Dehradun
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने आंचलिक विज्ञान केंद्र झाझरा में एक दिवसीय कार्यशाला में किया प्रतिभाग, पांच महिलाओं को किया सम्मानित।

देहरादून – राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को आंचलिक विज्ञान केंद्र, झाझरा में उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) और विज्ञानशाला इंटरनेशनल के संयुक्त तत्वाधान में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) के क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता और जागरूकता हेतु एक दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में ‘‘शी फॉर स्टेम’’ (She for STEM) का शुभारंभ राज्यपाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने आंचलिक विज्ञान केंद्र में डिजिटल लाइब्रेरी, स्टेम डैशबोर्ड और लैब ऑन व्हील परियोजना के डैशबोर्ड का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने स्टेम के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही 05 महिलाओं, डॉ. बिनीता फर्त्याल, निधि पंत, डॉ. रीमा पंत, डॉ. मनीषा और डॉ. जयश्री सनवाल को सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि स्टेम वर्तमान समय की आवश्यकता है आज दुनिया भर स्टेम के माध्यम से सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य स्टेम के माध्यम से ही संभव है। उन्होंने कहा कि दुनिया के वह देश लगातार आगे बढ़ रहे हैं जिन्होंने स्टेम शिक्षा के ऊपर ध्यान दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि स्टेम के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी महिलाओं की स्थिति को मज़बूत और प्रभावशाली बनाएगी, जिससे समाज में उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हमें बालिकाओं का रूझान इस ओर बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नवाचार एवं तकनीकी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भविष्य में देश की उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश है। इसीलिए देश महिलाओं को स्टेम में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्टेम शिक्षा की पहुंच हमारे दूरस्थ गांवों तक जरूरी है इसके लिए यूकॉस्ट द्वारा किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय है।
राज्यपाल ने कहा कि यह जरूरी है कि सभी विश्वविद्यालय एवं कॉलेज अपने संस्थान के अधिक से अधिक छात्राओं एवं प्राध्यापकों को इस मुहिम से जोड़ें। उन्होंने कहा कि ‘‘शी फॉर स्टेम’’ के माध्यम से प्रदेश में ऐसा वातावरण तैयार करें, जहां महिलाएं एवं बालिकाएं स्टेम के क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और परिवर्तन की मिसाल बनें। यही समय है कि मातृशक्ति को सशक्त करते हुए उन्हें वैश्विक चुनौतियों का समाधान हेतु सक्षम बनाने में हम सब पूरे मनोयोग के साथ सहयोग करें।
कार्यक्रम में महानिदेशक, यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित और तकनीकी के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति और भूमिका से सबको अवगत कराया। प्रो. पंत ने बताया की डिजिटल लाइब्रेरी में विभिन्न विषयों के नेशनल और इंटरनेशनल जर्नल है और साइंटिफिक और अनेक विषयों की ई-बुक्स है जो विज्ञान केंद्र के आगंतुकों और राज्य के विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन का कार्य करेगी। उन्होंने स्टेम एजुकेशन के क्षेत्र में परिषद के प्रयासों जैसे लैब ऑन व्हील, स्टेम लैब्स और दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान सम्मेलनों से अवगत कराया।
कार्यशाला में संस्थापक-सीईओ, विज्ञानशाला इंटरनेशनल संस्था डॉ. दर्शना जोशी ने विज्ञान शिक्षा की अपनी प्रेरणादायक यात्रा से सबको अवगत कराया। इस अवसर पर एएमडी इंडिया, बैंगलोर की कंट्री हेड जया जगदीश द्वारा प्रौद्योगिकी के भविष्य की संभावनाओं पर ऑनलाइन माध्यम से एक विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा की मुश्किलों को अवसर में बदलकर ही सफलता हासिल की जा सकती है। कार्यक्रम में डॉ. बिनीता फर्त्याल, बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसांइस, लखनऊ द्वारा नैनीताल से उत्तर और दक्षिण ध्रुव तक के अपने शोध कार्यों और यात्रा से अवगत कराया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. विजय वेणुगोपाल, सह-संस्थापक, विज्ञानशाला इंटरनेशनल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। कार्यशाला में स्टेम के क्षेत्र में प्रेरक यात्राएं, स्टेम क्षेत्र के उद्यमियों और विभिन्न हैंड्स ऑन गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण और शोध संस्थानों के 250 से अधिक छात्र-छात्राओं, विज्ञानशाला के प्रतिभागियों और यूकास्ट, विज्ञान केन्द्र देहरादून के अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन भुवन जोशी और डॉ. तृप्ति जोशी ने किया।
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पंचायत चुनाव का बड़ा अपडेट, आरक्षण की आखिरी सूची जारी

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश के हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य सभी 12 जिलों में 10,000 से अधिक ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत पदों पर आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी गई है। जिला निर्वाचन कार्यालयों की ओर से यह सूची सार्वजनिक की गई है।
देहरादून जिले की बात करें तो यहां जिला पंचायत के कई वार्डों और प्रमुख पदों पर आरक्षण तय कर दिया गया है।
शेरपुर, कचटा, उदपालटा को अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
बायला, मंगरौली को अनुसूचित जनजाति
सुद्धोवाला, केदारावाला, लाखामंडल को अनुसूचित जाति महिला
मोहन और मलेथा को अनुसूचित जाति
खुशहालपुर, माजरी ग्रांट तृतीय, एटनबाग को अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
शाहपुर कल्याणपुर व शंकरपुर द्वितीय को अन्य पिछड़ा वर्ग
खदरी खड़कमाफ प्रथम, साहबनगर, हरिपुर कला तृतीय, बड़कोट माफी व भुड्डी द्वितीय को सामान्य महिला
जबकि डाकपत्थर द्वितीय, नवाबगढ़, अस्थल, जस्सो वाला, चंद्रोटी, रायगी, व्यासनहरी, बृनाडबास्तील और आरा को अनारक्षित घोषित किया गया है।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों के लिए:
कालसी को अनुसूचित जनजाति महिला
चकराता को अनुसूचित जाति महिला
सहसपुर को अन्य पिछड़ा वर्ग महिला
जबकि रायपुर, डोईवाला और विकासनगर को अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है।
इसके साथ ही चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर और टिहरी जिलों में भी आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी गई है।
हरिद्वार जिले में फिलहाल आरक्षण सूची की प्रक्रिया लंबित है, जिसकी घोषणा जल्द की जा सकती है।
प्रशासन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण सूची का प्रकाशन पंचायत चुनावों की समय-सारिणी को लेकर चल रही तैयारियों का हिस्सा है, और इससे संभावित प्रत्याशियों को भी दिशा मिलेगी कि वे किस वार्ड या पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
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सरकार का फैसला: खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेना अब होगा प्रतिबंधित

देहरादून: उत्तराखंड में अब खतरनाक और हादसा संभावित स्थानों पर सेल्फी लेना महंगा पड़ सकता है। राज्य सरकार ऐसे स्थानों को नो-सेल्फी जोन घोषित करने जा रही है, जहां पर सेल्फी लेने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह निर्णय बढ़ते हादसों को रोकने के लिए लिया गया है, खासकर युवाओं द्वारा जोखिम भरे स्थानों पर खींची जा रही जानलेवा सेल्फियों को ध्यान में रखते हुए।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम, एसपी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़ में लोग अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं, जिससे गंभीर हादसे हो रहे हैं।
सचिव ने लिखा कि जलप्रपात, नदी किनारे, ऊँचाई वाली पहाड़ियाँ, पुल, रेलवे ट्रैक और अन्य प्रतिबंधित स्थानों पर सेल्फी लेते समय कई लोगों की जान जा चुकी है। खासकर युवाओं में यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, जिसे रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।
सरकार की योजना है कि सुरक्षित स्थानों को चिह्नित कर उन्हें सेल्फी जोन के रूप में विकसित किया जाए। इन स्थलों पर कार पार्किंग, शौचालय, अल्पाहार और अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इनका संचालन स्थानीय लोगों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा सकता है…जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रशासन, नगर निकाय, जिला और ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वे सेल्फी जोन के प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। सरकार का उद्देश्य पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के साथ-साथ अनुभव को भी बेहतर बनाना है…ताकि कोई दुर्घटना न हो और लोग सुरक्षित वातावरण में अपनी यादें संजो सकें।
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उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी, आज इन इलाकों में रहें सावधान

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मौसम तो सुहावना बना दिया है…लेकिन इसके साथ ही लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। प्रदेश के कई जिलों में बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उमस भरी गर्मी से जहां लोगों को राहत मिली है…वहीं बारिश के कारण कई मार्गों पर मलबा और बोल्डर गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं।
मौसम विभाग ने गुरुवार को राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। खासकर बागेश्वर और नैनीताल जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सावधानी बरतने की अपील की गई है।
राजधानी देहरादून में आसमान में आंशिक से लेकर घने बादल छाए रहेंगे और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) चलने की भी संभावना है…जिससे पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। लगातार हो रही बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं…जिससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।
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