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उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने की शिष्टाचार भेंट।

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कुमाऊँ द्वार महोत्सव सिर्फ संस्कृति नहीं, हमारी पहचान – मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊँ द्वार महोत्सव यह केवल एक संस्कृति का उत्सव नहीं है बल्कि यह महोत्सव हमारी अस्मिता हमारी पहचान हमारी जड़ों से जुड़ाव रखता है। हर वर्ष यहां पर प्रतिभाग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव हमारे कलाकारों को भी एक मंच प्रदान करता है उनकी कला का प्रदर्शन का अवसर देता है और उनको सम्मानित करने का काम भी इस कुमाऊं द्वार महोत्सव के माध्यम से होता है। मुख्यमंत्री ने आयोजन की बधाई देते हुए महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले सभी लोक कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा सभी कलाकार हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह आयोजन स्पष्ट प्रमाण है कि टेक्नोलॉजी और ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में भी हमारे आने वाली पीढ़ी को हमारी जड़ों से जोड़ने का सुंदर कार्य यह महोत्सव कर रहा है, यहॉ के लोक कलाकारों ने भी अपने परिश्रम निष्ठा से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के बीच लाने का कार्य किया है। यहॉं के लोक कलाकार उत्तराखंड की सीमाओं को लांघ कर विदेशों में भी जाकर उत्तराखंड की संस्कृति को दुनिया के बड़े मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 में प्रधानमंत्री जी द्वारा हमारे राज्य की जो ब्रह्म कमल की टोपी पहनी थी और उसके बाद पूरे देश और दुनिया में हमारी टोपी आज हमारी पहचान बन गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की लोक भाषा और संस्कृति के संरक्षण और समर्थन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में लोक कलाकारों की सूची भी तैयार की जा रही है जिससे लोक कलाकारों को सत्यापित करने में सहायता भी मिल रही है ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके | कोरोना काल के दौरान लगभग 3200 सूचीबद्ध कलाकारों को प्रतिमाह ₹2000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई थी, इसके अलावा लोक कला के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित करने वाले कलाकारों को प्रतिमाह की पेंशन भी प्रदान की जा रही है। गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत 6 माह का लोक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है, इन्हीं कार्यशालाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारी पौराणिक संस्कृति की महत्व के प्रति जागरूक किया जा रहा है | राज्य सरकार लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही हैं जिससे संस्कृति को सुरक्षित और विकसित करने में सहायता मिल रही है। सरकार उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है | माननीय प्रधानमंत्री जी के इस कथन ने हमारे अंदर ऊर्जा और प्रोत्साहन भरने का काम किया है | प्रधानमंत्री जी के इस कथन को आगे ले जाने वाला अग्रदूत कोई बनेगा तो वे हमारी माता बहने होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ के मंत्र को आत्मसात करते हेतु भी सभी से अपील की और कहा कि अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें स्वदेशी का प्रयोग करें। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कुमाऊं द्वार महोत्सव हमारी संस्कृति परंपराओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल का भी अवलोकन किया, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने “लखपति दीदी योजना” के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी बात कही, जिससे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
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उत्तराखंड: 20 दिन से बिना नहाए कारीगर बना रहे थे पूजा का प्रसाद, पढ़ें अंदर की पूरी ख़बर!

हल्द्वानी: दीपावली के मौके पर पूजा में इस्तेमाल होने वाले बताशे, मिठाई और खिलौने बनाने वाली फैक्ट्रियों में गंदगी और अनियमितताएं सामने आई हैं। प्रशासन नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने गुरुवार शाम बनभूलपुरा और गांधीनगर में चार फैक्ट्रियों पर छापेमारी की। जांच में पाया गया कि इन जगहों पर सफाई का अभाव था…फूड लाइसेंस नहीं था और अनजाने केमिकल का इस्तेमाल हो रहा था।
टीम ने फैक्ट्रियों से खाने के सामान और निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले केमिकल के सैंपल भी लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि केमिकल बिना लेबल के मिले और इसका इस्तेमाल बताशे और खिलौनों को चमकदार बनाने के लिए किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। एक फैक्ट्री में कारीगर ने बताया कि पिछले 20 दिन से नहाया तक नहीं…जिससे उत्पाद की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं।
बताशे की चिपकने की समस्या को दूर करने के लिए खड़िया पाउडर डाला जा रहा था, जो शरीर के लिए हानिकारक है। बनभूलपुरा की एक फैक्ट्री से खुला खड़िया पाउडर भी बरामद हुआ। इसके अलावा गंदे पानी का इस्तेमाल भी किया जा रहा था।
चारों फैक्ट्रियों को प्रशासन ने सील कर दिया है और काम करने वाले कारीगरों का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय सिंह ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद असली स्थिति सामने आएगी।
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LT की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर, हाईकोर्ट ने दिया अहम फैसला

नैनीताल: उत्तराखंड में Assistant Teacher (LT) बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला देते हुए 1544 पदों पर हो रही recruitment process पर लगी stay (रोक) को हटा दिया है। अब UKSSSC इन पदों का final result जारी कर सकता है। यह भर्ती 14 मार्च 2024 को निकाली गई थी, जिसमें 786 पद गढ़वाल मंडल और 758 पद कुमाऊं मंडल के लिए निर्धारित थे। Written Exam 18 अगस्त 2024 को हुई थी।
हालांकि reservation policy में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कुछ candidates ने कोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी थीं। इसके चलते High Court ने result पर रोक लगा दी थी। अब कोर्ट ने उन याचिकाओं का निपटारा कर दिया है और recruitment process को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है…हालांकि कुछ पद फिलहाल vacant (रिक्त) रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मंगलवार को हाईकोर्ट ने Revenue Department से जुड़े एक और महत्वपूर्ण मामले में फैसला दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि Patwari की seniority उनके training marks से नहीं बल्कि actual appointment date (वास्तविक नियुक्ति तिथि) से तय होगी।
Petitioners जैसे कि अल्मोड़ा के मनीष कुमार ने दावा किया कि उन्होंने Patwari Training Course में ज्यादा अंक पाए हैं…इसलिए उनकी seniority list में ऊपर जगह होनी चाहिए।
लेकिन कोर्ट ने कहा कि सिर्फ training में pass हो जाना ही पर्याप्त नहीं होता। Appointment तभी मानी जाती है जब वह vacancy पर औपचारिक रूप से दी जाए। केवल उसी स्थिति में training marks मायने रखते हैं जब दो या अधिक candidates एक ही दिन नियुक्त हुए हों। कोर्ट ने ये भी साफ किया कि Revenue Inspector / Supervisor Kanoongo की promotion मंडल स्तर पर होती है…और उसके लिए seniority ही प्राथमिक मापदंड है। 1983 Rules के अनुसार पूरे मंडल के पटवारियों की seniority उनकी initial appointment date के आधार पर तय की जाती है न कि उनके training marks के आधार पर।
इसलिए जिन अधिकारियों की नियुक्ति याचिकाकर्ताओं से पहले हुई….even अगर उनके marks कम थे—they will still be considered senior. कोर्ट ने District Magistrate Almora को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के अंदर provisional seniority list पर आई आपत्तियों का निस्तारण कर final list जारी करें।
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