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सुनहरा अवसर: भारत की टॉप हेल्थकेयर कंपनी लेकर आई है IPO, जानिए कंपनी की पूरी डिटेल्स..

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Introduction : Nephro plus IPO – 2025
Nephro Care Health Services (नेफ्रोप्लस) का आईपीओ 10 दिसंबर से निवेशकों के लिए खुल गया है। ये कंपनी डायलिसिस और इससे संबंधित सर्विसेज ऑफर करने वाली इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी है। ये आईपीओ ऐसे समय पर लांच किय गया है, जब इनवेस्टर्स की दिलचस्पी सिंगल-स्पेशियलिटी हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म्स में बढ़ रही है। स्पेशियलिटी मेडिकल सर्विसेज की डिमांड इस वक़्त बहुत स्ट्रॉन्ग है। इस आईपीओ में निवेशक 12 दिसंबर तक निवेश कर सकेंगे।
Nephro plus IPO Details
| IPO Price Band | ₹438 – ₹460 प्रति शेयर |
| IPO Issue Size (Fresh + OFS) | कुल ~ ₹871 करोड़ (Fresh ~ ₹353.4 करोड़ + OFS ~ ₹517–518 करोड़) |
| Post-IPO Estimated Market Cap | ~ ₹4,412 – ₹4,615 करोड़ (price band के upper range पर) |
| Valuation (Upper Band, FY25 basis) | EV/EBITDA ≈ 26.1×, P/E ≈ ~60–69× (peer comparison 29–73×) |
| IPO Fund Use – मुख्य उद्देश्य | ~₹129.1 करोड़ नए क्लिनिक खोलने के लिए, ~₹136 करोड़ पुराने कर्ज चुकाने के लिए, शेष amounts सामान्य कॉर्पोरेट प्रयोजनों के लिए। |
OFS में कुछ फंड हाउसेज बेचेंगे शेयर
आईपीओ में NephroPlus ने शेयर का प्राइस बैंड 438-460 रुपये रखा है। कंपनी का इश्यू 871 करोड़ रुपये का है। साथ ही इसमें ऑफर फॉर सेल (OFS) भी शामिल है। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन प्राइस बैंड के अपर लेवल पर 4,615 करोड़ रुपये आता है। ओएफस के जरिए कुछ फंड हाउसेज अपने हिस्से के शेयर बेचेंगे। जबकि कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन विक्रम वुपल्ला और फैमिली ट्रस्ट्स अपने शेयर नहीं बेच रहे हैं।
कब शुरू की गई थी कंपनी
नेफ्रोप्लस कंपनी की शुरुआत 2009 में की गई थी। जो अपने 519 क्लीनिक से कम्प्रिहेंसिव डायलिसिस केयर ऑफर करती है। जिनमें से कंपनी के 51 क्लीनिक्स विदेशों में स्थित हैं। अभी कंपनी में प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप की टोटल हिस्सेदारी 78.9 फीसदी है, जो लिस्टिंग के बाद घटकर 66.7 फीसदी रह जाएगी।

टियर-2 और टियर-3 शहरों पर फोकस
Nephro Care Health Services का नेटवर्क देशभर में तेजी से बढ़ रहा है। कंपनी ने अपनी स्ट्रेटेजी में टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ज्यादा फोकस रखा है। जिसके कारण इसके लगभग 77% क्लिनिक्स छोटे और मध्यम शहरों में मौजूद हैं।ये एशिया की largest dialysis service provider बन चुकी है और ग्लोबल रैंकिंग में पांचवें नंबर पर है।
पिछले दो सालों में कंपनी के नेटवर्क ने करीब 25% CAGR (Compound Annual Growth Rate) की मजबूत ग्रोथ दर्ज की है।Nephro Care Health Services की डायलिसिस सेक्टर में इसकी entry barriers भी मजबूत हैं, जिससे नए प्लेयर्स के लिए compete करना आसान नहीं होता। कंपनी नई क्लिनिक्स खोलने के साथ-साथ मौजूदा सेंटर्स का लगातार capacity expansion करने पर भी जोर दे रही है।
Partner Ship With Big Hospital Chains
Nephro Care Health Services का बिजनेस मॉडल asset-light है। इसकी कुल 519 क्लिनिक्स में से सिर्फ 67 standalone centers हैं, जिन पर ज्यादा कैपिटल खर्च होती है। बाकी क्लिनिक्स प्रतिष्ठित हॉस्पिटल चेन के साथ strategic partnerships के तहत चलाए जाते हैं—जैसे Fortis, Max Healthcare और अन्य। इन सेंटर्स में कंपनी revenue-sharing model पर काम करती है।
इसके अलावा नेफ्रोप्लस कई सरकारी अस्पतालों में PPP (Public-Private Partnership) contracts के तहत डायलिसिस यूनिट्स भी संचालित कर रही है।
क्या नेफ्रोप्लस में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
Nephro Plus IPO लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है, क्योंकि कंपनी भारत के ऑर्गनाइज्ड डायलिसिस सेक्टर में लीडर है और FY23–FY25 के दौरान इसका रेवेन्यू Rs 610 करोड़ से बढ़कर लगभग Rs 756 करोड़ तक पहुंचा है, जबकि EBITDA मार्जिन स्थिर रहकर लगभग 22% रहा है। कंपनी 519 क्लिनिक्स संचालित करती है, जिनमें 77% टियर-2 और टियर-3 शहरों में हैं, जो तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर डिमांड को कैप्चर करते हैं। भारत का कुल डायलिसिस बाजार USD 5–6 बिलियन का अनुमानित है।
Nephro plus IPO GMP
11 दिसंबर 2025: सूत्रों के अनुसार GMP Rs 20 प्रति शेयर (लगभग 4.35% इश्यू प्राइस से ऊपर) तक पहुंचा, जो मध्यम मार्केट रुचि को दर्शाता है।

जबकि संगठित सेगमेंट अभी भी बेहद छोटा है, जिससे कंपनी के पास लंबी अवधि की ग्रोथ पोटेंशियल बनी रहती है। हालांकि, अपर प्राइस बैंड पर कंपनी का EV/EBITDA 26–28x और P/E लगभग 60x बैठता है, जो स्पष्ट रूप से प्रीमियम वैल्यूएशन है और आने वाले वर्षों में मजबूत वृद्धि की अपेक्षा को दर्शाता है। कुल मिलाकर, यह IPO स्टेडी ऑपरेशनल परफॉर्मेंस, बड़ा टोटल एड्रेसएबल मार्केट और asset-light विस्तार रणनीति पर आधारित है—लेकिन उच्च वैल्यूएशन इसे एक high-conviction, long-term निवेश बनाता है, न कि शॉर्ट-टर्म ट्रेड।
Nephro plus IPO ( Pros and Cons )
Pros (फायदे)
- मार्केट लीडरशिप: भारत के ऑर्गनाइज्ड डायलिसिस सेक्टर में सबसे बड़ी कंपनी; एशिया में नंबर 1, ग्लोबली 5th रैंक।
- तेज़ ग्रोथ: FY23–FY25 में रेवेन्यू की CAGR लगभग 11–12%; क्लिनिक नेटवर्क का CAGR ~25%।
- Asset-Light मॉडल: 519 में से केवल 67 स्टैंडअलोन सेंटर—कम कैपेक्स, तेज़ स्केल-अप।
- मजबूत पार्टनरशिप: Fortis, Max जैसी अस्पताल चेन व कई सरकारी PPP प्रोजेक्ट्स।
- बड़ा TAM: भारत का डायलिसिस बाजार USD 5 बिलियन+, और संगठित खिलाड़ियों की हिस्सेदारी अभी कम।
- Recurring Revenue: डायलिसिस एक high-frequency, long-term treatment है—कैश फ्लो स्थिर रहता है।
Cons (कमज़ोरियां/जोखिम)
- High Valuation: IPO प्राइसिंग EV/EBITDA 26–28x और P/E ~60x—काफी प्रीमियम।
- Regulatory Risk: सरकारी योजनाओं में प्राइस कैप या reimbursement बदलाव मार्जिन घटा सकते हैं।
- Debt History: कंपनी पर पहले से कर्ज रहा है; IPO का हिस्सा डेब्ट चुकाने में जाएगा—लीवरेज चिंता रही है।
- Execution Dependency: तेजी से नेटवर्क विस्तार में ऑपरेशनल क्वालिटी बनाए रखना चुनौतीपूर्ण।
- Limited Peers: कोई लिस्टेड peer नहीं है, इसलिए सटीक वैल्यूएशन तुलना मुश्किल।
- PPP कॉन्ट्रैक्ट्स का जोखिम: सरकारी कॉन्ट्रैक्ट renewal और payment cycles पर निर्भरता।
Nephro Plus क्या करती है?
Nephro Care Health Services (NephroPlus) भारत की सबसे बड़ी डायलिसिस और किडनी-केयर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है, जो 519 क्लिनिक्स के नेटवर्क से सेवाएं देती है। कंपनी एशिया में No. 1 और दुनिया की 5th सबसे बड़ी dialysis chain है।
Nephro Plus IPO की date क्या हैं?
ओपनिंग डेट: 10 दिसंबर 2025
क्लोजिंग डेट: 12 दिसंबर 2025
IPO का प्राइस बैंड क्या है?
Rs 438 – Rs 460 प्रति शेयर
Post-IPO मार्केट कैप कितना होगा?
ऊपरी प्राइस बैंड पर Rs 4,412 से Rs 4,615 करोड़ अनुमानित।
क्या Nephro Plus IPO में निवेश करना चाहिए?
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त, क्योंकि:
मजबूत leadership position
स्थिर margins
बड़ा addressable market
asset-light expansion
लेकिन उच्च valuation short-term listing gain के लिए risk बढ़ाता है।
Nephro plus IPO GMP today
11 dec 2025 : IPO GMP Rs 20 per share
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