Rajasthan
आसाराम को मिली अंतरिम जमानत, 31 मार्च 2025 तक रहेंगे जेल से बाहर…

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जोधपुर रेप केस के दोषी आसाराम को 75 दिन की अंतरिम जमानत दी है। मंगलवार को जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की बेंच ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि आसाराम 31 मार्च 2025 तक जेल से बाहर रहकर अपना इलाज करवा सकेंगे। इस दौरान, उन्हें किसी भी अनुयायी से मिलने की अनुमति नहीं होगी, और न ही वे मीडिया में कोई बयान जारी कर सकेंगे। इसके अलावा, उन्हें 24 घंटे तीन पुलिसकर्मियों की निगरानी में रहकर इलाज करवाने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की शर्तों पर मिली जमानत
आसाराम के वकील आर. एस. सलूजा ने 8 जनवरी को हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर 6 दिन बाद यह फैसला आया। आसाराम की उम्र 86 वर्ष है, और उन्हें हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए उन्हें अंतरिम जमानत मंजूर की थी, और अब राजस्थान हाईकोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के अनुसार यह जमानत प्रदान की है।
सजा और मामला
आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर की निचली अदालत ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में आसाराम के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे थे, और अब उन्हें इलाज के लिए यह अंतरिम जमानत दी गई है।
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राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से मचा हाहाकार: अभी तक 4 बच्चों की दर्दनाक मौत, कई गंभीर…लापरवाही से उजड़े घर !

झालावाड़ (राजस्थान): राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। मनोहर थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत अचानक गिर पड़ी, जिससे पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे मलबे के नीचे दब गए। हादसे में अब तक 4 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है…जबकि 17 से ज्यादा बच्चे घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है…जिन्हें झालावाड़ के बड़े अस्पताल में रेफर किया गया है।
हादसे के वक्त कक्षा में करीब 60 बच्चे मौजूद थे। राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमों ने अब तक मलबे से 32 बच्चों को बाहर निकाला है। बाकी बच्चों की तलाश तेज़ी से जारी है। घटनास्थल पर पुलिस बल, दांगीपुरा थाना अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी मौजूद हैं।
पुरानी बिल्डिंग बनी हादसे की वजह
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की इमारत काफी पुरानी और जर्जर हालत में थी….जिसकी मरम्मत लंबे समय से नहीं कराई गई थी। शुक्रवार को अचानक पूरी छत गिर गई और स्कूल में मौजूद बच्चे उसकी चपेट में आ गए।
मंत्री का ऐलान….लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
घटना पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने जिला कलेक्टर से पूरी जानकारी लेकर राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। मंत्री ने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
तीसरी ऐसी दर्दनाक घटना
राजस्थान में इस साल यह तीसरी बार है जब स्कूल में इस तरह की बड़ी लापरवाही सामने आई है। फरवरी में बीकानेर में पानी की टंकी की छत गिरने से 3 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि बाड़मेर के चोहटन में स्कूल की दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत हुई थी। करौली में भी स्कूल की छत से रिसाव की तस्वीरें हाल ही में सामने आई थीं।
सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतें मासूम बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं और हर हादसा एक बार फिर यही सवाल खड़ा करता है….कब सुधरेगी ये व्यवस्था?
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देश में पहली बार ब्लड प्रेशर पर काबू पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा तैयार, 10 साल की मेहनत लाई रंग, अब पेटेंट का इंतजार !

राजस्थान: अगर आप सोचते हैं कि ब्लड प्रेशर एक सामान्य बीमारी है तो यह खबर आपके लिए है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर ने ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए एक नई दवा तैयार की है, जो न केवल प्रभावी है बल्कि इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। इस दवा का विकास वर्षों की रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल के बाद किया गया है और यह खास 9 प्रकार की जड़ी-बूटियों से तैयार की गई है।
नेशनल आयुर्वेद संस्थान के द्रव्यगुण डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. सुदीप्त रथ ने बताया कि उनकी टीम ने ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए 10 साल तक रिसर्च की और इसके बाद इस आयुर्वेदिक कैप्सूल का निर्माण किया। उनका कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान यह कैप्सूल न केवल प्रभावी रहा, बल्कि इसके किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स का भी पता नहीं चला।
डॉ. रथ के अनुसार, “ब्लड प्रेशर एक सामान्य बीमारी दिखाई देती है, लेकिन लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने से यह शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर असर डाल सकता है, जैसे कि दिल, किडनी और दिमाग।” इस दवा को पेटेंट करने के बाद, इसमें इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की इस दवा के लिए हुए रिसर्च और ट्रायल के बाद, अब इसे पेटेंट कराया जाएगा और फिर आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
आयुर्वेदिक दवाओं की इस नई खोज से न केवल ब्लड प्रेशर के मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि यह एक प्रभावी विकल्प के रूप में सामने आएगी। डॉ. रथ ने यह भी कहा कि इस दवा को लेकर सभी क्लिनिकल ट्रायल और प्री-क्लिनिकल अध्ययन सफल रहे हैं, और अब इसे पेटेंट प्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हाई ब्लड प्रेशर का प्रसार लगभग 22.6 प्रतिशत है, जिसमें पुरुषों की दर महिलाओं से अधिक है। शहरी क्षेत्रों में यह बीमारी अधिक पाई जाती है, और विशेष रूप से डिप्रेशन के कारण लोग इससे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, जिससे दिल का दौरा, चेस्ट पेन और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
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स्वदेशी नाग Mk 2 मिसाइल के अचूक निशाने से दुश्मन होगा बेबस, जानें इसकी खासियत…

जयपुर: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 13 जनवरी को पोखरण फील्ड रेंज में स्वदेशी नाग मिसाइल Mk 2 का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक मिसाइल है, जो ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक का मतलब है कि एक बार निशाना लगाने के बाद मिसाइल खुद ही लक्ष्य को नष्ट कर देती है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षणों के दौरान नाग मिसाइल प्रणालियों ने अधिकतम और न्यूनतम सीमा के सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया। इससे मिसाइल की लक्ष्य भेदन क्षमता की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही नाग मिसाइल वाहक संस्करण-2 का भी वास्तविक स्थिति में परीक्षण किया गया, और अब यह पूरी हथियार प्रणाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है।
नाग मिसाइल को DRDO ने 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया है। इसका पहला सफल परीक्षण 1990 में किया गया था। इसके बाद 2017, 2018 और 2019 में भी इसके विभिन्न परीक्षण किए गए, जिनमें हर बार नई तकनीक जोड़ी गई। नाग मिसाइल भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगी, जो दुश्मन के टैंकों के खिलाफ भारत की सैन्य ताकत को कई गुना बढ़ा देगी।
नाग मिसाइल डीआरडीओ के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम का हिस्सा है और यह सेना को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के सफल परीक्षण से भारत की रक्षा क्षमताओं में नया मुकाम हासिल हुआ है।
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