देहरादून: प्रदेश में दो दिनों तक मौसम के नरम रहने के कारण बिजली की मांग में करीब 50 से 80 लाख यूनिट की कमी दर्ज की गई है। वर्तमान में बिजली की मांग लगभग 4.9 करोड़ यूनिट है, जो पूरी तरह आपूर्ति की जा रही है। केंद्रीय पूल से राज्य को 2.2 करोड़ और राज्य से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है। बाकी की जरूरतों के लिए यूपीसीएल रोजाना करीब तीन करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीद रहा है। निगम ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल कहीं भी बिजली कटौती नहीं की जा रही है।
यूपीसीएल ने एफपीपीसीए (फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट) के तहत पिछले तीन महीनों में हुई बिजली खरीद, रिकवरी और छूट के आधार पर 22.73 करोड़ रुपये की वसूली की अनुमति मांगकर, नियामक आयोग से हरी झंडी पाई है। इस राशि को जून के बिजली बिलों में जोड़कर जुलाई में उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।
यूपीसीएल हर महीने खरीदी गई बिजली की लागत पर अगले महीने एफपीपीसीए के तहत रिकवरी या छूट करता है। यदि निर्धारित दामों से अधिक कीमत पर बिजली खरीदी जाती है तो उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि वसूली जाती है, और यदि कम कीमत पर खरीदी जाती है तो उपभोक्ताओं को छूट दी जाती है। इस प्रक्रिया की मासिक और त्रैमासिक रिपोर्ट नियामक आयोग को प्रस्तुत की जाती है।
यूपीसीएल ने नियामक आयोग को बताया कि पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर तक उपभोक्ताओं से 35 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई थी, जबकि इस तिमाही में कुल बिजली खरीद की लागत 57.73 करोड़ रुपये थी। इसका अंतर 22.73 करोड़ रुपये था, जिसकी वसूली के लिए अनुमति मांगी गई।
आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने जून माह के बिल में इस राशि की वसूली की सशर्त अनुमति दी है। जुलाई में यह राशि उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी। आयोग ने निर्देश दिया है कि यूपीसीएल का मासिक ऑडिट आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं होने के कारण इस वसूली का हिसाब अलग रखा जाए। इस वसूली से बिजली बिल में औसतन 22 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि होगी, जो केवल एक महीने के लिए लागू होगी।
#ElectricityDemandDrop #MildWeatherImpact #PowerSupplyStable #NoElectricityCuts #UPCLEnergyManagement