Rudraprayag
रुद्रप्रयाग एक्सीडेंट: परिवहन विभाग टीम की जांच में ये तथ्य आये सामने, मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट।

रुद्रप्रयाग – रुद्रप्रयाग के समीप रैंतोली में जिस सड़क हादसे में 15 लोगों की जान गई, उस घटनास्थल पर क्रैश बैरियर होता तो सब बच सकते थे। हादसे के बाद परिवहन विभाग की टीम की जांच में ये तथ्य सामने आया है। टीम ने अपनी रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय को भेज दी है, जिस पर मुख्यालय आगे की कार्रवाई करेगा।

15 जून को सुबह करीब साढ़े 11 बजे एक टैंपो ट्रैवलर ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के समीप रैंतोली में 250 मीटर गहरी खाई में गिर गया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी। मामले की जांच के लिए आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद की अगुवाई में सहायक निदेशक पुलिस अविनाश चौधरी, सहायक निदेशक परिवहन नरेश संगल और सहायक निदेशक लोनिवि संजय बिष्ट की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
टीम ने अपनी जांच में पाया कि घटनास्थल पर पांच सीमेंट के पैराफीट बने थे। इससे ठीक पहले और इनके ठीक बाद क्रैश बैरियर लगाए गए थे। वाहन इन पैराफीट को तोड़ते हुए खाई में गिर गया। जांच टीम ने पाया है कि अगर पूरा क्रैश बैरियर लगा होता तो हादसे को टाला जा सकता था। इतनी जानें बचाई जा सकती थीं।
इस रिपोर्ट से लोनिवि पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसने पैराफीट को छोड़ते हुए क्रैश बैरियर लगाया था। माना जाता है कि क्रैश बैरियर की मजबूती ही एकसाथ लगे होने पर होती है। उधर, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह का कहना है कि अभी रिपोर्ट प्राप्त हुई है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। उसी हिसाब से आगे की कार्रवाई होगी।
टीम ने जांच में ये भी पाया है कि जिस वाहन के साथ हादसा हुआ है, वह रात को करीब 11 बजे दिल्ली से रवाना हुआ था। अगले दिन जब घटना हुई, उस वक्त सुबह के करीब 11:20 बज रहे थे। करीब 400 किमी की यात्रा में तीन घंटे वाहन विभिन्न जगहों पर रुका जरूर लेकिन ड्राइवर को आराम नहीं मिल पाया। चूंकि घटनास्थल पर सड़क समतल है, इसलिए नींद का दबाव होने के चलते ये संभावना जताई गई है कि झपकी आने की वजह से वाहन खाई में गया है।
जांच टीम ने पाया है कि वाहन की गति तेज थी। वाहन ने पहले दो पैराफीट ब्लॉक तोड़े। फिर तीसरे ब्लॉक के ऊपर से निकलकर चौथे ब्लॉक को आंशिक रूप से तोड़ते हुए वाहन पांचवें ब्लॉक को ध्वस्त करते हुए नीचे गिर गया।
जांच में ये तथ्य सामने आया कि वाहन चालक ने यात्रा 14 जून की रात शुरू कर दी थी और उसके लाइसेंस पर हिल पृष्ठांकन 15 जून को ऑनलाइन अंकित हुआ है। टीम के मुताबिक, वाहन चालकों के पहाड़ में ड्राइविंग के लिए हिल पृष्ठांकन का काम अब ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे गड़बड़ी व चूक की सबसे ज्यादा आशंका है। लिहाजा, ऑफलाइन जांच पड़ताल के बाद ही ड्राइविंग के लाइसेंस का हिल पृष्ठांकन किया जाए।
-चूंकि वाहन चारधाम यात्रा पर नहीं था, इसलिए उसका ग्रीन कार्ड, टि्रप कार्ड भी नहीं था। इसके चलते वाहन के ओवरलोडिंग की जानकारी भी नहीं मिल पाई। लिहाजा, पहाड़ आने वाले सभी वाहनों का टि्रप कार्ड, ग्रीन कार्ड बनाया जाना चाहिए।
-ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग मार्ग पर शिवपुरी, देवप्रयाग व मां धारी देवी मंदिर के समीप काफी संख्या में वाहन सड़क पर पार्क होने से जाम लगा रहता है। इसके अलावा ब्रह्मपुरी से आगे व शिवपुरी में राफि्टंग प्रारंभिक बिंदु पर भी जाम की स्थित रहती है। माना जा रहा है कि यहां जाम में फंसने के कारण चालक तेजी से वाहन चला रहा होता है, ताकि समय से आगे पहुंच जाए। इसके कारण भी हादसे का खतरा है। लिहाजा, पार्किंग स्थल विकसित करने जरूरी हैं।
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जरूरी खबर : केदारनाथ हाईवे 15 जनवरी तक रहेगा बंद, इस रास्ते से होगी आवाजाही

Kedarnath Highway : केदारनाथ हाईवे-107 अगले एक महीने तक बंद रहेगा। मरम्मत के कार्य के चलते केदारनाथ हाईवे को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। इस दौरान मानसून में हाईवे को हुए नुकसान को ठीक किया जाएगा।
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Kedarnath Highway 15 जनवरी तक रहेगा बंद
केदारनाथ हाईवे-107 पर मरम्मत का काम किया जा रहा है। जिसके चलते Kedarnath Highway 15 जनवरी तक बंद रहेगा। बता दें कि हाईवे पर काकड़ागाड़-कुंड-गुप्तकाशी मार्ग पर मानसून में हुई टूटफूट को ठीक करने के लिए 15 जनवरी तक अस्थायी रूप बंद कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान कुंड-चुन्नी बैंड-विद्यापीठ-गुप्तकाशी मोटर मार्ग से आवागमन होगा।
यात्रियों को हो सकती हैं परेशानियां
Kedarnath Highway -107 के बंद रहने और लगभग एक महीने कुंड-चुन्नी बैंड-विद्यापीठ-गुप्तकाशी मोटर मार्ग से आवागमन होने के कारण स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि केदारनाथ हाईवे पर किमी 33.130 से 41.260 के बीच मानसून में सड़क को भारी नुकसान हुआ है।

प्रकृति और यातायात सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
बता दें कि हाईवे पर मरम्मत और सुदृढ़ीकरण का कार्य कंपनी की ओर से किया जा रहा है। इस दौरान जेसीबी, डंपर, फ्लोरी, एसएलएम सहित अन्य भारी मशीनरी का उपयोग किया जाना बेहद ही जरूरी है।
ये फैसला राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई अत्यंत कम होने और यातायात सुरक्षा के साथ प्रकृति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। लोगों की सुरक्षा के लिए 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक मार्ग को अस्थायी रूप से यातायात के लिए प्रतिबंधित रहेगा
Kedarnath Highway – FAQs
1. Kedarnath Highway कब तक बंद रहेगा?
उत्तर: केदारनाथ हाईवे (NH-107) को 15 जनवरी 2026 तक अस्थायी रूप से बंद रखा गया है।
2. केदारनाथ हाईवे क्यों बंद किया गया है?
उत्तर: मानसून के दौरान हुई भारी क्षति की मरम्मत और सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य के कारण हाईवे को बंद किया गया है।
3.कौन-सा हिस्सा ज्यादा क्षतिग्रस्त है?
उत्तर: हाईवे का किमी 33.130 से 41.260 के बीच का हिस्सा मानसून में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
4. मरम्मत कार्य के दौरान कौन-सी मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं?
उत्तर: मरम्मत के लिए जेसीबी, डंपर, फ्लोरी, एसएलएम सहित भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
5. यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग कौन-सा है?
उत्तर: इस दौरान यातायात कुंड–चुन्नी बैंड–विद्यापीठ–गुप्तकाशी मोटर मार्ग से संचालित किया जाएगा।
Uttarakhand
जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों को जोड़ने वाली Jawadi Motor Road बदहाल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
रुद्रप्रयाग: भरदार पट्टी के दर्जनों गांवों और मां मठियाणा मंदिर को जोड़ने वाला Jawadi Motor Road इस समय गंभीर रूप से जर्जर स्थिति में है। मार्ग की हालत इतनी खराब है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में यह रास्ता किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
Jawadi Motor Road की खराब हालत, ग्रामीणों में चिंता बढ़ी
बरसात के दौरान जवाड़ी बाईपास मार्ग कई जगहों पर टूट-फूट गया था। भरदार पट्टी, प्रसिद्ध मां मठियाणा मंदिर, जवाड़ी-रौठिया, दरमोला, सौंराखाल सहित कई गांवों की आवाजाही इसी मार्ग से निर्भर है। फिलहाल ग्रामीण अस्थायी इंतज़ाम के सहारे इस मार्ग ( Jawadi Motor Road ) पर चलने को मजबूर हैं, लेकिन यह सफर बेहद जोखिमभरा बना हुआ है और किसी भी समय अप्रिय घटना होने की आशंका है।
जर्जर सड़क से वाहन चालकों को भारी दिक्कत
गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ हिस्सों के कारण छोटे चारपहिया वाहन अक्सर फंस जाते हैं। वहीं टूटी सड़क की वजह से दुपहिया चालकों का संतुलन बिगड़ना भी आम बात हो गई है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रोज़मर्रा की आवाजाही करने को मजबूर हैं। कई बार अधिकारियों से सड़क मरम्मत की मांग उठाई गई, लेकिन जिला मुख्यालय के इतने नज़दीक होने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
भूस्खलन से Jawadi Motor Road क्षतिग्रस्त, 55 लाख रुपये की जरूरत
भारी बारिश के दौरान सड़क के कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ था। विभाग के अनुसार मार्ग की पूरी मरम्मत के लिए करीब 55 लाख रुपये की आवश्यकता है, जबकि सुरक्षित आवाजाही के लिए 20 लाख रुपये की जरूरत बताई गई है। मार्ग सुधार के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
— इन्द्रजीत बोस, लोनिवि अधिशासी अभियंता
बारिश में कई स्थानों पर सड़क वॉशआउट हो गई थी
कई जगह सड़क पूरी तरह वॉशआउट हो गई थी, जिससे यातायात लगभग ठप पड़ गया था। विभाग ने फिलहाल अस्थायी रूप से सड़क को चलने योग्य बनाया है, लेकिन स्थिति अब भी बेहद संवेदनशील है। हाल ही में डीएम प्रतीक जैन ने लोनिवि अधिकारियों संग स्थल निरीक्षण किया और जल्द डीपीआर तैयार कर सुधार कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
छात्रों ने सड़क सुधार को लेकर डीएम से लगाई गुहार
भरदार पट्टी के राइंका जवाड़ी के छात्र अनुराग और रोहन ने सोशल मीडिया के माध्यम से डीएम प्रतीक जैन से सड़क को दुरुस्त करने की अपील की है। छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक स्कूली छात्र का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें एक युवक घायल हुआ। बच्चों ने संदेश में लिखा—
“डीएम सर, कृपया हमारी स्कूल जाने वाली सड़क Jawadi Motor Road को ठीक करा दीजिए।”
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Rudraprayag: घरवालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने पहुंचा नाबालिक, पुलिस ने परिजनों को सौंपा बालक

रुद्रप्रयाग: पुलिस ने एक 13 वर्षीय बालक को सकुशल परिजनों को सौंप दिया है। नाबालिक बालक मध्यप्रदेश का रहने वाला है जो अपने घर वालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने निकल पड़ा। इस सम्बन्ध में एक स्थानीय व्यापारी द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी गई।
घर वालों को बिना बताए केदारनाथ घूमने निकल पड़ा नाबालिक
जानकारी के मुताबिक, एक स्थानीय व्यापारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी कि एक नाबालिग बालक धीरेन्द्र प्रजापति, जिसकी उम्र लगभग 13 वर्ष है, अपने घर मध्य प्रदेश से भागकर रुद्रप्रयाग पहुंच गया है। सूचना मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चे के पास पहुंचकर उससे विस्तृत वार्ता कर पूरी जानकारी प्राप्त की गई।
मध्यप्रदेश से रुद्रप्रयाग पहुंचा 13 वर्षीय धीरेन्द्र
बालक अपने परिजनों का नंबर नहीं बता पाया। जिसके बाद रुद्रप्रयाग पुलिस के द्वारा विभिन्न चैनलों के माधयम से बालक के परिजनों का पता लगाया गया है। जिसके बाद पुलिस ने बालक के माता-पिता से संपर्क कर बालक के सकुशल होने की जानकारी पहुंचाई। जिसके बाद टीम द्वारा बच्चे का मेडिकल चेकअप किया गया और आज बच्चे के परिजनों से संपर्क करके बच्चे को सकुशल परिजनों को सौंप दिया गया है।
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