Uttarakhand
उत्तरकाशी पुलिस ने यात्रा को लेकर एसओपी की जारी, रात आठ बजे के बाद यमुनोत्री गंगोत्री धाम नही जा पाएंगे तीर्थयात्री।

उत्तरकाशी – चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें। उत्तरकाशी पुलिस ने यात्रा को लेकर एसओपी (विशेष कार्य योजना) जारी की है। जिसके तहत अब रात आठ बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, शाम पांच बजे बाद कोई भी यात्री जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा।

एसपी अर्पण यदुवंशी की ओर से जारी एसओपी के अनुसार, यमुनोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी, पालीगाड से आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे बाद नगुण, उत्तरकाशी शहर, हीना, भटवाड़ी व गंगनानी से आगे नहीं भेजा जाएगा।
वहीं यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुबह चार बजे से ही आवागमन शुरू होगा। शाम पांच बजे के बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। इस दौरान डंडी-कंडी व घोड़ा-खच्चर भी प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं डंडी-कंडी व घोड़ा खच्चर के लिए रोटेशन की व्यवस्था लागू रहेगी। भीड़ बढ़ने पर घोड़ा-खच्चरों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा। दोनों ही धामों में रात साढ़े आठ बजे के बाद गंगा व यमुना आरती के उपरांत कोई भी अनावश्यक रूप से मंदिर परिसर में नहीं रह सकेगा। किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा।
प्रत्येक दिन सुबह पांच बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा। हालांकि आपातकालीन स्थिति में यात्री व श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधाार पर आकस्मिक सेवा स्थल तक जाने दिया जाएगा। इसके अलावा धाम जाने वाले श्रद्धालु रात आठ बजे के बाद होटल बुकिंग तक जा सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को बैरियरों पर तैनात पुलिसकर्मी को होटल बुकिंग के संबंध में जानकारी व आवश्यक प्रमाण उपलब्ध कराना जरूरी होगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी।
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच 25 किमी संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए बड़े वाहनों को लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा। बड़े वाहनों को रोककर एक निश्चित समय बाद छोड़ा जाएगा। जबकि छोटे वाहन चलते रहेंगे। इधर, गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से डबरानी पांच किमी, सुक्की से झाला सात किमी तथा हर्षिल से झाला 14 किमी तक वन-वे प्रभावी रहेगा।
big news
पहले युवक को होटल में ले गए, फिर किया चाकू से हमला और हो गए फरार, फिर…

Haridwar News : हरिद्वार से एक युवक को होटल ले जाकर उस पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है।
Table of Contents
युवक को होटल में ले जाकर किया चाकू से हमला
हरिद्वार से हैरान कर देने वाली खबर (Haridwar News) सामने आई है। यहां पर कुछ लोगों ने एक युवक को नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित एक निजी होटल में बुलाया। पहले तो उसके साथ मारपीट की और फिर उस पर चाकूओं से जानलेवा हमला कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए।
जानलेवा हमले के बाद फरार हो गए आरोपी
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने युवक को होटल में बुलाकर मारपीट की। इसके बाद उस पर चाकूओं से हमला कर दिया। पुलिस ने पीड़ित की मां की शिकायत पर हत्या के प्रयास का मुकदमा मामले की जांच शुरू की। इसस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य फरार साथियों की तलाश जारी है।
रायवाला का रहने वाला है आरोपी
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी का नाम शिवम उर्फ शुंभु है। आरोपी देहरादून के रायवाला का रहने वाला है। हमले घायल युवक की हालत गंभीर बताई जास रही है। जिसे जिला अस्पताल से हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है।
big news
खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हल्द्वानी में 2026- 27 से शैक्षणिक सत्र हो जाएगा शुरू

Sports University : खेल में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। खेल विश्वविद्यालय (Sports University) के लिए फंसा वनभूमि का पेंच अब पूरी तरह से हट गया है। अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
Table of Contents
Sports University बनाने के लिए जमीन फंसा पेंच हटा
केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (Sports University Haldwani)बनाने के लिए जमीन की उपलब्धता के बारे में उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत गोलापार स्थित 12.317 हेक्टेयर वन भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का निर्माण होगा।
वन भूमि को लेकर काफी समय से बना हुआ था गतिरोध
ये जानकारी देते हुए खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि ये भूमि रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में चिह्नित है और इसे स्थानांतरित करने को लेकर काफी समय से गतिरोध बना हुआ था। पत्र में वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 1980 की धारा-2 के तहत यह मंजूरी दी गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वन भूमि का कानूनी दर्जा अपरिवर्तित रहेगा और कोई अतिरिक्त मार्ग नहीं बनाया जाएगा।
2026- 27 शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाएंगी कक्षाएं
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस सैद्धांतिक सहमति को अंतिम अनुमति में बदलने के लिए जरूरी शर्तों के जल्द से जल्द अनुपालन के निर्देश जारी कर दिए हैं। खेल विभाग का दावा है कि अगले 2026- 27 शैक्षणिक सत्र से हल्द्वानी Sports University की कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी जाएंगी।
big news
उत्तराखंड में शुरू होगी स्नो लेपर्ड साइटिंग, लद्दाख मॉडल पर किया जाएगा इसे शुरू, जानें क्यों है खास

Snow leopard sighting : उत्तराखंड में भी अब स्नो लेपर्ड साइटिंग शुरू होने जा रही है। लद्दाख मॉडल पर उत्तराखंड में इसे शुरू करने की तैयारी है। इससे लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में विंटर टूरिज्म बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
Table of Contents
उत्तराखंड में शुरू होगी Snow leopard sighting
प्रदेश में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कोशिश में लगी हुई है। इसी क्रम में अब प्रदेश में स्नो लेपर्ड साइटिंग, हेली-स्कीइंग और हिमालयन कार रैली को जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी है। इसीलिए अब प्रदेश में लद्दाख के मॉडल पर ही स्नो लेपर्ड साइटिंग शुरू होने जा रही है।
क्या होती है Snow leopard sighting ?
जब किसी क्षेत्र में हिम तेंदुआ (Snow Leopard) को देखा जाता है या फिर उसकी तस्वीरों को कैमरे में कैद किया जाता है तो उसे Snow Leopard Sighting कहा जाता है। आपको बता दें कि स्नो लेपर्ड यानी कि हिम तेंदुआ बेहद ही दुर्लभ जानवर है। जिसे बहुत ही कम देखा जाता है। इसलिए प्रकृति प्रेमी जो इसे देखने के इच्छुक होते हैं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड साइटिंग पर जाते हैं।

देश के कुछ पहाड़ी राज्यों में Snow leopard sighting होती है। जिसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। उत्तराखंड में भी जल्द ही ये शुरू होने जा रहा है। जिस से यहां के विंटर टूरिज्म को पंख लगने की उम्मीद है।
बेहद ही कम दिखाई देता है हिम तेंदुआ
आपको बता दें कि हिम तेंदुआ यानी कि स्नो लेपर्ड एक दुर्लभ और संरक्षित वन्यजीव है, जो अत्यधिक ठंडे और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रहता है। इसकी मोटी धूसर-सफेद खाल पर काले धब्बे होते हैं, जो बर्फीले इलाकों में इसे छिपने में मदद करते हैं। इसकी लंबी और झबरीली पूंछ संतुलन बनाए रखने और ठंड से शरीर को ढकने में सहायक होती है। खास बात ये है कि स्नो लेपर्ड ऊंची छलांग लगाने में सक्षम होता है और इसी कारण ये चट्टानी ढलानों पर आसानी से शिकार कर लेता है।

हिम तेंदुए सामान्यतः अकेले रहना पसंद करते हैं और यही कारण है कि ये बहुत कम दिखाई देते हैं। स्नो लेपर्ड मुख्य रूप से मध्य एशिया और हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे हिमालयी इलाकों में ये पाए जाते हैं। आमतौर पर हिम तेंदुआ 3,000 से 5,500 मीटर की ऊंचाई पर, बर्फीले और पथरीले पहाड़ों में निवास करता है।
FAQs: Snow Leopard Sighting
Q1. Snow Leopard Sighting क्या होती है?
जब किसी क्षेत्र में हिम तेंदुआ प्रत्यक्ष रूप से देखा जाए या उसकी तस्वीर/वीडियो कैमरे में कैद हो, तो उसे Snow Leopard Sighting कहा जाता है।
Q2. सरकार Snow Leopard Sighting क्यों शुरू कर रही है?
प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटकों को आकर्षित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार यह पहल कर रही है।
Q3. उत्तराखंड में Snow Leopard Sighting कहां शुरू हो सकती है?
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी और बर्फीले क्षेत्रों में, जहां हिम तेंदुए की मौजूदगी दर्ज की गई है, वहां इसे लद्दाख मॉडल पर शुरू किया जा सकता है।
Q4. हिम तेंदुआ इतना दुर्लभ क्यों माना जाता है?
हिम तेंदुआ अकेले रहना पसंद करता है, दुर्गम इलाकों में रहता है और इसका प्राकृतिक रंग बर्फ में घुल-मिल जाता है, इसलिए यह बहुत कम दिखाई देता है।
Q5. हिम तेंदुआ किन ऊंचाइयों पर पाया जाता है?
हिम तेंदुआ आमतौर पर 3,000 से 5,500 मीटर की ऊंचाई पर बर्फीले और पथरीले पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है।
Q6. भारत में Snow Leopard Sighting किन राज्यों में होती है?
भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अब जल्द उत्तराखंड में भी Snow Leopard Sighting की जा सकती है।
Q7. हिम तेंदुए की प्रमुख खासियतें क्या हैं?
इसकी मोटी धूसर-सफेद खाल, लंबी झबरीली पूंछ, ऊंची छलांग लगाने की क्षमता और ठंडे मौसम में जीवित रहने की अनुकूलता इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं।
big news19 hours agoरामनगर में दर्दनाक सड़क हादसा, स्कूटी और बाइक की आमने-सामने टक्कर, दो घायल
big news21 hours agoउत्तराखंड में शुरू होगी स्नो लेपर्ड साइटिंग, लद्दाख मॉडल पर किया जाएगा इसे शुरू, जानें क्यों है खास
Haridwar22 hours agoHaridwar News : हरिद्वार में जंगली हाथियों का आतंक, लगातार आबादी क्षेत्र में घुसकर कर रहे हैं नुकसान
Dehradun23 hours agoऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, DG सूचना बंशीधर तिवारी को मिला ये बड़ा सम्मान
big news59 minutes agoखिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हल्द्वानी में 2026- 27 से शैक्षणिक सत्र हो जाएगा शुरू
big news26 minutes agoपहले युवक को होटल में ले गए, फिर किया चाकू से हमला और हो गए फरार, फिर…






































