Home UttarakhandDehradunHealth Alert: 12 बजे के बाद सोने से हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां – जानें कैसे बचें…

Health Alert: 12 बजे के बाद सोने से हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां – जानें कैसे बचें…

by संवादाता

देहरादून : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी नींद जरूरी है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि हम समय पर सोने और जागने की आदत डालें। विशेषज्ञों का कहना है कि रात में 10 बजे तक सो जाना मेटाबोलिज्म को दुरुस्त रखने और कई बीमारियों से बचने के लिए आवश्यक है। हालांकि, आजकल की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी और बढ़ते डिजिटल स्क्रीन के उपयोग के कारण लोग देर रात तक जागते हैं, जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, देर रात तक जागना क्यों हानिकारक है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रात में देर तक जागने से नींद का प्राकृतिक चक्र प्रभावित होता है, जिससे गहरी नींद नहीं मिल पाती। गहरी नींद शरीर और मस्तिष्क को रिफ्रेश करने के लिए बेहद जरूरी होती है। जब नींद की अवधि और गुणवत्ता प्रभावित होती है, तो यह मेटाबोलिज्म, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।

मेटाबोलिज्म और वजन पर असर

डॉक्टर बताते हैं कि देर रात तक जागने से मेटाबोलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नियमित रूप से देर रात सोने वालों में वसा का स्तर बढ़ने का खतरा अधिक होता है, जिससे वजन बढ़ सकता है और मोटापे का खतरा भी बढ़ता है। मोटापा डायबिटीज, हृदय रोग और पाचन से संबंधित अन्य विकारों का कारण बन सकता है।

मेंटल हेल्थ पर प्रभाव

अच्छी नींद लेना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। देर रात तक जागने से मूड स्विंग्स, डिप्रेशन (अवसाद), और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। शोधों में यह पाया गया है कि जब हम देर रात सोते हैं, तो हमारे शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन्स का असंतुलन हो सकता है, जिससे मानसिक थकावट, चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ता है।

हार्ट और डायबिटीज का खतरा

देर रात तक जागने की आदत को हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याओं का कारण माना गया है। नींद की कमी से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे हृदयाघात और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, देर से सोने वालों को शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी कठिनाई हो सकती है, क्योंकि यह इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को घटाता है।

समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं

डॉक्टरों का कहना है कि वयस्कों के लिए रात में 10 से 11 बजे तक सोना आदर्श माना जाता है। यह न केवल शरीर के मेटाबोलिज्म को सुधारता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और हृदय संबंधी जोखिमों को भी कम करता है। रात में जल्दी सोने से शरीर को पूरी तरह से रिफ्रेश करने और ऊर्जा प्राप्त करने का समय मिलता है, जिससे दिनभर की गतिविधियों के लिए शरीर तैयार रहता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय के आधार पर तैयार किया गया है। जनमंचटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

 

 

 

 

 

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