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भाजपा के राष्ट्रीय टॉप स्टार प्रचारकों में युवा मुख्यमंत्री धामी भी टॉप पर, धामी के बड़े फैसलों और धाकड़ निर्णयों को देशभर में भुनाएगी पार्टी।

धामी सरकार के बड़े फैसलों को राष्ट्रीय स्तर पर भुनाएगी भाजपा।
छोटे प्रदेश से बड़े मैदान में हुंकार भरेंगे सीएम धामी।
भाजपा के राष्ट्रीय टॉप स्टार प्रचारकों में युवा मुख्यमंत्री धामी भी टॉप पर।
धामी सरकार के बड़े फैसलों और धाकड़ निर्णयों को देशभर में भुनाएगी पार्टी।
उत्तराखंड के अलावा देश के तीन बड़े राज्यों यूपी, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार करेंगे धामी।
देहरादून – उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में बड़े फैसलों और निर्णयों से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता राष्ट्रीय स्तर पर छाई है। भाजपा भी मुख्यमंत्री धामी की इस लोकप्रियता को लोकसभा चुनाव में भुनाना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने जो स्टार प्रचारकों की सूची बनाई है, उसमें मुख्यमंत्री धामी का नाम टॉप में शुमार है। धामी उत्तराखण्ड के अलावा उत्तरप्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर जैसे बड़े राज्य में चुनाव प्रचार करेंगे।

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने टॉप स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में देवभूमि से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टॉप पर हैं। भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व ने धामी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और भौगोलिक परिस्थितियों से विकट जम्मू कश्मीर में टॉप स्टार प्रचारकों में शामिल किया है। बड़ी बात यह है कि तीनों राज्य में करीब 30 से 40 स्टार प्रचारक हैं, लेकिन उत्तराखंड से सिर्फ मुख्यमंत्री धामी का नाम शामिल है। इसके पीछे धामी सरकार के यूसीसी ( यूनिफॉर्म सिविल कोड), सख्त नकलरोधी कानून, दंगारोधी कानून, लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई जैसे बड़े फैसले देखे जा रहे हैं।
भाजपा हाई कमान उत्तराखंड के इन बड़े फैसलों को देशभर में नजीर के रूप में प्रदर्शित करना चाहता है। इसके लिए युवा मुख्यमंत्री धामी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गजों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि लोकप्रियता के मामले में मुख्यमंत्री धामी हाल ही में देश के 100 पॉवरफुल लोगों के सर्वे में 61वें स्थान पर जगह बना चुके हैं। लगातार बड़े फैसले और धाकड़ निर्णय उनकी लोकप्रियता के ग्राफ को बढ़ा रहे हैं। खासकर युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता खासी देखी जाती है। यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य से बड़े राज्यों के चुनावी समर में पार्टी प्रत्याशियों की जीत का बिगुल फूकेंगे।
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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने रानीचौरी में कृषि-पर्यावरण-पर्यटन चिंतन शिविर का किया शुभारंभ

देहरादून: वीरचंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार के वानिकी महाविद्यालय, रानीचौरी में भारत में कृषि-पारिस्थितिकी-पर्यटनः अवसर, चुनौतियाँ और आगे की राह सम्बन्धी दो दिवसीय चिंतन शिविर का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि आज देवभूमि उत्तराखण्ड की इस पवित्र भूमि पर, जहाँ प्रकृति और पुरुषार्थ दोनों का अद्भुत संगम है- “कृषि-पारिस्थितिकी-पर्यटनः अवसर, चुनौतियाँ और आगे की राह” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर 14वें विचार-मंथन सत्र का उद्घाटन करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष और गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक अकादमिक चर्चा नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला नेक प्रयास है, जो अपनी जड़ों में कृषि, आत्मा में पर्यावरण और हृदय में पर्यटन की संस्कृति को संजोए हुए है।
राज्यपाल ने कहा
की देवभूमि उत्तराखण्ड में आज पर्यटन केवल मनोरंजन का माध्यम न रहकर सतत विकास का साधन बन रहा है। अब तक पर्यटन कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा है और भीड़-भाड़ से पर्यावरणीय दबाव बढ़ा है, परंतु इको-टूरिज्म और कृषि-पर्यटन जैसी पहलें इस प्रवृत्ति को एक नई दिशा दे रही हैं। ये न केवल प्रकृति और संस्कृति की रक्षा सुनिश्चित करती हैं, बल्कि किसानों व स्थानीय समुदायों को आत्मनिर्भरता और गरिमामय आजीविका का अवसर भी प्रदान करती हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की जड़ें कृषि में हैं। आज भी लगभग 45 प्रतिशत लोग कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर निर्भर हैं। यह केवल आजीविका नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है। कृषि हमारे ग्रामीण समाज की आत्मा है और पर्यावरण उसकी सांस है। दोनों का संगम ही “एग्री-इको-टूरिज्म” का सार है, जहाँ खेत की हरियाली, पर्वत की शांति और संस्कृति की सरलता एक साथ अनुभव की जाती है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत के पास अपार संभावनाएँ और प्राकृतिक संसाधन हैं, लेकिन यहां पर इको-टूरिज्म का विकास अभी प्रारंभिक अवस्था में है। सतत् पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में ‘‘ग्रामीण पर्यटन की राष्ट्रीय नीति’’ भी जारी की है। जो ग्रामीण पर्यटन नीति इनके विकास में सहायक सिद्ध हो सकती है।
उन्होंने कहा कि कृषि-पर्यावरण पर्यटन एक ऐसा व्यावसायिक मॉडल है, जो किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण रोजगार सृजित करने, आजीविका सुधारने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की क्षमता रखता है। यह पारंपरिक खेती को एक गतिशील व्यावसायिक उद्यम में बदलने का अवसर प्रदान करता है, जो कृषि, प्रकृति और संस्कृति तीनों को एक साथ जोड़ता है। उत्तराखण्ड इस दिशा में एक स्वाभाविक लाभ वाला राज्य है। यहाँ की भौगोलिक विविधता, बागवानी, जैविक खेती, पर्वतीय कृषि प्रणाली और पारंपरिक गांव एग्री-इको-टूरिज्म के लिए आदर्श हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार को बधाई देते हुए कहा कि इको-टूरिज्म और कौशल-विकास पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमिता की भावना जागृत कर रहा है। इसी प्रकार आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या और डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा द्वारा प्रारंभ किए गए एग्री-टूरिज्म प्रबंधन डिप्लोमा कार्यक्रम भी इस दिशा में प्रेरणादायक हैं। ये प्रयास दर्शाते हैं कि भारत के कृषि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि ग्रामीण परिवर्तन की प्रयोगशालाएँ बन रहे हैं।

राज्यपाल ने भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ (आईएयूए), वीर चंद्र सिंह गढ़वाली विश्वविद्यालय और इस सत्र में सहभागी सभी विशेषज्ञों को इस आयोजन की सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर उन्होंने भरसार, गैरसैंण, पौड़ी, प्रतापनगर, मैलचौरी महाविद्यालय के 2722.64 लाख रुपये की योजनाओं का शिलान्यास/लोकार्पण/जीर्णाेद्धार भी किया। इस अवसर पर रानीचौरी भरसार महाविद्यालय के अधिष्ठंता कार्यालय का सभागार कक्षा का लोकार्पण भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअल माध्यम से अपना संबोधन व्यक्त किया गया। कुलपति वी.सी.एस.जी. विश्वविद्यालय डॉ. परविन्दर कौशल ने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उपस्थित लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय व प्रतापनगर विक्रम नेगी, सचिव रविनाथ रमन, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल नितिका खण्डेलवाल, एसएसपी आयुष अग्रवाल, सीडीओ वरुणा अग्रवाल विभिन्न महाविद्यालय के डीन व प्रोफेसर उपस्थित थे।
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राष्ट्रीय जूडो में उत्तराखण्ड पुलिस की शानदार परफॉर्मेंस: 8 पदक जीतकर लौटे खिलाड़ी, पुलिस महानिदेशक ने दी बधाई

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने 10वें ऑल इंडिया पुलिस जूडो क्लस्टर 2025 में शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल भावना और अनुशासन का लोहा मनवाया। यह प्रतियोगिता 07 से 16 अक्टूबर, 2025 तक श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में आयोजित हुई…जिसमें देशभर के लगभग 30 राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टीमों ने हिस्सा लिया।
पुलिस मुख्यालय देहरादून में मंगलवार को पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने पदक विजेता खिलाड़ियों से मिलकर उन्हें बधाई दी। उन्होंने खिलाड़ियों को भविष्य की प्रतियोगिताओं में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए निरंतर अभ्यास, मेहनत और समर्पण बनाए रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनन्द भरणें और उप पुलिस महानिरीक्षक धीरेन्द्र गुंज्याल भी मौजूद रहे।
पदक विजेता:
पंचक स्लाट – अभिषेक वर्मा, गायत्री नेगी, ईशू भारती
कराटे – मोहित कापड़ी
ताईक्वान्डो – नितेश सिंह
वूशू – लविश कुमार, शुभम चौधरी, सागर
कुल मिलाकर उत्तराखंड पुलिस ने 3 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य पदक जीतकर अपनी कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट कौशल का परिचय दिया। खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से प्रदेश पुलिस के खेल क्षेत्र में मान और गौरव बढ़ा है।
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पेंशनर्स के लिए खुशखबरी: धामी सरकार ने दी राहत, महंगाई भत्ता बढ़ाया गया

पेंशनर्स के लिए खुशखबरी
देहरादून: महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे उत्तराखंड के पेंशनर्स के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने पेंशनर्स के महंगाई भत्ते की दर में तीन प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। वित्त विभाग के आदेश के अनुसार 1 जुलाई 2025 से पेंशनर्स को अब 55% के बजाय 58% दर से महंगाई राहत मिलेगी।
यह राहत उन पेंशनरों पर लागू होगी जिनकी पेंशन सातवें वेतनमान आयोग के अनुसार पुनरीक्षित की गई है। इसमें स्थायी पेंशनभोगी, विद्यालयी एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के योग्य शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी शामिल हैं।

हालांकि आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, स्थानीय निकायों तथा सार्वजनिक उपक्रमों के सिविल या पारिवारिक पेंशनर के लिए अलग आदेश जारी किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि इस निर्णय से लगभग एक लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। महंगाई राहत में यह बढ़ोतरी राज्य सरकार पर वार्षिक रूप से कई करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार डालेगी…लेकिन पेंशनरों की आमदनी में सुधार और उनकी आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
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