Dehradun
राज्य गठन के बाद औद्योगिक क्षेत्र में 24 गुना बढ़ा पूंजी निवेश , रोजगार में भी हुई ऐतिहासिक बढ़ोतरी….

देहरादून : उत्तराखंड में बीते 24 वर्षों में औद्योगिक विकास ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है। राज्य गठन के बाद से अब तक उद्योगों की संख्या में छह गुना वृद्धि हुई है, जबकि औद्योगिक पूंजी निवेश में 24 गुना और रोजगार के अवसरों में 10 गुना बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, औद्योगिक विकास मुख्य रूप से राज्य के मैदानी जिलों तक ही सीमित रहा है, लेकिन अब राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में भी उद्यान, कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कदम उठा रही है।
प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 48 प्रतिशत तक पहुँच गया है। औद्योगिक विकास में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) का बड़ा योगदान रहा है, क्योंकि यह क्षेत्र कम पूंजी निवेश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करता है।
औद्योगिक विकास में अद्वितीय बढ़ोतरी
राज्य गठन से पहले, 1990 के दशक में उत्तराखंड में कुल 14,163 एमएसएमई उद्योग थे, जिनमें 700 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ था और 38,500 लोगों को रोजगार मिला था। लेकिन अब राज्य गठन के 24 वर्षों में यह संख्या बढ़कर 74,326 हो गई है, जिनमें 16,357 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और चार लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इस दौरान औद्योगिक इकाइयों की संख्या में छह गुना वृद्धि, पूंजी निवेश में 24 गुना और रोजगार में 10 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
निवेश में सुगमता और स्टार्टअप को बढ़ावा
प्रदेश सरकार ने निवेश को सुगम बनाने के लिए वर्ष 2016-17 में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया। इस प्रणाली के तहत दिसंबर 2024 तक कुल 12,380 औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृति दी गई, जिनमें लगभग 13,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस निवेश से अनुमानित 8.80 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा, सरकार ने 2018 में स्टार्टअप नीति लागू की, जिसके तहत अब तक 192 स्टार्टअप को मान्यता प्राप्त हो चुकी है। इनमें से 26 प्रतिशत ने कृषि एवं खाद्य आधारित कारोबार को अपनाया है, जबकि 19 प्रतिशत स्टार्टअप आईटी, 18 प्रतिशत हेल्थकेयर, 13 प्रतिशत ऊर्जा एवं परिवहन और पांच प्रतिशत हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक विकास की नई दिशा
धामी सरकार अब औद्योगिक विकास को संतुलित करने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, उद्यान, जड़ी-बूटी और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इससे न केवल पर्वतीय जिलों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचने का मौका मिलेगा।
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व्हाट्सएप पर IAS मीनाक्षी सुंदरम के नाम से मांगे जा रहे पैसे, एसएसपी से की शिकायत

देहरादून: देहरादून। उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम एक बार फिर साइबर अपराधियों के निशाने पर आ गए हैं। इस बार उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल बनाई गई है…जिससे कई लोगों को मैसेज भेजकर पैसों की मांग की जा रही है।
इस गंभीर मामले की शिकायत मीनाक्षी सुंदरम ने सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून से की है। शिकायत में उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक मोबाइल नंबर की व्हाट्सएप प्रोफाइल पर उनकी तस्वीर लगाई है और खुद को मीनाक्षी सुंदरम बताते हुए कई अधिकारियों और परिचितों से आर्थिक मदद के नाम पर पैसे मांगे हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की हरकत उनके नाम पर की गई है। इससे पहले भी कुछ विभागीय अधिकारियों को उनके नाम से संदेश भेजे गए थे, जिनमें बिना वजह पैसे मांगे गए थे।
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की शिष्टाचार भेंट, चारधाम यात्रा और मानसून तैयारियों पर चर्चा

देहरादून : उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्य में संचालित चारधाम यात्रा, मानसून से जुड़ी तैयारियों तथा अन्य समसामयिक विषयों पर राज्यपाल और मुख्य सचिव के बीच विस्तृत चर्चा हुई।
राज्यपाल ने चारधाम यात्रा की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। साथ ही, मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सड़क और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने राज्यपाल को इन विषयों पर अद्यतन जानकारी प्रदान की और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया।
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कांवड़ मेला-2025 के लिए मुख्यमंत्री धामी ने की प्रशासनिक बैठक, सुरक्षा इंतजामों को किया पुख्ता

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आगामी कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा हेतु प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण बैठक की। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्षों की व्यवस्थाओं का विस्तृत विश्लेषण कर कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न हुई चुनौतियों की समीक्षा की और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि इस वर्ष कोई भी अवांछनीय घटना न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़, उपद्रव या अन्य असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शिविर संचालकों, कार्यरत कर्मियों, वॉलंटियर्स और धर्मशाला/होटल में ठहरने वाले श्रद्धालुओं का पूर्ण सत्यापन कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्स-रे सिस्टम, अग्निशमन उपकरण, फायर टेंडर और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखने तथा जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन के लिए वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी और ड्रोन से निरंतर निगरानी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने पर विशेष जोर दिया गया।
यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अलग प्लान तैयार कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। आतंकवाद से जुड़े खतरे को देखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती भी सुनिश्चित करने को कहा गया।
हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस और बैकअप की व्यवस्था करने के साथ-साथ सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने तथा आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों और जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश दिए गए। यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे और लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध करने और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य करने को भी कहा गया।
कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से देने के निर्देश भी दिए गए। लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने पर प्रतिबंध लगाने हेतु प्रचार अभियान चलाने और यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए।
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए महिला घाटों एवं धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध करने पर भी जोर दिया गया। साथ ही अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान, सोशल मीडिया पर निगरानी, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को आगामी तीन दिनों के भीतर कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने और कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए।
बैठक में गृह सचिव श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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