Uttarakhand
उत्तरकाशी: रिश्वत लेते हुए सहायक समाज कल्याण अधिकारी गिरफ्तार, सतर्कता अधिष्ठान की बड़ी कार्यवाही…

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी से बड़ी खबर आ रही है, जहां सतर्कता अधिष्ठान को एक शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत की मांग के संबंध में शिकायत मिली। शिकायतकर्ता ने अटल आवास योजना के तहत आवास प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद सहायक समाज कल्याण अधिकारी मोरी, मोनू कुमार गौतम, ने आवास आवंटन के लिए पन्द्रह हजार रूपये की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं दे सकता था, जिसके बाद आरोपी ने उसे पुरोला से सोनाली गाँव के पास मोरी जाने वाली रोड पर बुलाया और 10,000 रुपये रिश्वत की मांग की, ताकि वह उसके आवास आवंटन की पत्रावली समाज कल्याण अधिकारी जनपद उत्तरकाशी को भेज सके।
शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इंकार करते हुए आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की। इसके बाद, सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की ट्रैप टीम ने नियमानुसार कार्यवाही करते हुए मोनू कुमार गौतम को शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी को सोनाली गाँव के पास पुरोला से मोरी जाने वाली रोड पर गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद, सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की टीम द्वारा आरोपी के आवास और अन्य स्थानों पर तलाशी ली जा रही है, और उसकी चल-अचल सम्पत्ति के बारे में पूछताछ जारी है।
सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेसन ने ट्रैप टीम की कार्रवाई को सराहा और उन्हें नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की।
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पहले युवक को होटल में ले गए, फिर किया चाकू से हमला और हो गए फरार, फिर…

Haridwar News : हरिद्वार से एक युवक को होटल ले जाकर उस पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है।
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युवक को होटल में ले जाकर किया चाकू से हमला
हरिद्वार से हैरान कर देने वाली खबर (Haridwar News) सामने आई है। यहां पर कुछ लोगों ने एक युवक को नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित एक निजी होटल में बुलाया। पहले तो उसके साथ मारपीट की और फिर उस पर चाकूओं से जानलेवा हमला कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए।
जानलेवा हमले के बाद फरार हो गए आरोपी
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने युवक को होटल में बुलाकर मारपीट की। इसके बाद उस पर चाकूओं से हमला कर दिया। पुलिस ने पीड़ित की मां की शिकायत पर हत्या के प्रयास का मुकदमा मामले की जांच शुरू की। इसस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य फरार साथियों की तलाश जारी है।
रायवाला का रहने वाला है आरोपी
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी का नाम शिवम उर्फ शुंभु है। आरोपी देहरादून के रायवाला का रहने वाला है। हमले घायल युवक की हालत गंभीर बताई जास रही है। जिसे जिला अस्पताल से हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है।
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खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हल्द्वानी में 2026- 27 से शैक्षणिक सत्र हो जाएगा शुरू

Sports University : खेल में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। खेल विश्वविद्यालय (Sports University) के लिए फंसा वनभूमि का पेंच अब पूरी तरह से हट गया है। अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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Sports University बनाने के लिए जमीन फंसा पेंच हटा
केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (Sports University Haldwani)बनाने के लिए जमीन की उपलब्धता के बारे में उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत गोलापार स्थित 12.317 हेक्टेयर वन भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का निर्माण होगा।
वन भूमि को लेकर काफी समय से बना हुआ था गतिरोध
ये जानकारी देते हुए खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि ये भूमि रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में चिह्नित है और इसे स्थानांतरित करने को लेकर काफी समय से गतिरोध बना हुआ था। पत्र में वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 1980 की धारा-2 के तहत यह मंजूरी दी गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वन भूमि का कानूनी दर्जा अपरिवर्तित रहेगा और कोई अतिरिक्त मार्ग नहीं बनाया जाएगा।
2026- 27 शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाएंगी कक्षाएं
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस सैद्धांतिक सहमति को अंतिम अनुमति में बदलने के लिए जरूरी शर्तों के जल्द से जल्द अनुपालन के निर्देश जारी कर दिए हैं। खेल विभाग का दावा है कि अगले 2026- 27 शैक्षणिक सत्र से हल्द्वानी Sports University की कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी जाएंगी।
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उत्तराखंड में शुरू होगी स्नो लेपर्ड साइटिंग, लद्दाख मॉडल पर किया जाएगा इसे शुरू, जानें क्यों है खास

Snow leopard sighting : उत्तराखंड में भी अब स्नो लेपर्ड साइटिंग शुरू होने जा रही है। लद्दाख मॉडल पर उत्तराखंड में इसे शुरू करने की तैयारी है। इससे लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में विंटर टूरिज्म बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
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उत्तराखंड में शुरू होगी Snow leopard sighting
प्रदेश में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कोशिश में लगी हुई है। इसी क्रम में अब प्रदेश में स्नो लेपर्ड साइटिंग, हेली-स्कीइंग और हिमालयन कार रैली को जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी है। इसीलिए अब प्रदेश में लद्दाख के मॉडल पर ही स्नो लेपर्ड साइटिंग शुरू होने जा रही है।
क्या होती है Snow leopard sighting ?
जब किसी क्षेत्र में हिम तेंदुआ (Snow Leopard) को देखा जाता है या फिर उसकी तस्वीरों को कैमरे में कैद किया जाता है तो उसे Snow Leopard Sighting कहा जाता है। आपको बता दें कि स्नो लेपर्ड यानी कि हिम तेंदुआ बेहद ही दुर्लभ जानवर है। जिसे बहुत ही कम देखा जाता है। इसलिए प्रकृति प्रेमी जो इसे देखने के इच्छुक होते हैं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड साइटिंग पर जाते हैं।

देश के कुछ पहाड़ी राज्यों में Snow leopard sighting होती है। जिसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। उत्तराखंड में भी जल्द ही ये शुरू होने जा रहा है। जिस से यहां के विंटर टूरिज्म को पंख लगने की उम्मीद है।
बेहद ही कम दिखाई देता है हिम तेंदुआ
आपको बता दें कि हिम तेंदुआ यानी कि स्नो लेपर्ड एक दुर्लभ और संरक्षित वन्यजीव है, जो अत्यधिक ठंडे और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रहता है। इसकी मोटी धूसर-सफेद खाल पर काले धब्बे होते हैं, जो बर्फीले इलाकों में इसे छिपने में मदद करते हैं। इसकी लंबी और झबरीली पूंछ संतुलन बनाए रखने और ठंड से शरीर को ढकने में सहायक होती है। खास बात ये है कि स्नो लेपर्ड ऊंची छलांग लगाने में सक्षम होता है और इसी कारण ये चट्टानी ढलानों पर आसानी से शिकार कर लेता है।

हिम तेंदुए सामान्यतः अकेले रहना पसंद करते हैं और यही कारण है कि ये बहुत कम दिखाई देते हैं। स्नो लेपर्ड मुख्य रूप से मध्य एशिया और हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे हिमालयी इलाकों में ये पाए जाते हैं। आमतौर पर हिम तेंदुआ 3,000 से 5,500 मीटर की ऊंचाई पर, बर्फीले और पथरीले पहाड़ों में निवास करता है।
FAQs: Snow Leopard Sighting
Q1. Snow Leopard Sighting क्या होती है?
जब किसी क्षेत्र में हिम तेंदुआ प्रत्यक्ष रूप से देखा जाए या उसकी तस्वीर/वीडियो कैमरे में कैद हो, तो उसे Snow Leopard Sighting कहा जाता है।
Q2. सरकार Snow Leopard Sighting क्यों शुरू कर रही है?
प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटकों को आकर्षित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार यह पहल कर रही है।
Q3. उत्तराखंड में Snow Leopard Sighting कहां शुरू हो सकती है?
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी और बर्फीले क्षेत्रों में, जहां हिम तेंदुए की मौजूदगी दर्ज की गई है, वहां इसे लद्दाख मॉडल पर शुरू किया जा सकता है।
Q4. हिम तेंदुआ इतना दुर्लभ क्यों माना जाता है?
हिम तेंदुआ अकेले रहना पसंद करता है, दुर्गम इलाकों में रहता है और इसका प्राकृतिक रंग बर्फ में घुल-मिल जाता है, इसलिए यह बहुत कम दिखाई देता है।
Q5. हिम तेंदुआ किन ऊंचाइयों पर पाया जाता है?
हिम तेंदुआ आमतौर पर 3,000 से 5,500 मीटर की ऊंचाई पर बर्फीले और पथरीले पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है।
Q6. भारत में Snow Leopard Sighting किन राज्यों में होती है?
भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अब जल्द उत्तराखंड में भी Snow Leopard Sighting की जा सकती है।
Q7. हिम तेंदुए की प्रमुख खासियतें क्या हैं?
इसकी मोटी धूसर-सफेद खाल, लंबी झबरीली पूंछ, ऊंची छलांग लगाने की क्षमता और ठंडे मौसम में जीवित रहने की अनुकूलता इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं।
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