pauri district) के पाबौ ब्लॉक निवासी सुमित नेगी बीते तीन महीनों से गोवा में होटल और नाइट क्लब में काम कर रहे थे. परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी. अचानक हुए इस हादसे ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब पहली बार हादसे की खबर आई तो किसी को यकीन नहीं हुआ. जैसे-जैसे सूचना पुख्ता होती गई, पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया.
आठ महीने की मासूम बेटी के सिर से उठा पिता का साया
सुमित नेगी अपने पीछे बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और मात्र आठ महीने की मासूम बेटी को छोड़ गए हैं. इतनी छोटी उम्र में बच्ची के सिर से पिता का साया उठ जाना हर किसी को भीतर तक झकझोर रहा है.
सुमित तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनकी दोनों बड़ी बहनों का विवाह हो चुका है. बेटे की असमय मौत से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव के लोग परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं, लेकिन दर्द इतना गहरा है कि शब्द कम पड़ रहे हैं.
Pauri से लेकर पूरे उत्तराखंड में शोक
Goa Fire Accident में उत्तराखंड के युवकों की मौत की खबर फैलते ही पौड़ी गढ़वाल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में शोक का माहौल है. स्थानीय लोग हादसे की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं.
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि पर्यटक स्थलों और नाइट क्लबों में सुरक्षा मानकों का पालन कितना जरूरी है. पौड़ी के सपूत सुमित नेगी की मौत ने पूरे Pauri जिले को गहरे दुख में डुबो दिया है, जिसे शायद समय भी पूरी तरह नहीं भर पाएगा.
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
❓ गोवा अग्निकांड (Goa Fire Accident) में सुमित नेगी की मौत कैसे हुई?
गोवा के एक नाइट क्लब में लगी भीषण आग के दौरान पाबौ ब्लॉक, पौड़ी गढ़वाल निवासी सुमित नेगी की दम घुटने और झुलसने से मौत हो गई.
❓ सुमित नेगी कहां के रहने वाले थे?
सुमित नेगी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लॉक स्थित छानी गांव के निवासी थे.
❓ सुमित नेगी गोवा में क्या काम करते थे?
सुमित नेगी गोवा के एक होटल और नाइट क्लब में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे और पिछले तीन महीनों से वहीं काम कर रहे थे.
❓ गोवा अग्निकांड में कुल कितने लोगों की मौत हुई?
इस हादसे में कुल 9 लोगों की मौत हुई, जिनमें उत्तराखंड के 5 युवक शामिल हैं.
❓ सुमित नेगी अपने परिवार में किसे छोड़ गए हैं?
सुमित नेगी अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और आठ महीने की मासूम बच्ची को छोड़ गए हैं.
❓ सुमित नेगी का अंतिम संस्कार कहां किया गया?
सुमित नेगी का अंतिम संस्कार हरिद्वार में पूरे विधि-विधान के साथ किया गया.
❓ गोवा अग्निकांड को लेकर प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?
हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं और नाइट क्लब में सुरक्षा मानकों की जांच की जा रही है.
❓ पौड़ी (Pauri) जिले में इस घटना का क्या असर पड़ा?
घटना की खबर मिलते ही पूरे पाबौ ब्लॉक और आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई और लोग गहरे सदमे में हैं.
Pauri
पौड़ी में आदमखोर गुलदार अब तक नहीं हुआ ढेर, दो और शिकारियों को किया गया तैनात

पौड़ी गढ़वाल जिले में बीते कुछ समय से गुलदार का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोगों का अपने रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो गया है। बीते दिनों एक शख्स को निवाला बनाने के बाद गुदला को आदमखोर घोषित कर मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आदमखोर गुलदार को मारने के हैं आदेश
पौड़ी में गुलदार के आतंक के कारण बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं लोग रात ही नहीं दिन भी अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। चार दिन पहले एक शख्स को गुलदार द्वारा निवाला बनाने के बाद से ही गुलदार पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
लेकिन अब तक वन विभाग के हाथ कामयाबी नहीं लग पाई है। जिसके बाद इसे आदमखोर घोषित कर मारने के लिए दो शिकारी तैनात किए गए थे। दो दिन बीत जाने के बाद अब और शिकारी तैनात किए गए हैं।
गुलदार को मारने के लिए 2 और शिकारी तैनात
वन विभाग के सभी प्रयास विफल होने के बाद इसे मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। लेकिन अभी भी वन विभाग के हाथ खाली हैं। जिसके बाद सोमवार को पूर्व से तैनात दो शूटरों की मदद के लिए अब दो क्षेत्रीय शिकारियों को भी तैनात कर दिया गया है।

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