Uttarakhand
उत्तराखंड: मस्जिद हटाने को लेकर जनाक्रोश रैली, पुलिस ने लगाए बैरियर…

उत्तरकाशी – उत्तरकाशी में मस्जिद हटाने के विरोध में धार्मिक संगठन द्वारा जनाक्रोश रैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली के दौरान लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके चलते पुलिस ने रैली को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर बैरियर लगाए हैं। इस प्रदर्शन के चलते स्थानीय बाजार बंद कराए गए हैं।
धार्मिक संगठन की ओर से मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर अवैध रूप से नहीं बनी है। प्रशासन की इस स्पष्टता के बावजूद संगठन इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है और आज पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत रैली निकाली जा रही है।
पुलिस ने रैली को नियंत्रित करने के लिए तीन प्रमुख स्थानों—सिंगल तिराहा, भटवाड़ी रोड और भैरव चौक—पर बैरियर लगाए हैं। इन स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
स्थानीय निवासियों और संगठनों के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और प्रशासन स्थिति को शांत करने के लिए प्रयासरत है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन रैली के आयोजकों से बातचीत कर रहे हैं, ताकि विवाद का समाधान किया जा सके।
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Haridwar
नेता नहीं, जनसैनिक हैं मुख्यमंत्री धामी: ट्रैक्टर चलाकर किसानों के जीते दिल

ट्रैक्टर की स्टेयरिंग पर सीएम धामी: जनता से जुड़कर ही होता है सच्चा नेतृत्व
जहाँ पसीना बहता है, वहीं भविष्य फलता है – हरिद्वार में सीएम धामी का कर्मयोगी अवतार – लिब्बरहेड़ी की धरती पर जननेता की सादगी और संकल्प की मिसाल
समानता की राह, सेवा का संकल्प – सीएम धामी का हर कदम जनता के नाम – UCC से लेकर ट्रैक्टर तक, जनभावनाओं से जुड़ा नेतृत्व
नेता नहीं, जनसैनिक हैं धामी – खेत, गांव, संविधान और संकल्प सब साथ लेकर चल रहे हैं” – नए उत्तराखंड के निर्माण में एक सच्चा, व्यवहारिक और संवेदनशील नेतृत्व
लिब्बरहेड़ी, हरिद्वार में सीएम धामी का ऐतिहासिक रोड शो और ट्रैक्टर यात्रा जनता से जुड़ाव और किसानों के सम्मान का अनोखा संदेश
लिब्बरहेड़ी (हरिद्वार): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जनपद के लिब्बरहेड़ी में भव्य रोड शो और जनसंवाद कार्यक्रम में भाग लेकर प्रदेशवासियों को एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी राजनीति का केंद्र बिंदु जनता और ज़मीन से जुड़ाव है। इस ऐतिहासिक दौरे के दौरान सीएम धामी न केवल मंच से जनता को संबोधित करते दिखाई दिए, बल्कि खुद ट्रैक्टर चलाकर प्रदेश के किसानों के कठिन परिश्रम के प्रति आभार भी व्यक्त कर रहे थे।
ट्रैक्टर की सवारी: संदेशों से भरपूर एक क्षण
मुख्यमंत्री धामी ने जब पारंपरिक मंच से उतरकर ट्रैक्टर की स्टेयरिंग संभाली, तो सड़क पर उत्साह की लहर दौड़ गई। किसान, महिलाएं, बुजुर्ग और युवा – सभी यह दृश्य देखने को उमड़ पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा: किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। जब मैं ट्रैक्टर चलाता हूं, तो यह केवल एक ड्राइव नहीं, बल्कि हमारे अन्नदाता भाइयों के परिश्रम को नमन करने का एक छोटा-सा प्रयास है। इस दृश्य ने यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का नेतृत्व केवल योजनाओं और घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर उतरकर सहभागी बनना उनकी शैली का अभिन्न अंग है।
समान नागरिक संहिता पर जनसंवाद
लिब्बरहेड़ी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हाल ही में उत्तराखंड में लागू की गई समान नागरिक संहिता (UCC) पर जनता का आभार प्रकट करना और इस ऐतिहासिक कानून के महत्व को जनमानस तक पहुंचाना था। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा: UCC न किसी मजहब के खिलाफ है और न किसी वर्ग के। यह समानता, न्याय और पारदर्शिता का मूल आधार है। यह वही सपना है जिसे बाबा साहब डॉ. आंबेडकर ने संविधान निर्माण के समय देखा था। यह कानून प्रदेश की एकता, भाईचारे और नागरिकों के समान अधिकारों की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
गांव, किसान और युवा — यही है धामी सरकार की प्राथमिकता
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश सरकार की वि भिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनमें किसानों को आधुनिक खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, युवा उद्यमियों के लिए स्टार्टअप योजनाएं, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और सड़कों व स्वास्थ्य सेवाओं का उन्नयन शामिल हैं। उन्होंने कहा: हमारा लक्ष्य सिर्फ विकास करना नहीं, बल्कि विकास को गांव-गांव और व्यक्ति-व्यक्ति तक पहुंचाना है।
लिब्बरहेड़ी की इस यात्रा ने साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व केवल शासकीय सीमाओं में बंधा नहीं है। वे एक जननेता हैं, जो न केवल सुनते हैं, बल्कि जमीन पर उतरकर भागीदारी भी निभाते हैं। ट्रैक्टर की सवारी हो या समान नागरिक संहिता पर जनसंवाद — हर पहलू यह दर्शाता है कि उत्तराखंड एक नए युग की ओर अग्रसर है, जहां विकास और संवेदना दोनों साथ चलती हैं।
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Dehradun
चारधाम यात्रा में राज्य सरकार की हेल्थ ब्रेकिंग! हर यात्री की स्क्रीनिंग, हेली एंबुलेंस तक तैनात !

देहरादून: उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा 2025 के दौरान संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशाली व्यवस्था की गई है, जिसके तहत अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच (स्क्रीनिंग) की जा चुकी है।
डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा में बड़ी संख्या में वृद्ध, हृदय व सांस रोगियों के अलावा पहाड़ी क्षेत्र में पहली बार आने वाले लोग भी शामिल होते हैं। ऊंचाई, ठंड और ऑक्सीजन की कमी इनके लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन सकती है, इसलिए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त बनाया गया है।
रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जैसे चारधाम जिलों में 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट सक्रिय किए गए हैं। ट्रांजिट जिलों हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। यात्रा प्रारंभ बिंदुओं पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं, जिनमें हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर और पौड़ी के कालियासौड़ में नए सेंटर शामिल हैं।
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु 17 बेड का नया अस्पताल सेवा में लाया गया है। 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर, 381 पारा-मेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं। प्रति रोस्टर 24 अतिरिक्त मेडिकल ऑफिसर और 35 पारा-मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों में 47 राज्य स्वास्थ्य सेवा, 13 भारत सरकार और 5 निजी मेडिकल कॉलेजों से हैं।
स्क्रीनिंग में कई श्रद्धालु हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्याएं आदि से ग्रस्त पाए गए। करीब 29 श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी गई, जबकि 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से और 33 को हेली एंबुलेंस सेवा से रेफर किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ होटल, धर्मशाला स्टाफ, खच्चर चालकों और कुलियों को भी प्रशिक्षित किया है ताकि वे हाई रिस्क लक्षणों की पहचान कर समय पर सहायता कर सकें। हाइपोथर्मिया जैसे जोखिम से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।
“ई-स्वास्थ्यधाम” पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य डेटा की निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो रही है। चारधाम जिलों को 50 टैबलेट दिए गए हैं, जिससे सभी स्क्रीनिंग और मेडिकल रिलीफ पोस्ट पर डिजिटल डेटा संकलित हो रहा है। 13 भाषाओं में तैयार पर्चे, होर्डिंग्स और जानकारी संबंधित IEC सामग्री तीर्थयात्रियों तक पहुंचाई जा रही है।
यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात हैं, जिनमें 82 स्वास्थ्य विभाग की और 72 “108 NAS” सेवा की हैं। इस वर्ष पहली बार हेली एंबुलेंस सेवा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से संचालित की जा रही है, जिससे गंभीर मरीजों को तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा मिल सके।
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Dehradun
डीएम सविन बंसल ने दिखाई प्रशासनिक सख्ती, बिजली सेवाओं में बाधा डालने पर होगी कड़ी कार्रवाई !

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने विद्युत विभाग के जूनियर अभियंताओं द्वारा की जा रही हड़ताल की गंभीरता से समीक्षा कर कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग को तुरंत तलब करते हुए जनसामान्य को विद्युत आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा न आए इसके सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने स्पष्ट किया कि जनहित के कार्यों में बाधा डालने वाली हर गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक नगर को भी आदेश दिए हैं कि वे विद्युत विभाग की हड़ताल की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और 200 मीटर की परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित कराए। उल्लंघन करने वालों पर पुलिस को प्राथमिक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत तैयार की जाए तथा आपातकालीन स्थिति में 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय रखा जाए।
डीएम ने हड़ताल में शामिल कर्मियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई और ESMA अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारे रहते हुए किसी को भी जनमानस को आवश्यक सेवाओं से वंचित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। महिला, बुजुर्ग, बच्चों पर विद्युत संकट स्वीकार्य नहीं है।
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के उपमुख्य अधिकारी कार्मिक ने डीएम को पत्र लिखकर बताया कि जून 2025 में हुए आंदोलन में कई कर्मचारी मुख्यालय में असभ्य व्यवहार और गाली-गलौच कर रहे हैं जिससे कार्यालय का काम प्रभावित हो रहा है। डीएम ने मुख्यालय परिसर में 200 मीटर की सीमा में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित कर पुलिस बल तैनात करने के आदेश दिए हैं ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से जारी रह सकें।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट संदेश दिया है कि विद्युत आपूर्ति बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और प्रशासन जनहित की सेवा के लिए पूरी तत्परता से कार्यरत रहेगा।
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