Rishikesh
RISHIKESH: अब ड्रोन से मच्छरों पर हमला होगा, एम्स की नई पहल से मच्छर जनित रोगों पर लगेगी रोक…

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मच्छरों पर हमला करने के लिए एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। टेली मेडिसिन विभाग ने गंदगी वाले क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए दवाइयों का छिड़काव करने का कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत एम्स ने विजुअल लाइन ऑफ साइट (वीएलओएस) तकनीक से ड्रोन सेवा शुरू की है, जो मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण रखेगी।
यह योजना खासतौर पर उन इलाकों में लागू होगी जहां मच्छरों की अधिकता है और गंदगी के कारण गंभीर बीमारियों का खतरा है। एम्स के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर यूज ऑफ ड्रोन इन मेडिसिन ने यह योजना फरवरी 2024 से शुरू की है। इसके अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से दवाइयों का छिड़काव किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में मच्छर जनित रोगों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
इस सेवा के तहत अब तक 162 से अधिक ड्रोन उड़ानें हो चुकी हैं। दूरस्थ क्षेत्रों से ब्लड सैंपल्स एम्स भेजे गए हैं और टीबी व अन्य बीमारियों की दवाइयां इन क्षेत्रों में भेजी गई हैं। एम्स के नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि इस सेवा को अब अस्पतालों के रूटीन ओपीडी से जोड़ने की योजना है। इसके जरिए दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों को एम्स के चिकित्सकों से टेलीमेडिसिन के माध्यम से परामर्श मिलेगा और आवश्यक दवाइयां ड्रोन से भेजी जाएंगी।
एम्स की ड्रोन सेवा को हब एंड स्पोक मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। एम्स हब के रूप में कार्य करेगा और अन्य स्वास्थ्य केंद्र स्पोक के रूप में एम्स से जुड़ेंगे। इस मॉडल के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाया जाएगा, जिनमें टिहरी के फकोट, पिल्खी और यमकेश्वर जैसे इलाके शामिल हैं।
एम्स की ड्रोन मेडिकल सेवा का मॉडल अब तक देशभर में सफल साबित हुआ है। इस सेवा को विभिन्न प्रमुख जर्नल्स में प्रकाशित किया गया है, जिसमें Journal of Family Medicine and Primary Care India और Journal of Community Health शामिल हैं।
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Dehradun
शौचालय में हुआ प्रसव: मजदूर महिला ने बस अड्डे पर दिया बच्चे को जन्म, जानिए कैसे बचीं दो जिंदगियां

ऋषिकेश: रविवार सुबह श्रीनगर-कर्णप्रयाग बस अड्डे के शौचालय में एक महिला ने अचानक प्रसव कर शिशु को जन्म दिया। महिला की चीख-पुकार सुनकर आस-पास मौजूद लोगों और परिजनों ने तत्काल सहायता पहुंचाई…जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
महिला की पहचान ज्योति थापा (21) पत्नी मनीष थापा के रूप में हुई है जो नेपाली मूल का एक प्रवासी मजदूर परिवार है। यह परिवार वर्तमान में कर्णप्रयाग के ब्राडी सेन क्षेत्र में मजदूरी करता है और आज काम के सिलसिले में हिमाचल प्रदेश की ओर जा रहा था।
जब बस कुछ देर के लिए श्रीनगर-कर्णप्रयाग बस अड्डे पर रुकी तो ज्योति शौचालय गईं। थोड़ी देर बाद वहां से उनकी दर्द भरी चीखें सुनाई दीं। स्थिति को गंभीर देखते हुए आईएसबीटी परिसर में तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर प्राथमिक सहायता दी।
चिकित्सकों और फार्मासिस्ट की टीम की सतर्कता और त्वरित प्रयासों के चलते जच्चा और बच्चा दोनों की जान बचाई जा सकी। महिला को तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा से राजकीय जिला चिकित्सालय श्रीनगर भेजा गया जहां चिकित्सकों ने दोनों की स्थिति को स्थिर बताया है।
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Accident
ऋषिकेश के कौड़ियाला में बस और कार की टक्कर, कई घायल; बड़ा हादसा टला

ऋषिकेश: रविवार सुबह ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर कौड़ियाला के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें रोडवेज बस और एक कार की आमने-सामने की टक्कर हो गई। हादसे में कार सवार कई यात्री घायल हो गए, जबकि बस में सवार अधिकांश लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना सुबह लगभग पांच बजे उस समय हुई जब दिल्ली से गोपेश्वर जा रही रोडवेज बस कौड़ियाला के समीप पहुंची। उसी दौरान हरियाणा नंबर की एक कार, जो कथित तौर पर गलत दिशा से आ रही थी, बस से जा भिड़ी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार में बैठे दो से तीन यात्रियों को गंभीर चोटें आईं। घायलों को तत्काल 108 सेवा की मदद से ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। राहत की बात यह रही कि बस में बैठे अन्य यात्री सुरक्षित हैं और किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर यातायात बहाल करवाया। हादसे की जांच जारी है और प्रारंभिक जांच में गलती कार चालक की बताई जा रही है।
Rishikesh
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, लोगों से सावधानी बरतने की अपील |

ऋषिकेश: ऋषिकेश में दो महिलाओं के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद डोईवाला स्वास्थ्य विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के.एस. भंडारी ने जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण को लेकर फिलहाल उत्तराखंड में कोई नया स्थानीय मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बाहर से आने वाले संक्रमित व्यक्तियों के चलते एहतियात बरतना जरूरी है।
डॉ. भंडारी ने लोगों से अपील की है कि वे पूर्व की कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें और सतर्क रहें। मास्क का प्रयोग, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों की सफाई जैसी सावधानियों को नजरअंदाज न करें।
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों महिलाएं बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आई थीं, ऐसे में संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है और निगरानी बढ़ा दी गई है।
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