Tehri Garhwal
सिद्धपीठ सुरकंडा देवी रोपवे का संचालन अगले दो दिनों तक रहेगा बंद, श्रद्धालुओं को पैदल तय करनी होगी खड़ी चढ़ाई।

टिहरी – उत्तराखंड में सिद्धपीठ सुरकंडा देवी रोपवे का संचालन अगले दो दिन 23 और 24 जनवरी को बंद रहेगा। इस दौरान रोपवे का मरम्मत कार्य किया जाएगा। रोपवे बंद रहने के दौरान सुरकंडा मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन करने वाले वाले श्रद्धालुओं को कद्दूखाल से मंदिर तक डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई पार कर पहुंचना होगा।

सुरकंडा देवी रोपवे के समन्वयक नरेश बिजल्वाण ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से दो दिन रोपवे का मरम्मत कार्य के साथ-साथ तकनीकी निरीक्षण होना है। 25 जनवरी को सुंबह आठ बजे से पूर्व की भंति रोपवे की सेवा विधिवत संचालित की जाएगी।
Dehradun
सीएम धामी ने 49वें कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का किया उद्घाटन, विभिन्न विकास परियोजनाओं की घोषणा

टिहरी गढ़वाल: सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद टिहरी गढ़वाल पहुंचकर नौ दिवसीय 49वें कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का ध्वजारोहण कर मेले के शुभारम्भ की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने विकास प्रर्दशनी का उद्घाटन, विभिन्न विभागों द्वारा स्थापित स्टालों का निरीक्षण तथा अमर शहीदों की मूर्तियों एवं स्वतंत्र संग्राम शहीद स्मारक पर मल्यार्पण किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ढालवाला में अवशेष बाढ़-सुरक्षा कार्यों का निर्माण कार्य (लगभग 400 मीटर), कुम्भ मेला, 2027 के अन्तर्गत मुनिकीरेती में खारास्रोत गदेरे में सतह पार्किंग एवं एप्रोच रोड़ का निर्माण, नरेन्द्रनगर में दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त नहरों का पुनर्निर्माण कार्य,नगर पंचायत तपोवन में सामुदायिक भवन का निर्माण,नरेन्द्रनगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय की स्थापना, बाल्मिकी बस्ती में 6 आवासों का पुनर्निर्माण, पावकी देवी (दोगी) में सामुदायिक भवन का निर्माण, नरेन्द्रनगर कुम्हार खेड़ा में सामुदायिक भवन का विस्तार, कुम्हार खेड़ा सामुदायिक भवन तक मार्ग का पक्की करण, नगर पालिका मुनि की रेती-ढालवाला में पन्त की दुकान से चीनी गोदाम तक मार्ग का पुनर्निर्माण, श्रीदेव सुमन उप जिला अस्पताल में एनेस्थिशिया वर्क मशीन (ऑटोमेटिक वैंटीलेटर) की स्वीकृति, नरेंद्रनगर में एक ANM ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना, भुवनेश्वरी देवी मंदिर हार्डीसेरा एवं पावली देवी मंदिर सौंदर्यीकरण के लिए उचित धनराशि की स्वीकृति, गुल्लरबोगी में पार्किंग निर्माण, ह्वेल नदी में मानसेरा, भगोड़ी, भैंतोला तोक में चेक डैम का निर्माण की मांग को मुख्यमंत्री घोषणाओं में सम्मिलित करने की बात कही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को मेले की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां कुंजापुरी का आशीष एवं कृपा दृष्टि हम सब पर बनी रहे। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक मेला लोक आस्था, सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। 1974 से निरंतर आयोजित किया जा रहा यह मेला व्यापार, क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को गति प्रदान करने वाला है। भारत की पहचान, उसकी सनातन संस्कृति और जीवन मूल्यों पर छिपी हुई है। हमारी संस्कृति केवल रीति रिवाज का विषय नहीं है एक सकारात्मक दिशा देने वाले विचारधारा है, जो हमें नए-नए तरीके से प्रेरित करने का काम करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी जी के नेतृत्व में भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और धरोहर को संवारने एवं सहजने का कार्य बेहतर तरीके से किया जा रहा है। उनके मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर धार्मिक स्थलों के संरक्षण एवं अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए निरंतर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन सबसे बड़ी समस्या है, इसे रोकने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योजना पर कार्य किया जा रहा है। हाउस ऑफ हिमालय ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को देश-विदेश में व्यापक पहचान मिल रही है। फार्म मशीनरी बैंक, फिल्म नीति, एप्पल मिशन, होमस्टे आदि नीतियों के माध्यम स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता कानून को लागू किया है। इसके साथ ही सशक्त नकल विरोधी कानून लाकर पिछले 4 सालों में 26 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शिता के साथ नियुक्तियां प्रदान की गई है। धर्मांतरण निवारण और अवैध अतिक्रमण ध्वस्तीकरण जैसे कार्यों का उल्लेख किया, जिससे राज्य को नया मुकाम और पहचान मिली है। राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए अग्रसर है।
प्रदेश के वन, तकनीकी शिक्षा, भाषा एवं निर्वाचन एवं संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मां कुंजापुरी मेला हमारी संस्कृति, परंपरा को आगे बढ़ाने के साथ ही देश प्रदेश की संस्कृति से रूबरू होने के लिए बड़ा मंच उपलब्ध कराता है। यह मेला सभी के सहयोग से निरंतर खेल एवं विकास के ओर आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष तपोवन विनीता बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख नरेंद्रनगर दीक्षा राणा, मेयर नगर निगम ऋषिकेश शंभू पासवान, जिलाध्यक्ष भाजपा उदय रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष गजा कुंवर सिंह चौहान, डीएम टिहरी नितिका खण्डेलवाल, एसएसपी आयुष अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
Tehri Garhwal
उत्तराखंड: नवजात की किलकारी के बीच गूंजा मातम, प्रसव के बाद मां की मौत !

टिहरी गढ़वाल: गढ़वाल मंडल के टिहरी गढ़वाल जिले के घनसाली क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पिलखी में बच्चे को जन्म देने के बाद 22 वर्षीय रवीना कठैत की उपचार के दौरान श्रीनगर बेस अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सेम बासर निवासी रवीना कठैत पत्नी कुलदीप कठैत को गुरुवार सुबह करीब 6 बजे प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उन्हें तत्काल पीएचसी पिलखी लेकर पहुंचे…जहां सुबह करीब 8 बजे उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
हालांकि देर शाम रवीना की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। चिकित्सकों के अनुसार उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ 108 एंबुलेंस से श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया। शुक्रवार को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
महिला के पति कुलदीप कठैत जो होटल में काम करते हैं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनकी पत्नी की तबीयत रात में ज्यादा बिगड़ी तो अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था सिर्फ वार्ड ब्वॉय ड्यूटी पर था। उन्होंने कहा कि अगर समय पर इलाज मिलता…तो मेरी पत्नी आज जिंदा होती। परिजनों ने पूरी घटना की जांच की मांग की है।
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब उत्तराखंड राज्य अपनी रजत जयंती (25 वर्ष) मनाने जा रहा है। तकनीक के युग में भी स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से पहाड़ों के लोग अब भी जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में प्रसव जैसी आपात स्थितियों के लिए विशेष चिकित्सक और संसाधन आज भी नदारद हैं।
डॉ. श्याम विजय मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) टिहरी गढ़वाल ने कहा कि महिला की केस हिस्ट्री में पता चला है कि उसे पहले से हृदय संबंधी बीमारी थी और उसकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी। परिजनों ने इस बात की जानकारी चिकित्सकों को नहीं दी थी। प्रसव सामान्य था…लेकिन 24 घंटे बाद सांस लेने में परेशानी होने पर उसे श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
गौरतलब है कि इसी पीएचसी पिलखी में 6 सितम्बर को भी एक महिला की डिलीवरी के कुछ दिनों बाद 15 सितम्बर को मौत हो गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।
Tehri Garhwal
IMD ने उत्तराखंड के इस जिले के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की

नई टिहरी: भारत मौसम विज्ञान विभाग देहरादून ने 5, 6 और 7 अक्टूबर को टिहरी जिले सहित प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली और तूफान की संभावना जताई है। इस चेतावनी के मद्देनजर अपर जिलाधिकारी टिहरी, एके सिंह ने सभी अधिकारियों को हर स्तर पर पूरी तत्परता बनाए रखने, सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने और आवागमन पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए हैं।
एडीएम सिंह ने कहा कि किसी एके भी आपदा या दुर्घटना की स्थिति में तुरंत प्रभावी कार्रवाई की जाए। सभी संबंधित अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहेंगे। यदि किसी मोटर मार्ग या विद्युत-पेयजल सेवाओं में बाधा आती है…तो उसे तुरंत सुचारू कराने का प्रबंध किया जाए।
राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, पुलिस विभाग और अग्निशमन केंद्रों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन प्रणाली के तहत कंट्रोल रूम से जुड़े रहने को कहा गया है। संवेदनशील इलाकों पर विशेष नजर रखी जाएगी।
अधिकारी और कर्मचारी अपने मोबाइल फोन चालू रखें और आपात स्थिति में खाद्य सामग्री व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर बरसाती, टार्च, हेलमेट, छाता आदि जरूरी उपकरण अपने साथ रखने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों में भी छात्रों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। भारी बारिश और तूफान की चेतावनी के कारण उच्च क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाई जाएगी। नदियों और नालों के जलस्तर की सतत निगरानी की जाएगी और खतरे वाले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाएगी।
भूस्खलन के प्रति संवेदनशील मार्गों पर पहले से उपकरण लगाए जाएंगे और पंचायत सचिवों के जरिए ग्राम पंचायतों में चेतावनी प्रसारित की जाएगी। नगरों व कस्बों में नालियों व कलवों के अवरोध हटाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
आखिर में सभी अधिकारियों को कहा गया है कि वे किसी भी आपदा की सूचना तुरंत जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र और आपदा नियंत्रण कक्ष को दें।
तीन दिन तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने रविवार से तीन दिनों तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश, ओलावृष्टि और तूफान की चेतावनी जारी की है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून और हरिद्वार के लिए ऑरेंज अलर्ट जबकि बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। यात्रियों को मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करने की सलाह दी गई है।
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