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विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण, जानें संबोधन में क्या-क्या कहा ?

राज्य स्थापना के 25 साल पूरे होने के अवसर पर राज्य सरकार सिल्वर जुबली को धूमधाम से मना रही है। विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ। इस से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राष्ट्रपति को रम्माण कला पर आधारित स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने रम्माण कला पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया।
विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन
संबोधन में राष्ट्रपति ने कही ये बात
रजत जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में साक्षरता बढ़ी है। और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने प्रदेश का नाम बढ़ाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भारत के ऋषि मुनियों की तपोस्थली रही है। राष्ट्रपति ने उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए कई कड़े कानून की की सराहना की।
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देहरादून : राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती की राज्यपाल ने दी बधाई

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 25 वर्ष की गौरवशाली विकास यात्रा का महोत्सव है और हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारी यह यात्रा संकल्प, परिश्रम और सफलता की रही है। राज्यपाल ने सभी अमर शहीदों, आंदोलनकारियों और जननायकों को हृदय से नमन किया जिनके त्याग और संघर्ष से उत्तराखण्ड राज्य का स्वप्न साकार हुआ।
राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती की राज्यपाल ने दी बधाई
राज्यपाल ने कहा कि संभावनाओं और सामर्थ्य से ओत-प्रोत युवा उत्तराखण्ड ने राज्य गठन से लेकर अब तक विकास की नित नई ऊँचाइयां छुई हैं। चाहे अर्थव्यवस्था का विस्तार हो, बुनियादी सुविधाओं का विकास हो या जन-कल्याण की योजनाएं हों। उत्तराखण्ड ने इन 25 वर्षों में निरंतर प्रगति करते हुए जन-भागीदारी और सुशासन का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे राज्य ने विगत वर्षों में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का प्रथम राज्य बना है। भू-कानून, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगारोधी कानून जैसे कदमों से शासन व्यवस्था सशक्त हुई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड ने हाल ही के वर्षों में जी-20 बैठकों, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन, विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और राष्ट्रीय खेलों जैसे आयोजनों से अपनी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान सशक्त की है। इन सफल आयोजनों ने राज्य की सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक और खेल क्षमताओं को प्रदर्शित करते हुए ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में उत्तराखण्ड की भूमिका को और सुदृढ़ किया है।
विकास के साथ विरासत- यही विकसित उत्तराखण्ड का नया मंत्र
राज्यपाल ने कहा कि ये हमारी जिम्मेदारी है कि जब हम आधुनिक विकास की राह में आगे बढ़ें, तो अपनी संस्कृति और परंपरा की जड़ों से भी अवश्य जुड़े रहें। विकास के साथ विरासत- यही विकसित उत्तराखण्ड का नया मंत्र है। उन्होंने कहा कि हम सब संकल्प लें कि हम वही उत्पाद खरीदेंगे, जो मेड इन इंडिया हो, जिसमें किसी भारतीय का परिश्रम जुड़ा हो। स्वदेशी का यह मंत्र ही आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आधार बनेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में शीतकालीन यात्रा, होम-स्टे योजना, वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट, स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े कार्यक्रम विकास को नई ऊर्जा दे रहे हैं। आज होम-स्टे से लेकर जैविक खेती, बागवानी, शहद उत्पादन, औषधीय पौधों की खेती और योग-वेलनेस सेक्टर में अपार संभावनाएं खुल रही हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शांतिपूर्ण माहौल और अच्छी कानून व्यवस्था द्वारा ही, यहां पर्यटन और निवेश को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। उत्तराखण्ड पुलिस ने अपने अनुशासन और दक्षता से शांति का वातावरण बनाए रखा है। पर्यटन से बढ़ते यातायात के दबाव को कुशलतापूर्वक नियंत्रित करने और कांवड़ यात्रा के सुचारु एवं सफल संचालन में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और सराहनीय रही है। आज जब हम डिजिटल युग में प्रवेश कर चुके हैं, तब साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा और ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
मातृशक्ति उत्तराखण्ड के निर्माण और विकास की आधारशिला
राज्यपाल ने कहा कि हमारी मातृशक्ति उत्तराखण्ड के निर्माण और विकास की आधारशिला रही है। प्रदेश की परिश्रमी मातृशक्ति आज स्वावलम्बन, नवाचार और नेतृत्व की प्रतीक हैं। महिला स्वयं सहायता समूह सफलता की नई कहानियां गढ़ रही है। राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं उन्हें आर्थिक सशक्तीकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान की नई ऊँचाइयों तक पहुंचा रही हैं। हमारी मातृशक्ति और बेटियों की कर्मठता और उपलब्धियां सभी के लिए गर्व करने वाली और प्रेरणादायी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा शक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। हमारे युवाओं के भीतर ऊर्जा है, नवाचार है और देश के प्रति अटूट प्रेम है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया है कि वे हर अवसर को उपलब्धि में बदलें, ये तय है कि आपके सपने ही उत्तराखण्ड के भविष्य की दिशा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जब एआई, सेमीकंडक्टर, और साइबर तकनीक भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं, तब उत्तराखण्ड के युवाओं को भी नई तकनीक को अपनाकर डिजिटल क्रांति की राह पर तेजी से आगे बढ़ना होगा।
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यहां डंपर की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत, लोगों ने सड़क जाम कर किया हंगामा

लालकुआं में तेज रफ्तार के कारण एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। यहां तेज रफ्तार डंपर की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत हो गई। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंच कर हंगामा किया।
डंपर की चपेट में आकर बाइक सवार की मौत
लालकुआं के वार्ड नंबर एक निवासी 35 वर्षीय युवक इस्राईल हल्दूचौड़ की ओर से वन निगम के डिपो नम्बर 5 के सामने बाइक द्वारा एक अन्य साथी के साथ लालकुआँ की ओर को आ रहा था। तभी उसकी बाइक साइड लेने के चक्कर में तेज रफ्तार ओवरलोड डंपर की चपेट में आ गई, जिसके चलते युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा युवक घायल हो गया।
लोगों ने घटनास्थल पर किया हंगामा
घटना की जानकारी मिलते ही नगर क्षेत्र से भारी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान मौके पर पहुंचे कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ब्रजमोहन सिंह राणा और अन्य पुलिस बल ने किसी तरह परिजनों को समझा बुझाकर शव को वहां से उठाया। इसके साथ ही परिवार जनों को शांत किया। सड़क दुर्घटना में मारे गए युवक के परिजनों का का कहना है कि मृतक के छोटे भाई की भी तीन महीने पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। अब ऐसे बड़े भाई की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है।
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भालू के हमले से बचने के लिए भागी महिला, पहाड़ी से नीचे गिरकर मौत

उत्तरकाशी में भालू का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। औंगी के बाद अब हीना गांव में भी भालू के हमले से बचने के लिए भागी महिला की पहाड़ी से गिरकर मौत हो गई। इस घटना के बाद से इलाके में मातम पसर गया है।
भालू के हमले से बचने के लिए भागी महिला
हीना गांव में भालू ने एक महिला पर हमला कर दिया। भालू के हमले से बचने के लिए महिला भागी लेकिन इस दौरान उसकी पहाड़ी से गिरने के कारण मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। बता दें कि क्षेत्र में एक हफ्ते में भालू की हमले की ये दूसरी घटना है।
पहाड़ी से नीचे गिरकर मौत
मिली जानकारी के मुताबिक हीना गांव निवासी अंबिका (27) पत्नी अंकित असवाल गांव की अपनी साथियों के साथ घास लेने के लिए जंगल गई थीं। अंबिका के घास काटने के दौरान झाड़ियों में छुपे भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया। भालू से बचने के लिए वो दौड़ीं लेकिन पैर फिसलने से पहाड़ी से नीचे गिर गईं। जिस से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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