Dehradun
बुजुर्गों की प्रताड़ना पर डीएम सविन बंसल का सख्त रुख, बेटों को संपत्ति से बेदखल करने की चेतावनी।

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में सोमवार को ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 60 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें ज्यादातर मामले भूमि विवाद, स्वास्थ्य, नगर निगम, शिक्षा, और सामाजिक कल्याण से संबंधित थे। जिलाधिकारी ने समस्याओं को गंभीरता से सुना और कई मामलों में मौके पर ही निर्देश जारी किए।
निरंजनपुर निवासी एक बुजुर्ग व्यक्ति ने शिकायत की कि वह अपनी निर्विवाद विरासतन जमीन दर्ज कराने के लिए वर्षों से भटक रहे हैं। उनकी समस्या पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को निर्देश दिया कि शाम तक मामले की वस्तुस्थिति से अवगत कराएं और उचित कार्रवाई करें।
प्रेमनगर निवासी एक महिला ने बताया कि वह एक निजी स्कूल में काम करती थीं, लेकिन पिछले दो महीनों का वेतन और फंड का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को तुरंत कार्रवाई करने को कहा।
कार्यक्रम में एक बुजुर्ग दंपत्ति ने जिलाधिकारी को बताया कि उनके बेटे उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने बेटों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे अपने बड़ों का आदर करें, अन्यथा भरण-पोषण अधिनियम के तहत संपत्ति से बेदखल करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पुलिस विभाग को सीनियर सिटिजन सेल के माध्यम से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
एक अन्य शिकायत में जिला अस्पताल में संविदा पर कार्यरत एक प्लंबर ने बताया कि उनका वेतन बढ़ाया नहीं जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस को निर्देश दिया कि श्रम विभाग की प्रचलित दरों के अनुसार वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें। ऐसा न होने पर संबंधित अधिकारी के वेतन से कटौती की जाएगी।
तपोवन निवासी एक महिला ने शिकायत की कि विकासनगर तहसील के फूलसनी क्षेत्र में 2007 में खरीदी गई उनकी जमीन पर उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर लिया है। जिलाधिकारी ने महिला को सरकारी वकील की सहायता दिलाने का निर्देश दिया।
दीपनगर निवासी एक बुजुर्ग विधवा महिला ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और उनके पास आय का कोई साधन नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने तुरंत उनका 1/3 बिजली बिल माफ कर दिया और समाज कल्याण विभाग से उनकी वृद्धावस्था पेंशन भी स्वीकृत कराई।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
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Dehradun
उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 3 जिलों के DM समेत 44 अधिकारियों के तबादले





Accident
उत्तरखड़: सड़क पर दौड़ रही थी टैक्सी, ड्राइवर को अचानक आया अटैक, पर्यटकों की अटकी सांसे

मसूरी: पर्यटन नगरी मसूरी के नजदीक सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब धनौल्टी से लौट रहे एक टैक्सी चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। घटना उस वक्त हुई जब चालक कार चला रहा था, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई…हालांकि गाड़ी में सवार चार पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित बच गए।
यह दुर्घटना टिहरी बाईपास मार्ग पर लक्ष्मणपुरी क्षेत्र में नगर पालिका परिषद के कूड़ा कलेक्टिंग सेंटर के पास हुई। हादसे के तुरंत बाद चालक को 108 एंबुलेंस के जरिए उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पहचान हरिद्वार निवासी कपिल अरोड़ा (उम्र करीब 40 वर्ष), पुत्र स्व. अनिल अरोड़ा के रूप में हुई है। कपिल स्विफ्ट डिज़ायर टैक्सी (यूके08-टीए-6149) चला रहे थे और धनौल्टी से देहरादून होते हुए हरिद्वार लौट रहे थे।
आखिरी पलों में दिखाई सूझबूझ
कार में सवार पश्चिम बंगाल से आए पर्यटकों ने बताया कि चलती गाड़ी में ही कपिल को चक्कर जैसा महसूस हुआ। इसके बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभालते हुए गाड़ी को साइड में लगाने की कोशिश की, जिससे कार पैराफिट से टकरा गई। अगर चालक ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो कार सीधे गहरी खाई में गिर सकती थी और एक बड़ा हादसा हो सकता था।
पर्यटक सुरक्षित, भेजे गए हरिद्वार
कार में सवार सभी पर्यटक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जिनमें पुरबस्त हल, डाइसेल, पूरतराड़ निवासी राजेल मुखर्जी (उम्र 45 वर्ष), ढंगन निवासी अनकटी नाथ, पुत्र आलोक नाथ और शेम नाथ गराई शामिल हैं। सभी को मसूरी पुलिस द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें अन्य वाहन से हरिद्वार भेज दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
मसूरी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला स्वाभाविक मृत्यु (दिल का दौरा) का प्रतीत होता है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
Dehradun
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस, मामला दिल्ली तक पहुंचा

देहरादून: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। अब ये मामला ना केवल प्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसके बाद से अब देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
बीते दो दिनों से उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को सिडकुल द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद हर ओर इसकी चर्चा हो रही है। पत्रकारों से लेकर समाजसेवी तक अजीत राठी के समर्थन में उतर गए हैं। इसके साथ ही विपक्ष ने भी उनके समर्थन में बात की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी अजीत राठी के समर्थन में सोशल मीाडिया पर पोस्ट किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनके पोस्ट के बाद से दिल्ली में सत्ता के गलियारों में भी इसकी चर्चा हो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर अपनी पोस्ट में लिखा है कि “एक बार फिर बीजेपी ने राज्य का भविष्य कॉरपोरेट मुनाफ़े के लिए गिरवी रख दिया गया। विडंबना ये है कि जवाबदेही तय करने के बजाय मुख्यमंत्री धामी की सरकार डराने-धमकाने पर उतर आई है।
इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे अपनी रिपोर्ट वापस लेने और लिखित माफ़ी मांगने की मांग की गई है। जनसंपत्ति की इस निर्लज्ज लूट और सच्चाई को कुचलने की कोशिश ने बीजेपी का असली चेहरा उजागर कर दिया है — एक ऐसा चेहरा जो भ्रष्ट, आपराधिक और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह बेपरवाह है।”
इसके साथ ही इस मामले में अब प्रेस क्लब ऑफ इंडिया द्वारा भी एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि अजीत राठी को मिला नोटिस उत्तराखंड सरकार की ऐसी कार्रवाइयाँ लोकतांत्रिक संवाद को दबाने और पत्रकारों को तथ्यों की रिपोर्टिंग करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के उद्देश्य से सत्तावादी प्रवृत्तियों से उपजी हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मांग करता है कि राज्य प्रशासन उत्पीड़न की ऐसी हरकतें तुरंत बंद करे और सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों से एकजुट होकर मीडिया को धमकाने वाली ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों को विफल करने की अपील करता है।
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