Dehradun
देहरादून: घाटे में डूबे परिवहन निगम को नशे में धुत ड्राइवर ने दिया और झटका, खाली बस दौड़ाकर पहुंचा ऋषिकेश

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम पहले से ही 100 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में चल रहा है, ऐसे में ड्राइवरों की लापरवाही निगम की हालत और खराब कर रही है। कभी बेटिकट यात्रियों की शिकायतें, तो कभी बसों के तय रूट से भटकने की घटनाएं…अब इस लिस्ट में एक और चौंकाने वाला मामला जुड़ गया है।
ताजा घटना ऋषिकेश डिपो की है, जहां दिल्ली-ऋषिकेश-गोपेश्वर रूट पर चलने वाली एक बस को ड्राइवर ने शराब के नशे में खाली ही गोपेश्वर से ऋषिकेश तक दौड़ा दिया। न सिर्फ यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ हुआ, बल्कि निगम को सीधी आर्थिक चपत भी लगी।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, यह घटना शनिवार की सुबह की है। ऋषिकेश डिपो की बस (UK07-PA-6029) जब गोपेश्वर पहुंची, तो बायपास पर उसकी वायरिंग में तकनीकी खराबी आ गई। बस पर बाह्य स्रोत (आउटसोर्स) के चालक और परिचालक तैनात थे। चालक ने स्थानीय मैकेनिक से बस ठीक तो कराई, लेकिन इसके चलते बस निर्धारित समय पर नहीं चल सकी।
शाम को ड्राइवर ने शराब पी, और बस को बिना यात्रियों के सीधे ऋषिकेश की ओर लेकर रवाना हो गया। बताया जा रहा है कि परिचालक ने उसे रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वह नहीं माना। रात को बस ऋषिकेश पहुंची, और अगली सुबह उसे दूसरा चालक दिल्ली के लिए लेकर रवाना हुआ।
आय शून्य, खर्च डबल
चूंकि बस बिना यात्रियों के चली, परिवहन निगम को इस सफर से कोई आय नहीं हुई, उल्टा डीजल का पूरा खर्च निगम को खुद उठाना पड़ा। परिचालक ने मामले की शिकायत डिपो अधिकारियों से की, जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
कर्मचारी परिषद ने उठाई मांग
इस बीच, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश में हालिया आपदाओं के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से 30 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक सहायता की मांग की है। प्रांतीय महामंत्री दिनेश पंत द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में रास्ते बंद होने, बसों के फंसने और परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचने से निगम की हालत और खराब हो गई है।
मुख्यमंत्री से मदद की अपील
परिषद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि आपदा राहत कोष या अन्य फंड से तात्कालिक सहायता प्रदान की जाए, ताकि निगम के संचालन में स्थिरता लाई जा सके।
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त्योहारी सीजन के लिए देहरादून पुलिस का विशेष ट्रैफिक प्लान लागू

देहरादून: जैसे-जैसे त्योहारों की रौनक शहर में बढ़ रही है, वैसे-वैसे बाजारों में भीड़ और ट्रैफिक का दबाव भी साफ नजर आने लगा है। इसे देखते हुए देहरादून पुलिस ने कमान संभाल ली है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने शुक्रवार को घंटाघर, पल्टन बाजार और लक्खीबाग जैसे मुख्य बाजार क्षेत्रों का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि त्योहारी सीजन में आम जनता को ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से राहत देने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है। इसके तहत पल्टन बाजार क्षेत्र को ‘जीरो जोन’ घोषित किया गया है…जहां अब सिर्फ पैदल चलने की अनुमति होगी। वहीं शहर में कुल 14 पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं ताकि वाहन निर्धारित स्थानों पर ही पार्क हों और सड़कों पर जाम की स्थिति न बने।
पटाखा विक्रेताओं को भी मिले निर्देश
त्योहारों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पटाखा विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही बिक्री करें।
तकनीक का सहारा
सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरे, ट्रैफिक क्रेन और मोबाइल टीमें तैनात की गई हैं। इसके साथ ही पुलिस की ओर से एफएम रेडियो, सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से लगातार ट्रैफिक अपडेट्स जारी किए जा रहे हैं ताकि लोग जाम से बच सकें और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी समय रहते पा सकें।
जनता से सहयोग की अपील
एसएसपी ने देहरादूनवासियों से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और जहां संभव हो सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें ताकि सभी लोग त्योहारों की खुशियों का आनंद बिना किसी असुविधा के ले सकें।
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1 क्लिक…18 काम ! उत्तराखंड में घर बैठे मिलेंगी नगर निकाय की सभी जरूरी सेवाएं

देहरादून: उत्तराखंड के नगर निकायों में नागरिकों को अब लंबी कतारों और फाइलों के चक्कर से राहत मिलने जा रही है। जल्द ही प्रदेश के सभी नगर निकायों में 18 नागरिक सेवाएं पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगी। घर बैठे ही आप पानी का टैंकर मंगा सकेंगे…पालतू कुत्तों का पंजीकरण करा सकेंगे और फायर एनओसी जैसी अहम सेवाएं भी महज एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार म्युनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर (MSSC) प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तराखंड को 22.8 करोड़ रुपये की धनराशि भी मंजूर हुई है। यह योजना राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) के तहत चलाई जा रही है और गौर करने वाली बात यह है कि देशभर के केवल 10 राज्यों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है…जिनमें उत्तराखंड भी एक है।
क्या है MSSC प्रोजेक्ट?
आईटीडीए (सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी) के सहयोग से तैयार इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी नगर निकायों के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। इसके ज़रिए आम नागरिकों को कई सेवाएं मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही नगर निकायों में IT इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाएगा और कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना के तहत देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी और रुद्रपुर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर आधुनिक नगर सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यहां एक ही छत के नीचे सभी डिजिटल सेवाएं आम लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
ये 18 सेवाएं होंगी डिजिटल…
प्रॉपर्टी टैक्स का आकलन और भुगतान
विविध शुल्क संग्रहण
पानी व सीवरेज कनेक्शन प्रबंधन
ट्रेड लाइसेंस और उसका भुगतान
जन शिकायत निवारण प्रणाली
फायर एनओसी जारी करना
वित्त और लेखा प्रबंधन मॉड्यूल
सेप्टिक टैंक और स्लज प्रबंधन
पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन
ई-वेस्ट मैनेजमेंट
कम्युनिटी हॉल बुकिंग
नगर परिसंपत्तियों का प्रबंधन
रेहड़ी-ठेली वालों का रिकॉर्ड और प्रबंधन
विज्ञापन और होर्डिंग परमिशन
निर्माण और ध्वस्तीकरण कचरा प्रबंधन
पेयजल टैंकर/मोबाइल टॉयलेट जैसी नागरिक सेवाएं
नगर सेवा केंद्र सेवाएं
जीआईएस आधारित सेवाएं
पहले से संचालित जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल को भी इस सिस्टम में जोड़ा जाएगा।
सचिव नितेश झा शहरी विकास एवं आईटी ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। MSSC प्रोजेक्ट से ना सिर्फ नगर निकायों की कार्यक्षमता बढ़ेगी…बल्कि नागरिकों को पारदर्शी, तेज और सरल सेवाएं मिलेंगी। ITDA की मदद से एकीकृत मंच तैयार किया जा रहा है…जिससे सभी सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी।
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उत्तराखंड में वायरल फीवर से मौतें, स्वास्थ्य विभाग ने जांच के दिए निर्देश

देहरादून: अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक में पिछले पखवाड़े से रहस्यमय वायरल फीवर का प्रकोप जारी है जिससे अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच रुड़की में भी बुखार से तीन मौतें हुई हैं…जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीएमओ अल्मोड़ा और सीएमओ हरिद्वार को प्रभावित इलाकों में जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ अल्मोड़ा को धौलादेवी ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजने और मरीजों के सैंपल लेकर जांच करवाने का आदेश भी दिया गया है।
धौलादेवी में वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों के प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैं। मरीजों के परिजन और स्थानीय जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य विभाग की धीमी कार्रवाई को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि टीम मौके पर जाकर इलाज करेगी और सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही रुड़की में भी बुखार से हुई मौतों की जांच के लिए सीएमओ हरिद्वार को विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की यह पहल इस गंभीर स्थिति पर जल्द नियंत्रण पाने की कोशिश है।
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