Rudraprayag
मुख्यमंत्री धामी की नाराजगी का असर, तुंगनाथ डोली मामले में वन अधिकारी पर हुई कार्रवाई….

रुद्रप्रयाग: सोमवार को उत्तराखंड के तृतीय केदार, तुंगनाथ मंदिर के शीतकालीन कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली मक्कूमठ स्थित शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। लेकिन, रास्ते में एक अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब डोली मक्कू बैंड पर वन विभाग द्वारा बनाए गए ईको हट्स के कारण करीब पांच घंटे तक रुकने पर मजबूर हो गई।
वन विभाग की इस लापरवाही के कारण भगवान तुंगनाथ की डोली को घंटों इंतजार करना पड़ा, जिससे भक्तों और श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। यह घटना अधिकारियों और स्थानीय लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई, क्योंकि तुंगनाथ की डोली का मार्ग बंद होने से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
कार्रवाई और जिम्मेदारी का निर्धारण: इसी कड़ी में वन विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि उप वन क्षेत्राधिकारी, कुंवर लाल को मौके पर पहुंचने में अत्यधिक विलंब हुआ और समस्या का समाधान निकालने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए। इस लापरवाही को उत्तरांचल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन माना गया।
इसके बाद, प्रभागीय कार्यालय, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग ने उप वन क्षेत्राधिकारी कुंवर लाल को “संबद्ध” कर दिया, जिससे यह साफ हो गया कि वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के लिए जिम्मेदार थे।

वन विभाग की सफाई: वन विभाग ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ईको हट्स निर्माण का काम पहले से तय था, लेकिन उच्च अधिकारियों की मंजूरी और समन्वय की कमी के कारण तुंगनाथ की डोली का मार्ग अवरुद्ध हो गया। विभाग ने इस गलती को स्वीकार करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर समन्वय की व्यवस्था करने का वादा किया है।
अधिकारियों की ओर से जल्द सुधार की उम्मीद: अब देखना यह होगा कि वन विभाग इस घटना के बाद क्या सुधारात्मक कदम उठाता है, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही से श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। साथ ही, इस घटना से धार्मिक स्थलों के आस-पास के मार्गों पर और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।
Uttarakhand
जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों को जोड़ने वाली Jawadi Motor Road बदहाल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
रुद्रप्रयाग: भरदार पट्टी के दर्जनों गांवों और मां मठियाणा मंदिर को जोड़ने वाला Jawadi Motor Road इस समय गंभीर रूप से जर्जर स्थिति में है। मार्ग की हालत इतनी खराब है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में यह रास्ता किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
Jawadi Motor Road की खराब हालत, ग्रामीणों में चिंता बढ़ी
बरसात के दौरान जवाड़ी बाईपास मार्ग कई जगहों पर टूट-फूट गया था। भरदार पट्टी, प्रसिद्ध मां मठियाणा मंदिर, जवाड़ी-रौठिया, दरमोला, सौंराखाल सहित कई गांवों की आवाजाही इसी मार्ग से निर्भर है। फिलहाल ग्रामीण अस्थायी इंतज़ाम के सहारे इस मार्ग ( Jawadi Motor Road ) पर चलने को मजबूर हैं, लेकिन यह सफर बेहद जोखिमभरा बना हुआ है और किसी भी समय अप्रिय घटना होने की आशंका है।
जर्जर सड़क से वाहन चालकों को भारी दिक्कत
गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ हिस्सों के कारण छोटे चारपहिया वाहन अक्सर फंस जाते हैं। वहीं टूटी सड़क की वजह से दुपहिया चालकों का संतुलन बिगड़ना भी आम बात हो गई है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रोज़मर्रा की आवाजाही करने को मजबूर हैं। कई बार अधिकारियों से सड़क मरम्मत की मांग उठाई गई, लेकिन जिला मुख्यालय के इतने नज़दीक होने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
भूस्खलन से Jawadi Motor Road क्षतिग्रस्त, 55 लाख रुपये की जरूरत
भारी बारिश के दौरान सड़क के कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ था। विभाग के अनुसार मार्ग की पूरी मरम्मत के लिए करीब 55 लाख रुपये की आवश्यकता है, जबकि सुरक्षित आवाजाही के लिए 20 लाख रुपये की जरूरत बताई गई है। मार्ग सुधार के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
— इन्द्रजीत बोस, लोनिवि अधिशासी अभियंता
बारिश में कई स्थानों पर सड़क वॉशआउट हो गई थी
कई जगह सड़क पूरी तरह वॉशआउट हो गई थी, जिससे यातायात लगभग ठप पड़ गया था। विभाग ने फिलहाल अस्थायी रूप से सड़क को चलने योग्य बनाया है, लेकिन स्थिति अब भी बेहद संवेदनशील है। हाल ही में डीएम प्रतीक जैन ने लोनिवि अधिकारियों संग स्थल निरीक्षण किया और जल्द डीपीआर तैयार कर सुधार कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
छात्रों ने सड़क सुधार को लेकर डीएम से लगाई गुहार
भरदार पट्टी के राइंका जवाड़ी के छात्र अनुराग और रोहन ने सोशल मीडिया के माध्यम से डीएम प्रतीक जैन से सड़क को दुरुस्त करने की अपील की है। छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक स्कूली छात्र का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें एक युवक घायल हुआ। बच्चों ने संदेश में लिखा—
“डीएम सर, कृपया हमारी स्कूल जाने वाली सड़क Jawadi Motor Road को ठीक करा दीजिए।”
big news
Rudraprayag: घरवालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने पहुंचा नाबालिक, पुलिस ने परिजनों को सौंपा बालक

रुद्रप्रयाग: पुलिस ने एक 13 वर्षीय बालक को सकुशल परिजनों को सौंप दिया है। नाबालिक बालक मध्यप्रदेश का रहने वाला है जो अपने घर वालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने निकल पड़ा। इस सम्बन्ध में एक स्थानीय व्यापारी द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी गई।
घर वालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने निकल पड़ा नाबालिक
जानकारी के मुताबिक, एक स्थानीय व्यापारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी कि एक नाबालिग बालक धीरेन्द्र प्रजापति, जिसकी उम्र लगभग 13 वर्ष है, अपने घर मध्य प्रदेश से भागकर रुद्रप्रयाग पहुंच गया है। सूचना मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चे के पास पहुंचकर उससे विस्तृत वार्ता कर पूरी जानकारी प्राप्त की गई।
मध्यप्रदेश से रुद्रप्रयाग पहुंचा 13 वर्षीय धीरेन्द्र
बालक अपने परिजनों का नंबर नहीं बता पाया। जिसके बाद रुद्रप्रयाग पुलिस के द्वारा विभिन्न चैनलों के माधयम से बालक के परिजनों का पता लगाया गया है। जिसके बाद पुलिस ने बालक के माता-पिता से संपर्क कर बालक के सकुशल होने की जानकारी पहुंचाई। जिसके बाद टीम द्वारा बच्चे का मेडिकल चेकअप किया गया और आज बच्चे के परिजनों से संपर्क करके बच्चे को सकुशल परिजनों को सौंप दिया गया है।
Rudraprayag
बद्रीनाथ हाइवे से जुड़े प्राथमिक विद्यालय घोलतीर की हालत जर्जर, प्रशासन नहीं ले रहा सुध
रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा राजकीय प्राथमिक विद्यालय घोलतीर पूरी तरह जर्जर हो चुका है। भवन की दीवारों में चौड़ी दरारें नजर आती हैं, बरसात में कमरों के अंदर पानी टपकने लगता है और शौचालय की हालत बेहद खराब है। मैदान में भी पानी भरने से बच्चे खेल नहीं पाते।
रुद्रप्रयाग के घोलतीर प्राथमिक विद्यालय की हालत जर्जर
स्कूल की बदहाल स्थिति के कारण कई अभिभावक बच्चों को यहाँ नहीं भेज रहे हैं, जिससे छात्रों की संख्या घटकर अब केवल 13 रह गई है। ये भवन वर्ष 1973 में बनाया गया था और अब किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
तीन साल से चल रही है नवनिर्माण की मांग
स्थानीय लोग लगातार इसकी मरम्मत और नवनिर्माण की मांग कर रहे हैं। साल 2023 में भी ध्वस्तीकरण और नए भवन की मांग विभाग तक पहुंची थी, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
डीएम दिए कार्रवाई के निर्देश
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने इस मामले पर कहा कि शिक्षा विभाग को स्कूल की स्थिति सुधारने और आवश्यक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार विभाग जल्द कार्रवाई करेगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सकें।
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