देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोटापा कम करने के आह्वान पर गंभीरता से काम करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द ही राज्य में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाई जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री उच्चाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे और इस बैठक में खिलाड़ियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से सहयोग लेने की योजना बनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में बार-बार मोटापे की समस्या पर चिंता जताई है। हाल ही में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में उन्होंने मोटापे को लेकर जीवनशैली में बदलाव की बात की थी। इसके साथ ही उन्होंने शारीरिक व्यायाम और खाद्य तेल में 10 प्रतिशत की कमी लाने का आह्वान किया था। 23 फरवरी को पीएम मोदी ने फिर से मन की बात में मोटापे पर चर्चा की थी।
उत्तराखंड में भी मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़े बताते हैं कि 2015-16 में राज्य में 17.7 प्रतिशत पुरुष और 20.4 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से ग्रस्त थीं, जो 2019-21 में बढ़कर पुरुषों में 27.1 प्रतिशत और महिलाओं में 29.8 प्रतिशत हो गई। यह आंकड़े मोटापे के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करते हैं और यह धारणा भी गलत साबित कर रहे हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों में कम मोटापा होता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस गंभीर समस्या पर राज्य सरकार के स्तर पर सख्त कदम उठाने के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील को राज्य सरकार पूरी गंभीरता से लेगी और राज्य में सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नए प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य की आर्थिक मजबूती के साथ यहां के निवासियों के स्वास्थ्य की मजबूती भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी इस मुद्दे पर बहुत संवेदनशील हैं और जब वे देश के लोगों से अपील करते हैं, तो लोग उसे मानते हैं।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री जल्द ही एक बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें अधिकारियों द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना पेश की जाएगी। इस योजना में राज्य में मोटापे को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और सरकारी प्रयासों को तेज किया जाएगा।
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