Dehradun
चारधाम यात्रा को लेकर शासन सतर्क, मुख्य सचिव ने की बड़ी बैठक – सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं पर दिया विशेष जोर…

देहरादून : मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शनिवार को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय स्थित अपने सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
यात्रामार्गों को चारधाम यात्रा से पहले किया जाए दुरूस्तः मुख्य सचिव
पूर्व में जारी अपने निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा. आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा डॉ. नीरज खैरवाल से यमुनोत्री धाम की तैयारियों के सम्बन्ध में फीडबैक लिया। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करते अथवा कमियों को दुरूस्त किया जाए। यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ एवं कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण करने को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक धाम एवं उनके यात्रामार्गों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपीसीएल को धामों में लॉ-वॉल्टेज की समस्या को शीघ्र दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए।
यात्रा पंजीकरण स्थलों में स्वास्थ्य जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जाए
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में बन रहे अस्पताल को या़त्रा शुरू होने से पहले सुचारू किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षित या़त्रा के लिए निवारक उपायों की अत्यधिक आवश्यकता पर बल देते हुए स्वास्थ्य जांच केन्द्रों को बढाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा की शुरूवात में ही स्वास्थ्य परीक्षण हो सके इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश एवं विकासनगर में हेल्थ स्क्रीनिंग केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था पर बल देते हुए अधिक से अधिक पार्किंग स्थलों को चिन्हित किए जाने की बात कही। कहा कि पार्किंग स्थलों के आस-पास रहने खाने एवं स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर स्थानीय स्तर परिस्थितियों एवं विकल्प मार्गों के अनुरूप यातायात प्रबंधन योजना तैयार की जाए।
यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु ‘स्मृति वन‘ किए जाएं चिन्हित
मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्गों पर वृक्षारोपण करने हेतु स्मृति वन के लिए स्थान चिन्हित किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इच्छित श्रद्धालु इन पलों को यादगार बनाने के लिए पौधारोपण कर सकते हैं।
जाम आदि की जानकारी हेतु डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड की की जाए व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों में दृर्घटनाओं या लैंड स्लाईड से लगने वाले जाम के कारण पीछे लगी लम्बी लाईनों में यात्रियों को जाम के कारणों की उचित जानकारी मिल सके इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यात्रा मार्गों पर डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा सकते हैं, जो यह जानकारी उपलब्ध कराएंगे कि किस स्थान पर कौन सी घटना घटी है, जिसके कारण जाम लगा है। उन्होंने इसके लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है तब तक बल्क एसएमएस और बल्क व्हॉट्सअप मैसेज के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इन भूस्खलन क्षेत्रों के लिए दीर्घावधि उपचार पर भी शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाएंः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ‘सुलभ‘ को नियमित सफाई एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था के लिए पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं 15वें वित्त आयोग की स्वच्छता हेतु टाईड फंड से भी फंड्स उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने चारों धामों में दुकानदार एवं घोड़ा/कंडी संचालक सहित सभी प्रकार केे सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि धामों में श्रद्धालुओं के रूकने के लिए लगाए गए टैन्ट आदि को सुव्यस्थित ढंग से लगाए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
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Uttarakhandheavyrain: उत्तराखंड के इन 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, आज घर से निकलने से पहले पढ़ें ये खबर

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देहरादून: Uttarakhandheavyrain: उत्तराखंड में बीते कुछ हफ्तों से मानसून की रफ्तार ने लोगों की दिनचर्या में बड़ा बदलाव ला दिया है। कभी तेज बौछारें, कभी भूस्खलन और कहीं जलभराव…कुल मिलाकर हर कोई मौसम की मार झेल रहा है। खास बात यह है कि शुक्रवार को राज्य के कई हिस्सों में धूप खिलने से थोड़ी राहत जरूर महसूस हुई। देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहा, लोगों ने लंबे समय बाद खुले आसमान के नीचे घूमना और बाजारों का रुख करना शुरू किया। किसानों के चेहरों पर भी उम्मीद की किरण झलकी, क्योंकि लगातार बारिश ने खेतों में काम करना मुश्किल बना दिया था। लेकिन ये राहत ज्यादा देर टिकती नहीं दिख रही।
मौसम विभाग देहरादून द्वारा शनिवार 12 जुलाई के लिए जारी पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। कुछ क्षेत्रों में तेज बौछारें और बिजली गिरने की आशंका भी है। विभाग ने देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जैसे जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं….जो भूस्खलन और पेड़ गिरने जैसी घटनाओं को बढ़ावा दे सकती हैं।
देहरादून में शुक्रवार को भले ही धूप ने राहत दी हो…लेकिन शनिवार को बादलों की वापसी और रुक-रुक कर तेज बारिश की संभावना है। इससे स्थानीय जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति फिर से बन सकती है।
उत्तराखंड में मानसून का यह दूसरा चरण एक ओर जहां जल स्रोतों को भरने और कृषि के लिए लाभकारी हो सकता है, वहीं दूसरी ओर भूस्खलन, बिजली गिरने और सड़कें बंद होने जैसे खतरे भी साथ लाता है। प्रशासन ने सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रखा है और आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमें तैनात की गई हैं।
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उत्तराखंड लोन योजना 2025: सीएम धामी का बड़ा ऐलान, अक्टूबर में मिलेगा आसान लोन!

उत्तराखंड लोन योजना 2025 के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अक्टूबर में राज्य के सभी जिलों में लोन कैंप आयोजित करने का बड़ा फैसला किया। सीमांत और पर्वतीय क्षेत्रों को मिलेगा विशेष लाभ।
देहरादून: राज्य सरकार ने उत्तराखंड लोन योजना 2025 के तहत आम जनता को सरल और तेज़ ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में शुक्रवार को हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में इस योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों के लोगों को लोन वितरण में आसानी देना।
उत्तराखंड लोन योजना 2025 – अब लोन पाना होगा और भी आसान
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोन प्रक्रिया को इस कदर आसान बनाया जाए कि आम आदमी को बैंक के चक्कर न काटने पड़ें। उत्तराखंड लोन योजना 2025 के अंतर्गत अक्टूबर महीने में राज्य के हर जिले में बड़े स्तर पर कैंप लगाए जाएंगे, जहां बैंक और प्रशासन के अधिकारी एक ही स्थान पर मौजूद रहेंगे।
सीमांत जिलों में खास फोकस के साथ लगेंगे कैंप
मुख्यमंत्री ने बताया कि टिहरी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जैसे पर्वतीय जिलों में ऋण जमा अनुपात अपेक्षाकृत कम है। इन्हीं क्षेत्रों में उत्तराखंड लोन योजना 2025 को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा। कैंपों के ज़रिए एक ही दिन में लोन की सभी औपचारिकताएं पूरी कर लाभार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा।
कृषि, स्वरोज़गार और बीमा योजनाओं को जोड़ेगा यह अभियान
बैठक में यह भी बताया गया कि कृषि बीमा योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जन धन योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को भी उत्तराखंड लोन योजना 2025 से जोड़ा जाएगा।
उत्तराखंड में 93,900 रुपए प्रति व्यक्ति औसतन मुद्रा लोन वितरित किया गया है (राष्ट्रीय औसत 62,686 से अधिक)।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत राज्य में प्रति लाख 48,000 व्यक्ति कवर हो चुके हैं।
अब तक 39 लाख जन धन खाते खोले जा चुके हैं।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार योजनाओं को धरातल पर उतारने में गंभीर है।
मुख्यमंत्री का निर्देश – हर पात्र को मिले लाभ
सीएम धामी ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि लोन योजनाओं की प्रक्रिया को इतना पारदर्शी और सरल बनाया जाए कि हर पात्र नागरिक तक सहायता पहुंचे। उन्होंने कहा बरसात के बाद अक्टूबर में प्रदेश के सभी जिलों में बड़े मेले आयोजित किए जाएंगे। एक ही जगह पर बैंक और प्रशासन के लोग मौजूद रहेंगे ताकि लोन आवेदन की औपचारिकताएं मौके पर ही पूरी हो सकें।
उत्तराखंड में वित्तीय प्रगति के आँकड़े
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य का ऋण जमा अनुपात 54% से बढ़कर 54.26% हुआ है।
सरकार का लक्ष्य है इसे 60% तक पहुंचाना।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के अंतर्गत 6,10,000 किसानों को लाभ मिला, जिनमें से 67% सीमांत और छोटे किसान हैं।
स्वयं सहायता समूहों की संख्या में 21% की वृद्धि, और इनमें से 70.23% SHGs का क्रेडिट लिंकेज हो चुका है।
अधिक जानकारी के लिए देखें:
उत्तराखंड सरकार आधिकारिक वेबसाइट
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना
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गैरसैण में होगा उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, तिथि घोषित

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त 2025 तक गैरसैण (भराड़ीसैंण) में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद यह तिथि तय की गई है।
हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री को बजट सत्र के लिए तिथि तय करने के लिए अधिकृत किया गया था। इसके बाद सीएम धामी ने गैरसैण में सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि गैरसैण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है और विधानसभा सत्र का आयोजन यहां राज्य के विकास को पर्वतीय क्षेत्र से जोड़ने के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
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