Dehradun
उत्तराखंड सरकार ने जीडीपी दोगुना करने के लिए 14 नई नीतियों का किया ड्राफ्ट तैयार !

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की जीडीपी को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने के लिए 14 नई नीतियों का ड्राफ्ट तैयार किया है। ये नीतियां कृषि, अवस्थापना, पर्यटन, आयुष और वित्त विभाग की योजनाओं से संबंधित हैं, जिन्हें सरकार गेम चेंजर के रूप में देख रही है। इन नीतियों के प्रस्ताव अगले दो महीनों में राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे।
प्रदेश की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 346,206 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,47,000 करोड़ रुपये किया जाए, और 2030 तक इसे 7,68,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाए। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है और इन योजनाओं के लिए नई नीतियां बन रही हैं। पुरानी नीतियों को वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया जा रहा है।
अब तक लागू की गईं 30 से अधिक नीतियां
अब तक, सरकार 30 से अधिक नीतियां तैयार कर उन्हें लागू कर चुकी है। इनमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देना है। इसके साथ ही, सरकार लाखों रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ प्रदेश के नागरिकों की आजीविका में वृद्धि करने का प्रयास कर रही है।
14 नई नीतियों में प्रमुख योजनाएं
इन 14 नई नीतियों में कुछ प्रमुख योजनाओं का नाम लिया गया है, जिनमें ग्रीन हाइड्रोजन नीति, प्रधान नीति, जियोथर्मल नीति, पैसेंजर चार्टर-हेली सर्विस नीति, योगा पॉलिसी, लाभांश नीति, और सार्वजनिक उपक्रम इकाइयों की मॉनिटरिंग नीति शामिल हैं। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना है।
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चारधाम यात्रा में राज्य सरकार की हेल्थ ब्रेकिंग! हर यात्री की स्क्रीनिंग, हेली एंबुलेंस तक तैनात !

देहरादून: उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा 2025 के दौरान संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशाली व्यवस्था की गई है, जिसके तहत अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच (स्क्रीनिंग) की जा चुकी है।
डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा में बड़ी संख्या में वृद्ध, हृदय व सांस रोगियों के अलावा पहाड़ी क्षेत्र में पहली बार आने वाले लोग भी शामिल होते हैं। ऊंचाई, ठंड और ऑक्सीजन की कमी इनके लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन सकती है, इसलिए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त बनाया गया है।
रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जैसे चारधाम जिलों में 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट सक्रिय किए गए हैं। ट्रांजिट जिलों हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। यात्रा प्रारंभ बिंदुओं पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं, जिनमें हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर और पौड़ी के कालियासौड़ में नए सेंटर शामिल हैं।
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु 17 बेड का नया अस्पताल सेवा में लाया गया है। 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर, 381 पारा-मेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं। प्रति रोस्टर 24 अतिरिक्त मेडिकल ऑफिसर और 35 पारा-मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों में 47 राज्य स्वास्थ्य सेवा, 13 भारत सरकार और 5 निजी मेडिकल कॉलेजों से हैं।
स्क्रीनिंग में कई श्रद्धालु हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्याएं आदि से ग्रस्त पाए गए। करीब 29 श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी गई, जबकि 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से और 33 को हेली एंबुलेंस सेवा से रेफर किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ होटल, धर्मशाला स्टाफ, खच्चर चालकों और कुलियों को भी प्रशिक्षित किया है ताकि वे हाई रिस्क लक्षणों की पहचान कर समय पर सहायता कर सकें। हाइपोथर्मिया जैसे जोखिम से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।
“ई-स्वास्थ्यधाम” पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य डेटा की निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो रही है। चारधाम जिलों को 50 टैबलेट दिए गए हैं, जिससे सभी स्क्रीनिंग और मेडिकल रिलीफ पोस्ट पर डिजिटल डेटा संकलित हो रहा है। 13 भाषाओं में तैयार पर्चे, होर्डिंग्स और जानकारी संबंधित IEC सामग्री तीर्थयात्रियों तक पहुंचाई जा रही है।
यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात हैं, जिनमें 82 स्वास्थ्य विभाग की और 72 “108 NAS” सेवा की हैं। इस वर्ष पहली बार हेली एंबुलेंस सेवा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से संचालित की जा रही है, जिससे गंभीर मरीजों को तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा मिल सके।
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डीएम सविन बंसल ने दिखाई प्रशासनिक सख्ती, बिजली सेवाओं में बाधा डालने पर होगी कड़ी कार्रवाई !

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने विद्युत विभाग के जूनियर अभियंताओं द्वारा की जा रही हड़ताल की गंभीरता से समीक्षा कर कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग को तुरंत तलब करते हुए जनसामान्य को विद्युत आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा न आए इसके सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने स्पष्ट किया कि जनहित के कार्यों में बाधा डालने वाली हर गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक नगर को भी आदेश दिए हैं कि वे विद्युत विभाग की हड़ताल की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और 200 मीटर की परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित कराए। उल्लंघन करने वालों पर पुलिस को प्राथमिक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत तैयार की जाए तथा आपातकालीन स्थिति में 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय रखा जाए।
डीएम ने हड़ताल में शामिल कर्मियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई और ESMA अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारे रहते हुए किसी को भी जनमानस को आवश्यक सेवाओं से वंचित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। महिला, बुजुर्ग, बच्चों पर विद्युत संकट स्वीकार्य नहीं है।
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के उपमुख्य अधिकारी कार्मिक ने डीएम को पत्र लिखकर बताया कि जून 2025 में हुए आंदोलन में कई कर्मचारी मुख्यालय में असभ्य व्यवहार और गाली-गलौच कर रहे हैं जिससे कार्यालय का काम प्रभावित हो रहा है। डीएम ने मुख्यालय परिसर में 200 मीटर की सीमा में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित कर पुलिस बल तैनात करने के आदेश दिए हैं ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से जारी रह सकें।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट संदेश दिया है कि विद्युत आपूर्ति बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और प्रशासन जनहित की सेवा के लिए पूरी तत्परता से कार्यरत रहेगा।
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मानसून आने से पहले उत्तराखंड में बढ़ेगी गर्मी, चटक धूप से होगी परेशानी

देहरादून: उत्तराखंड में इस बार मानसून 6 दिन पहले यानी 11 जून को पहुंचने की संभावना है, लेकिन उससे पहले प्रदेश में गर्मी अपने तेवर दिखाएगी। मई के बाद जून के पहले सप्ताह में हुई बारिश ने थोड़ी राहत दी है…लेकिन 10 जून तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहेगा और गर्मी लोगों को परेशान करेगी। खासकर मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ा रहेगा वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में भी दिन के समय गर्मी का एहसास होगा।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि इस बार मानसून 11 जून से प्रदेश में दाखिल हो सकता है, जिससे पहले तेज धूप और बढ़ते तापमान से लोग परेशान रहेंगे। शनिवार को देहरादून में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री ज्यादा 36.4 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 21.7 डिग्री रहा।
इस समय तेज धूप के कारण गर्मी का प्रभाव महसूस किया जा रहा है और 10 जून तक यह स्थिति बनी रहेगी। मानसून आने के बाद ही मौसम में ठंडक महसूस होगी और गर्मी से राहत मिलेगी।
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