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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई संपन्न, अगस्त में होगा विधानसभा सत्र, जानें कैबिनेट के अहम फैसले।

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक राज्य सचिवालय में संपन्न हुई। बैठक शोक प्रस्ताव के साथ शुरू हुई। जिसमें उत्तराखंड के पांच जवानों के बलिदान पर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को भी श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में कुल 22 प्रस्ताव रखे गए।
बैठक में तय किया गया कि विधानसभा का सत्र अगस्त में आयोजित होगा। सीएम को तिथि और स्थान तय करने के लिए अधिकृत किया गया। वहीं, उत्तराखंड काष्ठ आधारित उद्योग स्थापना नियमावली 2024 पर मुहर लगी। साथ ही स्टांप ड्यूटी को लेकर भी निर्णय लिया गया।
ये हुए अहम फैसले
- औद्योगिक विकास – सिडकुल के स्थायी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत पुनरीक्षण भत्ता मिलेगा।
- स्टाम्प संशोधन नियमावली का प्रस्ताव रखा गया। अब पांच लाख तक के कृषि ऋण पर स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगेगी।
- 50% तक महंगाई भत्ते का निर्णय पूर्व में हुआ था। जिसमें अब ग्रेच्युटी की सीमा 25 लाख की गई है।
- एक्सटर्नल एडेड प्रोजेक्ट में तकनीकी परीक्षण के लिए सचिव नियोजन की अध्यक्षता में गठित कमेटी पांच करोड़ से ऊपर की सिफारिश करेगी। उसके बाद हाई पावर कमेटी निर्णय लेगी। अब तक केवल हाई पवार कमेटी ही सिफारिश करती थी।
- सचिवालय प्रशासन- पुरानी जगह से यहां आए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पुरानी सेवा का लाभ भी मिलेगा।
- उत्तराखंड काष्ठ आधारित उद्योग स्थापना नियमावली 2024 पर मुहर।
- वन विकास निगम के 2020-21 के वार्षिक लेखों को अनुमोदन।
- उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार नियमावली 2024 को अनुमोदन।
- यूपी एनाटोमी एक्ट 1956 के तहत लावारिस शवों की बरामदगी के तहत डीएनए सैंपल लेते हुए पब्लिसिटी करेंगे। 15 दिन बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज में दे दिया जाएगा।
- स्वास्थ्य विभाग- मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ व हरिद्वार में नर्सिंग की 240-240 पदों पर सीधी भर्ती रजिस्ट्रेशन चार्ज, एम्बुलेंस चार्ज एक जैसे होंगे।
- ओपीडी शुल्क 13 से घटाकर 10 रुपये, जिला चिकित्सालय में 28 से 20 रुपये, आईपीडी में सीएचसी में 25 रुपये किया गया।
- एडमिशन चार्ज- जनरल वार्ड में पीएचसी के लिए चौथे दिन से 17 से 10 रुपये किया। सीएचसी में 17 से 15 रुपये, अर्बन हॉस्पिटल में 57 से 25 रुपए किया गया।
- प्राइवेट वार्ड में डबल बेड 230 से 150 रुपये और सिंगल 428 से 300 रुपये किया गया। एसी में 1429 से 1000 रुपये किया।
- एम्बुलेंस में पांच किलोमीटर तक 315 रुपये था, 200 किया। इसके बाद हर किलोमीटर पर 63 से घटाकर 20 रुपये किया गया। यह केवल सरकारी एम्बुलेंस पर लागू होगा।
- लैब चार्ज में सीजीएचएस के रेट अपनाए जाएंगे। पहले लोवर से हायर सेंटर रेफर पर केवल एक बार रजिस्ट्रेशन चार्ज देय होगा। अस्पताल बदलने पर दोबारा पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं होगी।
- इन अस्पतालों में मरीज की मौत होने पर एंबुलेंस से निशुल्क घर तक छोड़ा जाएगा।
- शिक्षा विभाग – विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित हैं। उनके संचालन को प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट के 25 पद सृजन की मजूंरी।
- एनसीसी की चंपावत में दो कंपनी को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया।
- उरेड़ा के ढांचे के 119 पदों का पुनर्गठन कर 148 किया गया।
- कार्मिक विभाग- विजिलेंस के रिवोल्विंग फंड के लिए नियमावली को अनुमोदन।
- सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली में एक चयन को पृथक किया गया।
- नैनी सैनी एयरपोर्ट को राज्य सरकार स्वयं चलाएगी। पहले इसे एयर फोर्स को देने की बात हुई थी।
- पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 212 हेक्टेयर जमीन को मंजूरी।
- हाउस ऑफ हिमालयाज के वित्तीय और प्रशासनिक नियम बनाने और आर्गेनिक ब्रांड को सहमति।
- किसी भी व्यक्ति या संस्थाओं द्वारा बदरीनाथ, केदारनाथ धाम के नाम से कोई ट्रस्ट आदि बनाया जाता है तो इससे राज्य सरकार कड़े विधिक प्रावधान लागू करेगी। मिलते जुलते नामों को लेकर भी कड़ा कानून बनेगा। धर्मस्व विभाग जल्द तैयार करके मंत्रिमंडल में प्रस्ताव लाएगा।
- सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज को प्रदेश के किसी विवि में खोलने की सहमति बनी।
- पांच लाख तक के टेंडर उत्तराखंड के स्थानीय ठेकेदारों को मिलेंगे। नियोजन विभाग ठेकेदारों की क्षमता विकास को भी प्रशिक्षण देगा।
- विधानसभा सत्र अगस्त में होगा। सीएम को तिथि और स्थान तय करने के लिए अधिकृत किया गया।
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बिना लाइसेंस नहीं बिकेगा खाना! कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को दिखाना होगा फूड लाइसेंस

धामी सरकार का बड़ा ऐलान, कांवड़ यात्रा मार्ग में खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदार को अपनी दुकान पर फूड लाइसेंस प्रमुखता से प्रर्दशित करना जरूरी
कांवड़ यात्रा मार्ग में बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री बेचने वाली दुकानों पर होगी कड़ी कार्रवाई, धामी सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए जारी किए सख्त दिशा-निर्देश
देहरादून : श्रद्धा और आस्था के महापर्व कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने एक सख्त और समर्पित कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत लाखों श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए व्यापक निगरानी अभियान चलाया जाएगा।
कानूनी कार्रवाई व ₹2 लाख तक का जुर्माना
कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए शासन ने सख्त व्यवस्था लागू कर दी है। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा इस संबंध में यात्रा मार्गों पर मौजूद सभी होटल, ढाबा, ठेली, फड़ व अन्य खाद्य कारोबारियों को कुछ जरूरी निर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है, हर खाद्य कारोबारी को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र की एक साफ-सुथरी प्रति अपने प्रतिष्ठान में प्रमुख जगह पर लगानी होगी, ताकि उपभोक्ता उसे आसानी से देख सकें। छोटे व्यापारियों व ठेले-फड़ वालों को भी अपना पंजीकरण प्रमाण पत्र अपने पास रखना और प्रदर्शित करना जरूरी होगा। होटल, भोजनालय, ढाबा और रेस्टोरेंट में ’फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड’ भी साफ-साफ दिखाई देने वाले स्थान पर लगाया जाना चाहिए, जिससे ग्राहक को यह पता चल सके कि खाने की गुणवत्ता की जिम्मेदारी किसकी है। जो कारोबारी ये निर्देश नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें ₹2 लाख तक का जुर्माना लग सकता है। सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों का कड़ाई से पालन हो। श्रद्धालुओं की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा कांवड़ यात्रा के दौरान पंडालों, भंडारों और अन्य भोजन केंद्रों पर परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मिलावटखोरों और मानकों से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों की सेहत हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
खाद्य पदार्थों की सघन जांच का अभियान
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री ताजबर सिंह जग्गी ने कहा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की विशेष टीमें हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में तैनात की गई हैं। ये टीमें नियमित रूप से पंडालों से दूध, मिठाई, तेल, मसाले, पेय पदार्थ आदि के नमूने लेंगी और जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजेंगी। अगर कोई नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरता तो संबंधित स्थल को तत्काल बंद कर दिया जाएगा। अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री ताजबर सिंह जग्गी ने कहा सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना लाइसेंस खाद्य व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। मिलावट या नियम उल्लंघन करने वालों को आर्थिक दंड के साथ-साथ आपराधिक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा।
जागरूकता और शिकायत व्यवस्था
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री ताजबर सिंह जग्गी ने कहा आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) माध्यमों से जनता और संचालकों को शुद्ध भोजन की पहचान, खाद्य नियमों और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर दृ 18001804246 पर कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत पर प्रशासनिक टीमें तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगी।
नियमित रिपोर्टिंग और अधिकारी जिम्मेदार
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री ताजबर सिंह जग्गी ने बताया हर जिले से प्रतिदिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आस्था के पर्व में स्वास्थ्य का संकल्प
उत्तराखंड शासन ने सभी धार्मिक संस्थाओं, भंडारा संचालकों और खाद्य विक्रेताओं से अपील की है कि वे श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए केवल शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन परोसें। सरकार की मंशा है कि श्रद्धा और स्वास्थ्य दोनों का संतुलन इस पावन यात्रा में बना रहे।
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उत्तराखंड पर्यटन को लेकर राज्यपाल गुरमीत सिंह की गहन समीक्षा, सचिव से ली विस्तृत जानकारी

देहरादून : उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को पर्यटन सचिव श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने राजभवन देहरादून में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने उनसे राज्य में चारधाम यात्रा की प्रगति, पर्यटन विकास योजनाओं, और आगंतुक सुविधाओं को लेकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
राज्यपाल ने पर्यटन सचिव से चारधाम यात्रियों की सुरक्षा, सुव्यवस्थित आवागमन एवं पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों को स्थायी विकास के मॉडल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने अधिकारियों से आग्रह किया कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं, स्वच्छता और डिजिटल गाइडेंस जैसी सेवाएं सुनिश्चित की जाएं ताकि उत्तराखंड एक सुरक्षित, सुंदर और स्मार्ट पर्यटन राज्य के रूप में पहचान बनाए।
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सीएम धामी की अध्यक्षता में कैंपा शासी निकाय की बैठक, ग्रीन कवर, जलस्रोत संरक्षण और वनाग्नि रोकथाम पर दिए निर्देश

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कैंपा (क्षतिपूर्ति वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) की शासी निकाय की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कैंपा निधि के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।
वनीकरण और पर्यावरणीय संतुलन पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैंपा फंड का उपयोग राज्य में वनों के सतत प्रबंधन, वानिकी विकास, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, तथा वनों पर आश्रित समुदायों के क्ल्याण के लिए प्रभावी रूप से किया जाए। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त कर फंड का इस्तेमाल किया जाए।
जलस्रोत संरक्षण को मिले शीर्ष प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए एक समग्र और प्रभावी योजना तैयार की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि वन विभाग के साथ-साथ पेयजल, जलागम, ग्राम्य विकास और कृषि विभाग मिलकर संयुक्त कार्य योजना बनाएं।
वनाग्नि रोकथाम के लिए तकनीक और जन भागीदारी जरूरी
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि रोकथाम को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया कि इसमें आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के साथ सामुदायिक भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि केवल वृक्षारोपण तक सीमित न रहकर, पौधों के सर्वाइवल रेट पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
कैंपा परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री ने कैंपा निधि से संचालित सभी परियोजनाओं की गुणवत्ता, समयबद्धता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा बैठकें करने के निर्देश दिए।
हरेला पर्व पर व्यापक वृक्षारोपण का आह्वान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरेला पर्व पर पूरे राज्य में फलदार और औषधीय पौधों का व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने आमजन को “एक पेड़ मां के नाम” लगाने के लिए प्रेरित करने की बात कही।
गौरा देवी की शताब्दी पर पौधारोपण का विशेष अभियान
सीएम धामी ने वन विभाग को निर्देश दिए कि गौरा देवी की जन्म शताब्दी पर प्रदेश के सभी वन डिवीजनों में फलदार पौधे रोपे जाएं, ताकि इस अवसर को पर्यावरणीय चेतना से जोड़ा जा सके।
वन मंत्री का सुझाव: रोजगार से जोड़े जाएं स्थानीय लोग
बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि स्थानीय लोगों को वन संरक्षण के कार्यों से जोड़ने के लिए स्वरोजगार और आजीविका आधारित कार्यक्रम शुरू किए जाएं, जिससे उनकी भागीदारी और वन संपदा का सतत उपयोग सुनिश्चित हो सके।
इन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने की बैठक में भागीदारी
बैठक में विधायक श्री भूपाल राम टम्टा, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख वन संरक्षक श्री समीर सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री चन्द्रेश कुमार, श्री एस. एन. पाण्डेय, श्री श्रीधर बाबू अदांकी सहित वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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