Rishikesh
ऋषिकेश एम्स में बिना चीरफाड़ के गंभीर बीमारियों का हो रहा सफल इलाज , आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त न्यूरो इंटरवेंशन उपचार उपलब्ध….

ऋषिकेश : उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों को उच्च तकनीकी उपचार मिल रहा है। एम्स के इंटरवेंशन रेडियोलॉजी विभाग में न्यूरो इंटरवेंशन जैसी जटिल बीमारियों का बिना चीरफाड़ के इलाज किया जा रहा है। इनमें कैरोटिड स्टेंटिंग (खून की नस में सिकुड़न), एवीएम और एवीएफ (खून की नसों का गुच्छा), स्ट्रोक (लकवा), एन्यूरिज्म (खून की नसों का गुब्बारा व नसों का फटना) जैसी गंभीर समस्याओं का इलाज शामिल है।
यह उपचार एम्स ऋषिकेश में पिछले आठ महीने से आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे मरीजों को आर्थिक राहत मिल रही है। संस्थान में यह उपचार डॉ. बीडी चारण, सहायक आचार्य (डीएम न्यूरो इंटरवेंशन) द्वारा किया जा रहा है, जो दिल्ली एम्स से प्रशिक्षित हैं।
क्या है उपचार की विधि?
डॉ. बीडी चारण ने बताया कि इस उपचार में जांघ की खून की नस में 2 एमएम का पाइप डाला जाता है, जिसके माध्यम से ब्रेन तक पहुंच बनाई जाती है। इसके बाद बिना किसी चीरफाड़ के बीमारी का इलाज किया जाता है। चूंकि इस प्रक्रिया में चीरफाड़ नहीं किया जाता है, मरीज को अस्पताल या आईसीयू में कम समय तक रुकना पड़ता है, जिससे उनका जल्दी इलाज हो जाता है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
दूसरे विभागों का सहयोग
डॉ. चारण ने कहा कि इस प्रक्रिया को एनेस्थीसिया विभाग के सहयोग से किया जाता है और इसमें जेरियाट्रिक मेडिसिन, ईएनटी, नेत्र विभाग, न्यूरोसाइंस और मेडिसिन जैसे अन्य विभागों का भी योगदान रहता है।
एम्स के चिकित्सकों का बयान
रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अंजुम सय्यद, डॉ. पंकज शर्मा और डॉ. उदित चौहान ने कहा, “हमारा विभाग ब्रेन और पूरे शरीर की खून की नसों से संबंधित बीमारियों का गुणवत्तापरक इलाज प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। एम्स ऋषिकेश अस्पताल मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम लगातार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर काम कर रहे हैं, ताकि उत्तराखंड और आसपास के राज्यों के मरीजों को गंभीर उपचार के लिए बाहर न जाना पड़े।”
यह नई तकनीक और मरीजों के लिए सुविधाजनक इलाज का तरीका एम्स ऋषिकेश को एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र बना रहा है, जहां अब मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं उपलब्ध हैं, और वे बिना किसी भौतिक परेशानी के तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं।
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Accident
ऋषिकेश-नीलकंठ मार्ग पर भूस्खलन, ट्रक मलबे में या नदी में गिरने की आंशका दबा, दो लोग लापता और दो घायल

ऋषिकेश: आज बुधवार सुबह ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला के पास, गरुड़ चट्टी पुल से आगे नीलकंठ मार्ग पर एक बड़ी चट्टान गिरने से लगभग 30 मीटर सड़क पूरी तरह बाधित हो गई है। इस घटना के कारण मार्ग पर आवाजाही ठप हो गई है।
सूत्रों के अनुसार चट्टान गिरने के दौरान एक ट्रक मलबे में दबा या नदी में गिरने की संभावना है। हादसे में दो लोग लापता बताए जा रहे हैं….जबकि दो अन्य घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
मौके पर राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं। जेसीबी मशीनों के माध्यम से मलबा हटाने का काम जारी है, वहीं एसडीआरएफ की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हुई है। एसडीआरएफ इंस्पेक्टर कविन्द्र सजवान ने इस बाबत जानकारी दी है और बताया कि खोज अभियान जारी है।
प्रशासन ने नीलकंठ मार्ग पर यात्रियों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। इस मार्ग पर मानसून के दौरान भूस्खलन की घटनाएं आम हैं…इसलिए विशेष सावधानी बरती जा रही है।
Rishikesh
ऋषिकेश के सभी स्कूलों में 3 दिन की अचानक छुट्टी, जानिए वजह

ऋषिकेश : कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ और यातायात की समस्या को देखते हुए ऋषिकेश के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 21, 22 और 23 जुलाई 2025 को अवकाश घोषित किया गया है।
उप जिला मजिस्ट्रेट ऋषिकेश के आदेश के मुताबिक, नगर निगम ऋषिकेश क्षेत्र के साथ-साथ हरिपुरकलां, रायवाला, प्रतीतनगर, नेपाली फार्म, श्यामपुर और राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने वाले सभी शासकीय, अशासकीय और निजी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी रहेगी।
यह कदम कांवड़ यात्रा के दौरान छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए उठाया गया है।
Accident
Rishikesh accident news: नीलकंठ जा रहा कांवड़ियों का ट्रक पलटा, 28 घायल, 3 गंभीर

Rishikesh accident news – सावन के महीने में बाबा नीलकंठ महादेव के दर्शन को निकले हरियाणा के कैथल जिले से आए कांवड़ियों के एक जत्थे के साथ बड़ा हादसा हो गया। देहरादून-ऋषिकेश मोटर मार्ग पर सात मोड़ के पास दुर्गा माता मंदिर के समीप कांवड़ियों से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया।
ट्रक में चालक समेत कुल 28 कांवड़िए सवार थे। हादसे की जानकारी मिलते ही आसपास के स्थानीय लोग तुरंत मदद को दौड़े और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घायलों को 108 एंबुलेंस और सरकारी अस्पताल की एंबुलेंस की मदद से एसपीएस राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया।
डॉक्टरों के मुताबिक हादसे में घायल तीन कांवड़ियों की हालत गंभीर बताई जा रही है…जिन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश हायर सेंटर रेफर किया गया है। बाकी कांवड़ियों को हल्की चोटें आई हैं और उनका इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
बताया जा रहा है कि सभी कांवड़िए बाबा नीलकंठ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए जा रहे थे। फिलहाल पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। सावन के इस पवित्र महीने में सड़क पर बढ़ती भीड़ के चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं से भी सतर्क रहने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की है।
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