Bageshwar
सीएम धामी का 501 संतरों के दानों से तैयार की गई माला से महिलाओ ने किया स्वागत, आत्म निर्भर भारत का दिया सन्देश।

बागेश्वर – केदारेश्वर मैदान कपकोट में मंगलवार को चेली ब्वारयूं कौतिक (मातृ शक्ति उत्सव) मनाया गया। बड़ी तादाद में महिलाओं द्वारा उत्सव में प्रतिभाग किया गया। जनपद के विकास में योगदान देने वाली जिले की करीब 10 स्वयं सहायता समूहों ने पहाड़ी उत्पादों के स्टाल लगाकर आत्म निर्भर भारत का संदेश दिया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों की रंगारग प्रस्तुति और छोलिया दल भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। मुख्य अतिथि के तौर पर सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 99.76 करोड़ की 37 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन एवं विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चेक भी प्रदान किए।

उत्सव में महिला,पुरुषों के साथ ही भावी पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत और धरोहर जानने का अवसर चेली ब्वारयूं कौतिक (मातृशक्ति उत्सव) में देखने को मिला। वहीं उत्सव के जरिये स्थानीय उत्पादों व हस्तकला को बड़ा बाजार उपलब्ध कराना भी विशेष रहा। मातृ शक्ति उत्सव में महिला शिल्पकार, माउंटेनिंग, लाइव रीवर क्रासिंग, एमटीबी, एटीवी, ताइक्वांडो, एडवेंचर, महिला छोलिया नृत्य आदि महिला शक्ति का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के साथ ही जनपद के दानपुर, कमस्यार, खरेही आदि पट्टियों की संस्कृति व परिधानों को भी बेहतर ढंग से प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत नामतीचेटाबगड़ महिलाओं द्वारा 501 संतरों के दानों से तैयार की गई माला से किया गया जो सभी के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने मातृशक्ति के उत्थान हेतु अनेक योजनाएं संचालित की हैं जिसके माध्यम से आज महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। कहा कार्यक्रम में “सशक्त मातृशक्ति-सशक्त उत्तराखण्ड” के तहत नारीशक्ति का पूजन एवं शहीदों की वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया। हम मातृशक्ति के कल्याण एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने चेली ब्वारयूं कौतिक (मातृ शक्ति उत्सव) में बड़ी संख्या में आयी मातृशक्ति का अभिवादन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर सभी अधिकारियों,कर्मचारियों को बधाई दी।
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जनता दरबार में डीएम का सख्त रुख, अनुपस्थित अधिकारियों पर गिरी गाज – जारी हुए नोटिस!

बागेश्वर: जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में जनता दरबार का आयोजन कर आम लोगों की समस्याएं सुनीं। जनता दरबार में कुल 15 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से अधिकांश का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया, जबकि बाकी शिकायतों को संबंधित विभागों को शीघ्र समाधान के लिए भेजा गया।
ग्राम बहेड़ी के मदन मोहन जोशी ने विकास कार्य से जुड़ी आरटीआई जांच की शिकायत दर्ज कराई, जिस पर डीएम ने डीपीआरओ को निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। ग्राम प्रधान सैमतोली ने सड़क निर्माण का अनुरोध किया वहीं बी.एस. कपकोटी ने जल संस्थान की पाइपलाइन अपने खेत से हटाने की मांग रखी।

हेमचंद ने भू-अधिग्रहण एवं विस्थापन की मांग की जबकि अनिल कुमार (ग्राम छौना) ने आवासीय भवन ध्वस्त होने पर मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता मांगी। पूरण सिंह रावत ने प्रधानमंत्री आवास योजना पर लगी रोक का मुद्दा उठाया, जिस पर डीएम ने ईओ नगर पालिका व एसडीएम बागेश्वर को संयुक्त समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
देवेश सिंह खेतवाल ने सड़क के ऊपर लटकी दरारयुक्त चट्टान हटाने की मांग रखी ताकि संभावित दुर्घटना से बचा जा सके। डीएम ने इस पर त्वरित तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त कर कार्रवाई करने को कहा। बंसी देवी ने जलापूर्ति की समस्या रखी, जबकि आपदाग्रस्त पौंसरी गांव के ग्रामीणों ने रोजगार की मांग उठाई। डीएम आकांक्षा कोंडे ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की लापरवाही सार्वजनिक कार्यों को प्रभावित न करे। उन्होंने कहा कि सभी विभाग लंबित मामलों के निस्तारण को प्राथमिकता दें।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन शिकायतों की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को 100% कॉलिंग और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही UCC पंजीकरण की प्रगति की समीक्षा कर महिला एवं बाल विकास, सहकारिता और स्वास्थ्य विभाग को मिशन मोड में काम करने को कहा।
डीएम ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने समाचार पत्रों में प्रकाशित नकारात्मक खबरों पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को सुधारात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वहींआबकारी विभाग और यूपीसीएल अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए शो कॉज नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए।
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बागेश्वर: पतौंजा गांव को दहशत में रखने वाली मादा गुलदार पिंजरे में कैद, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

बागेश्वर: कांडा तहसील के पतौंजा गांव में एक साल से लोगों के सिर पर मंडरा रहा खतरा आखिरकार खत्म हो गया। ग्रामीणों के लिए आतंक का पर्याय बन चुका गुलदार गुरुवार देर शाम पिंजरे में कैद हो गया। पांच साल की मादा गुलदार उसी स्थान पर फंसी, जहां कुछ दिन पहले उसने एक महिला पर हमला कर दिया था।
गुलदार के पकड़े जाने की खबर फैलते ही गांव में जैसे सुकून लौट आया हो। कई महीनों से जो लोग शाम ढलते ही घरों में कैद हो जाते थे, अब उन्होंने राहत की सांस ली है। वन विभाग की टीम अब गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेजने की प्रक्रिया में जुटी है और इसके लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति ली जा रही है।
पतौंजा गांव और आसपास के इलाकों में यह गुलदार बीते एक साल से सक्रिय था। कुछ ही दिन पहले गुलदार ने गांव की एक महिला पर झपटा मारा था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गई थी। महिला का इलाज पहले सीएचसी कांडा और फिर जिला अस्पताल में चला। इसके बाद से ही गांव में डर और दहशत का माहौल बन गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल माणा कभड़ा क्षेत्र में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी, जब एक मासूम बच्चे को गुलदार ने अपना शिकार बना लिया था। तब वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद गुलदार को पिंजरे में नहीं डाला जा सका था। इस बार पतौंजा में हुई घटना के बाद वन विभाग ने सतर्कता बढ़ाई ट्रैप कैमरे लगाए गए और गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी।
13 सितंबर को गांव में पिंजरा लगाया गया था, और गुरुवार की देर शाम आखिरकार गुलदार उसी में फंस गया। रेंजर दीप चंद्र जोशी ने जानकारी दी कि गुलदार को फिलहाल कांडा लीसा डिपो में रखा गया है। पशु चिकित्सकों की टीम ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया है, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाई गई है।
करीब पांच साल की इस मादा गुलदार को अब रेस्क्यू सेंटर भेजने की प्रक्रिया चल रही है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब उन्हें रातें चैन से काटने को मिलेंगी और मवेशियों को भी गुलदार से राहत मिलेगी।
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मुख्यमंत्री धामी ने कपकोट में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण, पीड़ितों को दिलाया भरोसा

बागेश्वर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कपकोट क्षेत्र के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों से सीधे संवाद कर उन्हें हर संभव सहायता और राहत पहुंचाने का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर प्रभावित व्यक्ति तक त्वरित राहत पहुंचाई जाए और पुनर्वास कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किए जाएं।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर आपदा पीड़ित के साथ मजबूती से खड़ी है और पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि सभी जरूरी संसाधनों को तत्काल मौके पर उपलब्ध कराया जाए, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।

गौरतलब है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री धामी ने धराली (उत्तरकाशी), पौड़ी, चमोली, चंपावत सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सबसे पहले पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की स्वयं निगरानी की है।
राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर नागरिक को सुरक्षित रखा जाए और आपदा से हुए नुकसान की भरपाई जल्द की जाए, ताकि जनजीवन फिर से सामान्य हो सके।
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