Dehradun
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आज जन्मदिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्र और राज्य के तमाम नेताओं ने दी शुभकामनाएँ

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिवस पर आज उन्हें देशभर से बधाइयों का सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी हार्दिक शुभकामनाएँ
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में लिखा:
“मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँ। वे उत्तराखंड के विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। उनके आने वाले वर्षों के लिए मेरी शुभकामनाएँ।”
गृह मंत्री अमित शाह ने की बाबा केदारनाथ से प्रार्थना
“आप गरीब कल्याण और देवभूमि की प्रगति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। बाबा केदारनाथ से आपके स्वस्थ, सुखी और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूँ।”
नितिन गडकरी ने सराहा धामी का नेतृत्व “उत्तराखंड को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए आपका नेतृत्व प्रशंसनीय है। जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ।”
योगी आदित्यनाथ ने दी विशेष शुभकामनाएँ
“आपका कर्मयोगी स्वभाव उत्तराखंड को नई दिशा दे रहा है। प्रभु श्रीराम से आपके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूँ।”
उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी दी शुभकामनाएँ
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मुख्यमंत्री धामी को जन्मदिवस की बधाई देते हुए कहा:
“आपके कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड निरंतर प्रगति कर रहा है। ईश्वर आपको स्वस्थ, सशक्त और दीर्घायु बनाए।”
देशभर के नेताओं से मिल रही हैं शुभकामनाएँ
मुख्यमंत्री धामी को बधाई देने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत अनेक दिग्गज नेता शामिल हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया आभार
मुख्यमंत्री ने सभी शुभचिंतकों का आभार जताते हुए कहा: “आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। मैं देवभूमि उत्तराखंड की सेवा में सदैव समर्पित रहूंगा।”
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उत्तराखंड: आपदा प्रभावितों को क्या सुविधाएं मिलीं? हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा

देहरादून: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली जिले की थराली आपदा मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगते हुए प्रभावितों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आया है…जिसमें आपदा से हुए नुकसान और क्षेत्रवासियों की समस्याओं को उजागर किया गया था।
22 अगस्त को पिंडर और प्राणमती नदियों में आई आपदा के बाद थराली क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी। इस आपदा में एक लड़की मलबे में दबकर जान गंवा चुकी है और एक व्यक्ति अभी भी लापता है। स्कूल और अस्पताल को तो दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है…लेकिन सड़कों की हालत अभी भी खराब होने के कारण स्थानीय लोगों को आवश्यक सामान पहुंचाने में दिक्कत हो रही है।
धराली निवासी अधिवक्ता सिद्धार्थ नेगी ने यह जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से प्रभावित लोगों के लिए उचित सहायता की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि प्रभावित लोगों को किन-किन सुविधाओं से लाभान्वित किया गया है।
अदालत ने राज्य सरकार को प्रभावितों की सहायता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इस पर विस्तृत प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही प्रभावितों को जल्द से जल्द मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया है ताकि इलाके के लोग अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट सकें।
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वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को मिला नोटिस, पत्रकारों समेत करन माहरा उतरे समर्थन में…

देहरादून(janmanchTV ): उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भई उनके समर्थन में उतर आए हैं। उनका कहना है कि देश में सच बोलना अब अपराध बन गया है।
वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी के समर्थन में आए पत्रकार
प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को लीगल नोटिस भेजने को लेकर अब पत्रकार उनके समर्थन में उतर आए हैं। बता दें कि अजीत राठी ने सोशल मीडिया पर लिखी अपनी एक पोस्ट में राज्य के आईटी पार्क क्षेत्र की जमीन को लेकर सरकार और सिडकुल के बीच हुए एक कथित भूमि आवंटन को लेकर सवाल उठाए थे।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आईटी पार्क की जमीन को 90 साल की लीज पर एक निजी कंपनी को देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने इसे जनता के हितों और राज्य की नीतियों के खिलाफ बताया। इस पोस्ट के बाद उन्हें कथित तौर पर सरकारी पक्ष से एक कानूनी नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस के बाद अब पत्रकार अजीत राठी के समर्थन में सोशल मीडिया पर #IStandWithAjitRathi लिख रहे हैं और नोटिस को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को आलोचना और सवालों का स्वागत करना चाहिए, न कि पत्रकारों को डराने-धमकाने की कोशिश करनी चाहिए।
करन माहरा भी उतरे समर्थन में
पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी अजीत राठी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने अजीत राठी को नोटिस भेजने को लेकर सावल उठाए हैं। उनका कहना है कि देश में सच बोलना अपराध हो गया है। एक पत्रकार अगर जनता के हित के लिए सच बोलता है तो उसे नोटिस भेजा जाता है। इसके साथ ही उसके घर पर पुलिस वालों को भेजकर पत्रकार और पत्रकार के घर वालों को डराने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार जनता के सवालों के जवाब देने के बजाय सावल पूछने वालों को चुप कराने में व्यस्त है।
मैं राज्यहित के मुद्दे उठाता रहूूंगा – अजीत राठी
अजीत राठी ने उन्हें मिले नोटिस को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा है कि नोटिस देने से पहले मेरी गैरमौजूदगी में तीन दिन तक खाकी वर्दी में सरकारी लोग गए। ये सब मेरे परिवार पर मानसिक दबाव बनाने के लिए किया गया लेकिन ये कोशिश बेकार साबित हुई। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलते रहे लेकिन वो राज्यहित के मुद्दे उठाते रहेंगे।
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देहरादून से बड़ी खबर: सीएम धामी का बड़ा फैसला, UKSSSC परीक्षा रद्द !

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा 21 सितंबर को कराई गई स्नातक स्तरीय पटवारी परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला पेपर लीक मामले के सामने आने के बाद लिया गया है। परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने जांच के लिए SIT और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग बनाया था। आयोग ने जनसुनवाई के जरिए परीक्षार्थियों और संबंधित पक्षों की राय ली।
यूकेएसएसएससी की 21 सितंबर को हुई परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के एक केंद्र से प्रश्न पत्र का अंश बाहर आने का प्रकरण सामने आया। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसआइटी के साथ सेवानिवृत्त न्यायाधीश यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया।
जब युवाओं ने सीबीआइ जांच की मांग उठाई तो मुख्यमंत्री धामी खुद घटनास्थल पर पहुंचे और जांच कराने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि जब तक जीवित हूँ, एक-एक छात्र को न्याय मिलेगा। उनके इन शब्दों के बाद युवाओं ने आंदोलन स्थगित कर दिया।
जांच आयोग की जन सुनवाई में भी परीक्षार्थियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स ने परीक्षा में खामियों और निरस्तीकरण की मांग को पुरजोर तरीके से रखा।
शुक्रवार को भाजपा के विधायक खजान दास, दिलीप रावत, विनोद कंडारी, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट और रेणु बिष्ट ने मुख्यमंत्री से भेंट कर ज्ञापन सौंपा, जिसमें परीक्षा निरस्त करने की मांग का समर्थन किया गया। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश सरकार शीघ्र ही परीक्षा निरस्त करने का फैसला ले सकती है।
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