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Nimisha Priya को तुरंत फांसी दी जाए… मृतक के भाई ने की मांग, केरल की नर्स के बचने की उम्मीद धुंधली

janmanchtv Nimisha Priya Case – केरल की नर्स निमिषा प्रिया के लिए मौत की सजा से बचने की उम्मीदें अब लगातार कम होती जा रही हैं। यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा पाए भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख पहले 16 जुलाई, 2025 को निर्धारित की गई थी, लेकिन यमनी अधिकारियों ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। हालांकि अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है, जब मृतक तलाल अब्दो महदी के भाई अब्दुल फत्ताह अब्दो महदी ने यमन के अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी लिखकर फांसी को जल्द लागू करने की मांग की है।
मृतक के परिवार ने माफी से किया इंकार
मनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के भाई ने अपनी चिट्ठी में स्पष्ट रूप से लिखा है कि परिवार निमिषा को माफ करने के लिए तैयार नहीं है और वे किसी भी प्रकार की ब्लड मनी को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने अपना पत्र में “किसास” यानी प्रतिशोध की मांग की है, जो यमन के शरिया कानून के तहत एक गंभीर अपराध के लिए न्याय का प्रतीक है।
निमिषा प्रिया का पूरा मामला
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा प्रिया 2008 में यमन गई थीं, जहां उन्होंने सना के सरकारी अस्पताल में नर्स के तौर पर काम किया। बाद में उन्होंने मृतक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया। लेकिन वकील का दावा है कि तलाल ने निमिषा का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया, और उनका पासपोर्ट भी छीन लिया। उसके चंगुल से भागने की कोशिश करते हुए निमिषा ने तलाल को नशीला पदार्थ दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। तलाल का कटा हुआ शव एक पानी की टंकी में पाया गया।

भारत सरकार की कोशिशें
भारत सरकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निमिषा के समर्थन में कई प्रयास किए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में हर संभव सहायता देने का वादा किया है, लेकिन यमन में चल रहे युद्ध और अस्थिर सुरक्षा कारणों से इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल के प्रतिनिधियों को वहां यात्रा की अनुमति नहीं मिल पाई। भारत सरकार और सामाजिक कार्यकर्ता तलाल के परिवार से माफी मांगने और ब्लड मनी देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मृतक के परिवार ने इसे ठुकरा दिया है। शरिया कानून के मुताबिक, केवल मृतक के परिवार की माफी से ही फांसी रुक सकती है, और यह रास्ता अब पूरी तरह बंद हो चुका है।
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धनतेरस पर क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त ?, जानें कैसे करें लक्ष्मी-कुबेर की पूजा

आज देशभर में धूमधाम से धनतेरस देशभर में मनाया जा रहा है। सुबह से ही बाजारों में रौनक दिखने लगी है। इस बार धनतेरस बेहद ही खास मुहूर्त में है। आज ब्रह्म योग और बुधादित्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। जो आर्थिक प्रगति और भाग्यवृद्धि के लिए अत्यंत अनुकूल माने गए हैं। खास बात ये है कि इस काल में की गई पूजा पूर्ण रूप से सफल मानी जाती है।
धनतेरस पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त
आज खरीददारी के तीन मुहूर्त हैं। पहला शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 10 बजकर 33 मिनट, दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक जबकि तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 16 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक है
धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त ?
धनतेरस पर आज पूजा का शुभ समय शाम 6 बजकर 59 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 56 मिनट तक है। इसके साथ ही सिंह लग्न में पूजा का शुभ समय देर रात एक बजकर 27 मिनट से लेकर कल सुबह तीन बजकर 41 मिनट तक है।
ऐसे करें लक्ष्मी और कुबेर की पूजा
धनतेरस के अवसर पर सुबह उठकर विधि-विधानपूर्वक मंदिर साफ कर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करें। आज शाम के समय एक दीपक को तेल से भरकर प्रज्वलित करें। इसके बाद, फूल-माला, धूप, कपूर आदि से विधि-विधान से मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा करें। इसके बाद अपने घर के द्वार पर अन्न के ढेर पर एक दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि दीपक रातभर जलते रहना चाहिए। इसे बुझने ना दें।
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20 या 21 अक्टूबर दिवाली की डेट को लेकर खत्म कन्फ्यूजन, इस मनाया जाएगा त्यौहार

हिंदू व्रत, पर्व और त्योहारों को लेकर बीते कुछ समय से असमंजस की स्थिति बन रही है। दीवाली को लेकर भी ऐसी ही असमंजस की स्थिति इस बार बन रही है। जिस कारण लोग परेशान है कि 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर आखिरकार दिवाली का त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा।
20 या 21 अक्टूबर कब है दिवाली ?
दिवाली को लेकर बन रही असमंजस की स्थिति में हरिद्वार के पुरोहितों और ज्योतिषविदों ने स्थिति को साफ करते हुए बताया है कि (diwali date 2025) दिवाली किस दिन मनाई जाएगी। धर्मनगरी हरिद्वार के पुरोहितों और ज्योतिषविदों के मुताबिक जिस वर्ष प्रतिपदा का मान अधिक होता है उस दिन अमावस्या और प्रतिपदा युक्त दीपावली होती है और उसी दिन दिवाली मनाई जाती है।

उत्तराखंड में 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी दिवाली
धर्मनगरी हरिद्वार के पुरोहितों और ज्योतिषविदों के सर्वसम्मत मत के मुताबिक इस बार दिवाली 21 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। 21 अक्टूबर को दिवाली पूजन किया जाएगा। हरिद्वार के विद्वानों का कहना है कि इस बार दीपावली अमावस्या और प्रतिपदा युक्त होगी। ऐसा संयोग कभी-कभी आता है जब तिथियों के मान में भिन्नता के कारण मतभेद होता है। लेकिन 21 अक्टूबर को ही दिवाली पूजन करना शुभ होगा।

दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक इस बार दीवाली की पूजा 21 अक्तूबर को सूर्य अस्त के बाद 2 घंटे 24 मिनट तक किया जा सकता है। ऐसे में लोग दिवाली पूजन रात 8 बजकर चार मिनट तक कर सकते हैं। इसमें भी शाम 7 बजकर 15 मिनट से लेकर रात आठ बजकर तीस मिनट तक लाभ की चौघड़िया में लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है जो कि शुभ रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि गृहस्थ लोग 21 अक्तूबर को पूजन करेंगे।
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दिवाली से पहले बार-बार दिखाई दे रही हैं ये चीजें, तो समझिए खुलने वाली है आपकी किस्मत

त्यौहारी सीजन शुरू हो गया है और दिवाली की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। दीवाली से पहले कुछ चीजों का दिखना काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में इन दिनों अगर कुछ चीजें आपको बार-बार दिखाई दे रही हैं तो वो आपको लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत देती हैं।
दिवाली से पहले ये चीजें दिखने से खुल जाएगी आपकी किस्मत
दिवाली से पहले लोग कई दिनों पहले से ही सफाई में जुट जाते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि साफ-सफाई से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। अगर ऐसे में आपको घर की सफाई करने के दौरान मोर पंख मिलता है तो ये एक शुभ संकेत है। ये मां लक्ष्मी के आपके घर में आगमन का संकेत देता है। ऐसी मान्यता है कि मोरपंख मिलने का अर्थ ये माना जाता है कि घर के सदस्यों पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बरसने वाली है।

ये जानवर दिखना है बेहद शुभ
दिवाली से पहले कुछ जानवरों का घर आना या घर के आसपास देखा जाना भी बेहद ही शुभ माना जाता है। जिसमें उल्लू, छिपकली, छछूंदर या काली चींटी शामिल हैं। अगर इऩमें से कुछ भी आपके घर आते हैं या आसपास देखे जाते हैं तो इसे मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने के रूप में देखा जाता है। अगर इन दिनों में रोजाना आपके घर के बाहर गाय आती है तो इसे भी शुभ संकेत माना जाता है। ऐसे में आपको गौ माता को रोटी जरूर खिलानी चाहिए।

सपनों में ये दिखना है अच्छा संकेत
diwali से पहले कुछ दिनों में आने वाले सपने भी खास संकेत देते हैं। स्वप्न शास्त्र में माना गया है कि अगर दीवाली से पहले सपने में शंख, ऊं या फिर देवी-देवताओं के दर्शन होना बेहद ही शुभ संकेत है।

इसके साथ ही अगर आप सपने में कोई मंदिर देखते हैं या फिर खुद को किसी मंदिर में जाते हुए देखते हैं तो इसका अर्थ है कि दिवाली पर आपके घर धन की देवी मां लक्ष्मी आने वाली है। आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसने वाली है।
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