Dehradun
हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड की शुरूआत जल्द से जल्द करने के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए निर्देश।

हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत जो भी उत्पाद रखे जायें, उनकी गुणवत्ता, पैकेजिंग आदि पर विशेष ध्यान रखा जाये : मुख्यमंत्री
हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जाये : मुख्यमंत्री
हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड की शुरूआत जल्द से जल्द की जाये : मुख्यमंत्री
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन सभागार में हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु एक्टिव प्लान, इम्प्लीमेंटेशन तथा स्ट्रटेजी के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

मुख्यमंत्री को समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने ओर उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु किये जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत देवभूमि उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों-झिंगोरा, लाल चावल, राजमा, गहत दाल, हल्दी पावडर, बुरांश, शहद, तोर दाल, काले सोयाबीन, बासमती चावल, दालचीनी, सेव जाम, मशरूम व लहसून का अचार सहित प्रथम चरण में 21 उत्पादों को तथा द्वितीय चरण में 22 उत्पादों को ग्लोबल बनाने के लिये कार्य किया जायेगा, जिसमें ग्राम्य विकास, वन, कृषि, उद्योग, सहकारिता सहित नीदरलैण्ड बेस्ड कम्पनी वूमन ऑन विग्स का भी सहयोग प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कौन-कौन से प्रोडक्ट होंगे, उत्पादों की खरीददारी, कहां-कहां पर इनके स्टोर होंगे, इसमें कौन-कौन से पदाधिकारी होंगे आदि के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा करते हुये इनकी स्वीकृति प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत जो भी उत्पाद रखे जायें, उनकी गुणवत्ता, पैकेजिंग आदि पर विशेष ध्यान देते हुये इस ब्राण्ड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जाये तथा जल्द से जल्द इसकी शुरूआत की जाये। इस पर अधिकारियों ने बताया कि गुणवत्ता कण्ट्रोल के लिये एक टीम गठित की जायेगी, जो इस ब्राण्ड के अन्दर आने वाले उत्पादों की निरन्तर मॉनिटरिंग करेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत आने वाले उत्पादों का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, सचिव राधिका झा, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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उत्तराखंड: पराली से भरी पिकअप में लगी भीषण आग, कुछ ही मिनटों में जलकर खाक

विकासनगर (देहरादून): विकासनगर जजरेड के पास सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया..जब पराली से भरी एक पिकअप वाहन में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते वाहन आग की लपटों में घिर गया और कुछ ही मिनटों में पूरी पिकअप जलकर राख हो गई।
जानकारी के अनुसार वाहन संख्या UK 07 CB 0265 कालसी से सुरैऊ (जौनसार) की ओर जा रहा था। रास्ते में अचानक वाहन से धुआं उठता देखा गया। चालक ने तुरंत गाड़ी रोककर आग बुझाने की कोशिश की…लेकिन आग इतनी तेज़ी से फैली कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर पानी और मिट्टी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया पर तब तक पिकअप पूरी तरह जल चुकी थी। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगने के कुछ ही मिनटों में लपटें कई फीट ऊंची हो गईं…जिससे आसपास अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को घटना की सूचना दी। प्राथमिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि वाहन के इंजन या विद्युत तंत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी। फिलहाल स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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उत्तराखंड: पति के नास्तिक होने से व्यथित पत्नी ने मांगा तलाक, मामला पहुंचा हाईकोर्ट !

नैनीताल: धर्म और विश्वास के टकराव से जन्मा एक अनोखा मामला उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चर्चा का विषय बन गया है। पूनम नामक एक हिंदू महिला ने अपने पति भुवन चंद्र सनवाल से तलाक की मांग इस आधार पर की है कि उनका पति नास्तिक है और किसी भी धार्मिक रीति-रिवाज या परंपरा में विश्वास नहीं रखता।
पूनम का आरोप है कि उसका पति और ससुराल पक्ष स्वयंभू संत रामपाल के अनुयायी हैं तथा उन्होंने विवाह के बाद उसे पूजा-पाठ करने से रोक दिया। महिला ने अदालत को बताया कि शादी के बाद घर का मंदिर तक हटा दिया गया और देवताओं की मूर्तियाँ पैक कर बाहर रख दी गईं।

विवाद तब और गहराया जब बेटे के नामकरण संस्कार की बात आई। पूनम के अनुसार पति ने यह कहते हुए संस्कार करवाने से इनकार कर दिया कि उनके आध्यात्मिक मार्ग में ऐसे कर्मकांडों की अनुमति नहीं है। धार्मिक आस्थाओं से समझौता न कर पाने पर महिला ने पारिवारिक न्यायालय, नैनीताल में तलाक की अर्जी दाखिल की मगर वहां उसकी याचिका खारिज कर दी गई।
इसके बाद पूनम ने उच्च न्यायालय का रुख किया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रवींद्र मैथाणी और आलोक महरा की खंडपीठ ने माना कि दंपति के बीच अभी सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना मौजूद है। अदालत ने दोनों पक्षों को काउंसलिंग (परामर्श) के लिए भेजने के निर्देश दिए, ताकि सात वर्षीय बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुलह का रास्ता निकाला जा सके।
अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में आपसी संवाद और समझदारी से समाधान संभव है…क्योंकि परिवार और बच्चे की भलाई सर्वोपरि है।
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मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को उत्तराखंड में राज्य स्तरीय भूकंप मॉक ड्रिल होगी आयोजित

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को भूकंप तथा भूकंप के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली अन्य आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने तथा विभिन्न रेखीय विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। बुधवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भूकंप पर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल कराने तथा विभिन्न रेखीय विभागों तथा केंद्र सरकार की एजेंसियों के बीच समन्वय की कड़ी को मजबूत करने, भूकंप तथा इससे जुड़ी अन्य आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी तरीके से संचालित करने, संसाधनों को बेहतर से बेहतर उपयोग हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास आयोजित करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए ने मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।
12 नवंबर को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी तथा 15 नवंबर को राज्य के सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, मॉक ड्रिल के लिए अपनी योजना के बारे में बताएंगे।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, डॉ बिमलेश जोशी तथा यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर के अधिकारी तथा विशेषज्ञ आदि मौजूद थे।
सभी जनपदों के अधिकारी तथा विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है राज्य-सुमन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील राज्य है। सभी जनपद जोन 04 व 05 में आते हैं। इसलिए भूकंप से निपटने के लिए न सिर्फ सरकार व शासन-प्रशासन के स्तर पर बल्कि समुदाय स्तर पर भी प्रभावी प्रतिक्रिया जरूरी है ताकि भूकंप के प्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए भूकंप चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर सायरन तथा सेंसरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। भूदेव एप विकसित किया गया है, जो पांच से अधिक की तीव्रता का भूकंप आने पर मोबाइल फोन में अलर्ट भेज देगा।
इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल.
भूकंप आने की स्थिति में लोगों को किस प्रकार रेस्क्यू किया जाएगा, निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी।
राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा
मॉक अभ्यास के दौरान राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी।
मॉक ड्रिल से परखी जाएंगी जनपदों की तैयारियां-स्वरूप
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन आनंद स्वरूप ने भूकंप पर आयोजित होने जा रही मॉक ड्रिल के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मॉक अभ्यास का उद्देश्य भूकंप से निपटने के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण करना, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना तथा मजबूत करना, राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच करना, राहत शिविर संचालन तथा वहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधा को परखना, चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का परीक्षण करना, संवेदनशील क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास करना तथा समुदायों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना है।
जनपदों में अलग-अलग परिदृश्यों पर होगी ड्रिल-नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि बहुमंजिला इमारत के ढहने के बाद लोगों का रेस्क्यू, कॉलेज/स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने से बच्चों तथा शिक्षकों की सुरक्षित निकासी, पुल व फ्लाईओवर का ढहना, बांध की विफलता से उत्पन्न बाढ़ के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, अपार्टमेंट, शॉपिंग मॉल से लोगों की सुरक्षित निकासी, औद्योगिक क्षेत्र में कैमिकल रिसाव के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, ग्लेशियर झील का फटना, रेलवे ट्रेक क्षतिग्रस्त होना, भूस्खलन आदि परिदृश्यों पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रात्रि के समय भूकंप आने पर किस प्रकार प्रभावी तरीके से राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकते हैं, इस पर भी रात्रि के समय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
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