Accident
पुलिस की तेज रफ्तार पर खानापूर्ति, उत्तराखंड में हादसों में 78% मौतें ओवरस्पीड से….

उत्तराखंड में वाहन चालकों की एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और ओवरस्पीड के कारण सड़क हादसों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है। सोमवार देर रात, तेज गति से वाहन चलाने के कारण एक और दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें 6 युवाओं की जान चली गई। यह हादसा इस बात का उदाहरण है कि कैसे सड़क पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की प्रवृत्ति लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा रही है।
ओवरस्पीड से बढ़ते हादसे: आंकड़ों पर गौर करें तो
साल 2024 के पहले नौ महीनों में कुल 1311 सड़क हादसे हुए, जिनमें 770 लोगों की जान चली गई और 1145 लोग घायल हुए। इन हादसों में सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीड (अत्यधिक गति) रही है। अकेले 2024 में ओवरस्पीड के कारण 1114 हादसे हुए, जिनमें 643 मौतें और 954 लोग घायल हुए। पिछले साल 2023 में भी 1220 हादसों में से ओवरस्पीड ने 750 जानें ली थीं। आंकड़ों के अनुसार, करीब 78 प्रतिशत सड़क हादसों की वजह ओवरस्पीड है। यह आंकड़ा इस बात को साबित करता है कि सड़क दुर्घटनाओं में अत्यधिक गति का नियंत्रण बेहद जरूरी है।
सड़क पर रफ्तार पर कोई कड़ी नजर नहीं:
उत्तराखंड के प्रमुख शहरों और मार्गों में वाहनों की तेज रफ्तार दिखना एक सामान्य बात बन चुकी है। खासकर देहरादून की व्यस्त सड़कों जैसे राजपुर रोड, जीएमएस रोड, हरिद्वार बाइपास, प्रेमनगर, रायपुर रोड और सहस्त्रधारा रोड पर वाहनों की गति तय सीमा से कहीं अधिक रहती है। इन मार्गों पर रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपायों की कमी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में ओवरस्पीड पर पुलिस की कार्रवाई महज खानापूर्ति बनकर रह गई है। 2024 में अब तक 19,957 चालान किए गए हैं, लेकिन जो तेज रफ्तार की समस्या सड़कों पर नजर आ रही है, उसके हिसाब से पुलिस की कार्रवाई नाकाफी है। पुलिस का सबसे आसान टारगेट नो पार्किंग, बिना हेलमेट और तीन सवारियों को बैठाकर चलने वाले वाहन हैं, जबकि रात्रि के समय अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डालने वाले तेज रफ्तार वाहन चालकों पर कोई खास कार्रवाई नहीं की जाती।
स्मार्ट सिटी कैमरों की स्थिति:
उत्तराखंड सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत, शहर में 49 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनमें से केवल 34 कैमरे ही सक्रिय हैं, और साइबर हमले के कारण कैमरों की रिपोर्टिंग में भी समस्याएं आ रही हैं। सोमवार को ओएनजीसी चौराहे पर हुए हादसे के समय सीसीटीवी कैमरा भी काम नहीं कर रहा था। इसके कारण पुलिस को हादसे की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई।
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गंगोत्री जा रहे कांवड़ियों का ट्रक टिहरी में पलटा, तीन की मौत !

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। ऋषिकेश से गंगोत्री की ओर जा रहे कांवड़ियों से भरा एक ट्रक जाजल और फकोट के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में अब तक 3 कांवड़ियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 14 लोग घायल हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रक में 18 से 20 कांवड़ यात्री सवार थे। जाजल-फकोट के बीच अचानक ड्राइवर ने ट्रक पर से नियंत्रण खो दिया, जिससे ट्रक सड़क किनारे खाई की ओर पलट गया। गनीमत रही कि ट्रक खाई में गिरने के बजाय किनारे पर ही अटक गया…जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
ट्रक पलटते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कई यात्री ट्रक के नीचे दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। कुछ ही देर में पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं।
पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से ट्रक को जेसीबी के जरिए सीधा किया गया। राहत दल ने कुल 17 कांवड़ यात्रियों को बाहर निकाला, जिनमें से 3 की मौके पर ही मौत हो गई और 14 घायल हुए हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सभी घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से नरेंद्र नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फकोट भेजा गया है। कुछ गंभीर घायलों को आगे एम्स ऋषिकेश रेफर किया जा सकता है।
टिहरी एसपी ने बताया कि ट्रक उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आया था। प्राथमिक जांच में ट्रक चालक की लापरवाही और वाहन का अनियंत्रित होना सामने आया है। स्थानीय लोगों और प्रशासन का मानना है कि यदि ट्रक खाई में गिरता तो जनहानि कहीं अधिक हो सकती थी।
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उत्तराखंड:कालसी-चकराता मार्ग पर कार खाई में गिरी, तीन की मौत, एक घायल !

विकासनगर: उत्तराखंड के देहरादून जनपद में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड खड्ड के पास एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस भीषण हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों की मदद से घायल को खाई से बाहर निकाला गया और उप जिला अस्पताल विकासनगर पहुंचाया गया, जहां से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
थाना कालसी प्रभारी दीपक धारीवाल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। शवों को खाई से निकालने का कार्य किया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
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रुद्रप्रयाग हादसा: अलकनंदा नदी में गिरी टेंपो ट्रैवलर, एक ही परिवार के 20 लोग थे सवार, 2 की मौत !

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जनपद में आज गुरुवार सुबह ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। सुबह-सुबह जब लोग अपनी दिनचर्या की ओर बढ़ ही रहे थे, तभी ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घोलतीर के समीप एक टेंपो-ट्रेवलर अनियंत्रित होकर सीधे अलकनंदा नदी में जा गिरा। हादसा इतना भयावह था कि कुछ समय के लिए चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
हादसे में जो सबसे दर्दनाक बात सामने आई है…वो ये कि वाहन में सवार 17 लोग एक ही परिवार के थे जो राजस्थान के उदयपुर से तीर्थ यात्रा पर निकले थे। वाहन में कुल 19 लोग सवार थे। बताया जा रहा है कि सभी लोग बदरीनाथ धाम की ओर जा रहे थे। मगर किसी को क्या पता था कि रास्ते में ही उनकी जिंदगी यूं ठहर जाएगी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, SDRF, और जिला प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। घटनास्थल बेहद दुर्गम था और अलकनंदा की तेज धारा राहत कार्य में बाधा बन रही है…लेकिन इसके बावजूद टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के मुताबिक अब तक 9 लोगों को रेस्क्यू किया गया है…जिनमें दो लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में एक महिला भी शामिल है। 8 घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा गया है जिनमें कई छोटे बच्चे भी हैं।
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के वक्त तीन लोग गाड़ी से बाहर छिटककर गिर गए, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है। बाकी यात्री नदी की तेज धारा में बह गए।
रेस्क्यू टीम ने बताया कि घटनास्थल से एक शव बहकर शिवपुरी तक पहुंचा…जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। यह दृश्य जितना दुखद था…उतना ही भयावह भी।
इस हादसे से पूरे इलाके में शोक और दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग और प्रशासनिक टीमें मिलकर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। लोगों की आंखों में आंसू हैं और हर कोई यही दुआ कर रहा है कि बाकी लापता लोग सुरक्षित मिल जाएं।
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