Dehradun
धामी सरकार का रिकॉर्ड: 4 साल में 26 हज़ार नौकरियां, पिछली 9 सरकारों के 20 साल के मुकाबले से ढाई गुना

देहरादून। उत्तराखंड में रोजगार के मोर्चे पर पहली बार इतनी बड़ी छलांग देखने को मिली है। जहां बीते 20 वर्षों में 9 मुख्यमंत्रियों की सरकारें मिलकर कुल 11,528 नौकरियों की ही व्यवस्था कर सकीं, वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने मात्र चार वर्षों में 26,025 नियुक्तियां कर रिकॉर्ड बना दिया है। यह आंकड़ा 20 साल की तुलना में ढाई गुना से भी अधिक है।
25 वर्षों में कुल रोजगार का 69% अकेले धामी सरकार से
राज्य गठन से अब तक 25 वर्षों में कुल 37,553 सरकारी नियुक्तियां हुई हैं। इसमें से 26,025 नौकरियां अकेले धामी सरकार के दौरान मिलीं, यानी कुल रोजगार का लगभग 69%। यह स्पष्ट संकेत है कि वर्तमान सरकार ने रोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
आयोगवार तुलनात्मक विश्लेषण: धामी सरकार आगे
चार वर्षों में तीन प्रमुख चयन आयोगों के माध्यम से जो नियुक्तियां हुईं, उन्होंने पूर्ववर्ती 20 वर्षों की नियुक्तियों को पीछे छोड़ दिया है:
आयोग | धामी सरकार (4 वर्ष) | अन्य सरकारें (20 वर्ष) |
---|---|---|
UKSSSC | 11,041 | 4,193 |
UKPSC | 8,359 | 6,128 |
UMSSSB | 5,926 | 1,207 |
धामी सरकार के कार्यकाल में UKSSSC और UMSSSB के माध्यम से हुई नियुक्तियों में विशेष उछाल देखने को मिला है।
मुख्यमंत्रीवार नियुक्तियां: धामी सबसे आगे
अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों में पुष्कर सिंह धामी नियुक्तियों के मामले में सबसे आगे हैं:
एन.डी. तिवारी → 1,571
बी.सी. खंडूरी → 123
रमेश पोखरियाल निशंक → 236
विजय बहुगुणा → 812
हरीश रावत → 2,496
त्रिवेंद्र सिंह रावत → 5,083
पुष्कर सिंह धामी → 26,025
यह अंतर न केवल सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दर्शाता है कि युवाओं को रोजगार देने की दिशा में सरकार कितनी प्रतिबद्ध है।
धामी सरकार की विशेषताएँ: योजनाबद्ध, पारदर्शी और तीव्र प्रक्रिया
समूह ‘ग’ (Group C) में 16,000+ नियुक्तियाँ
Group A/B के अधिकारियों के पदों पर 10,000+ नियुक्तियाँ
कई उम्मीदवारों ने 3–4 परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त की, जिससे चयन प्रक्रिया की निरंतरता और पारदर्शिता साबित होती है।
एडवांस जॉब कैलेंडर जारी किया गया, जिसमें 10,000+ पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
कई भर्तियों की विज्ञप्तियाँ जारी होने वाली हैं और परीक्षाएँ इसी साल कराने का लक्ष्य है।
युवाओं की राय: भरोसे और भविष्य की सरकार
राज्यभर के युवाओं का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, समयबद्धता और निष्पक्षता पहली बार इस स्तर पर देखने को मिल रही है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र सरकार के इस दृष्टिकोण से उत्साहित हैं और भविष्य को लेकर आश्वस्त।
निष्कर्ष: विकल्प रहित संकल्प
उत्तराखंड की 25 साल की यात्रा में रोजगार की दृष्टि से धामी सरकार का कार्यकाल सबसे ऐतिहासिक और पारदर्शी साबित हुआ है। आंकड़े, योजना और क्रियान्वयन – हर स्तर पर यह सरकार युवाओं के साथ खड़ी नजर आई है।
Dehradun
1 क्लिक…18 काम ! उत्तराखंड में घर बैठे मिलेंगी नगर निकाय की सभी जरूरी सेवाएं

देहरादून: उत्तराखंड के नगर निकायों में नागरिकों को अब लंबी कतारों और फाइलों के चक्कर से राहत मिलने जा रही है। जल्द ही प्रदेश के सभी नगर निकायों में 18 नागरिक सेवाएं पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगी। घर बैठे ही आप पानी का टैंकर मंगा सकेंगे…पालतू कुत्तों का पंजीकरण करा सकेंगे और फायर एनओसी जैसी अहम सेवाएं भी महज एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार म्युनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर (MSSC) प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तराखंड को 22.8 करोड़ रुपये की धनराशि भी मंजूर हुई है। यह योजना राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) के तहत चलाई जा रही है और गौर करने वाली बात यह है कि देशभर के केवल 10 राज्यों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है…जिनमें उत्तराखंड भी एक है।
क्या है MSSC प्रोजेक्ट?
आईटीडीए (सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी) के सहयोग से तैयार इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी नगर निकायों के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। इसके ज़रिए आम नागरिकों को कई सेवाएं मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही नगर निकायों में IT इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाएगा और कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना के तहत देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी और रुद्रपुर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर आधुनिक नगर सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यहां एक ही छत के नीचे सभी डिजिटल सेवाएं आम लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
ये 18 सेवाएं होंगी डिजिटल…
प्रॉपर्टी टैक्स का आकलन और भुगतान
विविध शुल्क संग्रहण
पानी व सीवरेज कनेक्शन प्रबंधन
ट्रेड लाइसेंस और उसका भुगतान
जन शिकायत निवारण प्रणाली
फायर एनओसी जारी करना
वित्त और लेखा प्रबंधन मॉड्यूल
सेप्टिक टैंक और स्लज प्रबंधन
पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन
ई-वेस्ट मैनेजमेंट
कम्युनिटी हॉल बुकिंग
नगर परिसंपत्तियों का प्रबंधन
रेहड़ी-ठेली वालों का रिकॉर्ड और प्रबंधन
विज्ञापन और होर्डिंग परमिशन
निर्माण और ध्वस्तीकरण कचरा प्रबंधन
पेयजल टैंकर/मोबाइल टॉयलेट जैसी नागरिक सेवाएं
नगर सेवा केंद्र सेवाएं
जीआईएस आधारित सेवाएं
पहले से संचालित जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल को भी इस सिस्टम में जोड़ा जाएगा।
सचिव नितेश झा शहरी विकास एवं आईटी ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। MSSC प्रोजेक्ट से ना सिर्फ नगर निकायों की कार्यक्षमता बढ़ेगी…बल्कि नागरिकों को पारदर्शी, तेज और सरल सेवाएं मिलेंगी। ITDA की मदद से एकीकृत मंच तैयार किया जा रहा है…जिससे सभी सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी।
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उत्तराखंड में वायरल फीवर से मौतें, स्वास्थ्य विभाग ने जांच के दिए निर्देश

देहरादून: अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक में पिछले पखवाड़े से रहस्यमय वायरल फीवर का प्रकोप जारी है जिससे अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच रुड़की में भी बुखार से तीन मौतें हुई हैं…जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीएमओ अल्मोड़ा और सीएमओ हरिद्वार को प्रभावित इलाकों में जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ अल्मोड़ा को धौलादेवी ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजने और मरीजों के सैंपल लेकर जांच करवाने का आदेश भी दिया गया है।
धौलादेवी में वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों के प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैं। मरीजों के परिजन और स्थानीय जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य विभाग की धीमी कार्रवाई को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि टीम मौके पर जाकर इलाज करेगी और सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही रुड़की में भी बुखार से हुई मौतों की जांच के लिए सीएमओ हरिद्वार को विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की यह पहल इस गंभीर स्थिति पर जल्द नियंत्रण पाने की कोशिश है।
Dehradun
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में होगी वर्चुअल क्लासेस, सीएम धामी करेंगे शुरुआत

देहरादून: प्रदेश के 840 सरकारी स्कूल अब डिजिटल वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जुड़ेंगे। राज्य सरकार ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए यह बड़ी पहल की है। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 11 अक्टूबर को देहरादून में करेंगे।
इस नई व्यवस्था के तहत स्कूलों में हाइब्रिड मोड में वर्चुअल और स्मार्ट क्लासेस का संचालन होगा…जिससे छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने और शिक्षा के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।
इस योजना में शामिल स्कूलों में पढ़ाई का लाइव प्रसारण होगा…जो दो केंद्रीय स्टूडियो से होगा। इससे छात्र और शिक्षक के बीच दो-तरफा संवाद भी संभव होगा। इससे दूर-दराज के इलाकों के छात्र भी आधुनिक शिक्षण सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 840 स्कूल इस नेटवर्क से जुड़ेंगे। इनमें टिहरी के 120, पौड़ी के 103, पिथौरागढ़ के 80, चमोली के 68 और अल्मोड़ा के 71 स्कूल शामिल हैं। अन्य जिलों के स्कूल भी इस योजना का हिस्सा होंगे।
शुभारंभ के मौके पर सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर सहित सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
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