Chamoli
बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत मार्च से फिर शुरू होंगे कार्य , जिलाधिकारी ने दिए निर्देश…..

चमोली : चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम में बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के कारण मास्टर प्लान के तहत चल रहे विकास कार्यों को फिलहाल रोक दिया गया था, लेकिन अब खबर आ रही है कि मार्च से इन कार्यों को फिर से शुरू किया जाएगा। सोमवार को चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बदरीनाथ मास्टर प्लान कार्यों की प्रगति को लेकर एक समीक्षा बैठक की।
बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) के अधिकारियों ने बताया कि बदरीनाथ धाम में बर्फ कम होने के बाद मार्च के पहले सप्ताह से ही मास्टर प्लान के कार्यों को तेज़ी से शुरू कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी तिवारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बर्फ पिघलने के बाद युद्धस्तर पर काम शुरू किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा के शुरू होने से पहले अधिकांश कार्य पूरे हो जाएं।
साथ ही, जिलाधिकारी ने पीआईयू और जल संस्थान को निर्देश दिया कि यात्रा सीजन से पहले क्षतिग्रस्त सीवर और पेयजल लाइनों की मरम्मत के लिए आकलन तैयार किया जाए और आवश्यक सामग्री की व्यवस्था भी पहले से कर ली जाए।
इसके अलावा, जिलाधिकारी तिवारी ने एसडीएम को बदरीनाथ धाम में भूमि हस्तांतरण से संबंधित प्रकरणों को त्वरित निस्तारण करने के भी निर्देश दिए, ताकि विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए।
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उमटा के पास फिर बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे, हिमनी-बलाण सड़क भी एक हफ्ते से ठप

कर्णप्रयाग/ देवाल/चमोली (उत्तराखंड): पहाड़ों में आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। कर्णप्रयाग और आसपास के इलाकों में सुबह से लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। भारी बारिश के चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे एक बार फिर उमटा के पास मलबा आने से बंद हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है।
सिवाई क्षेत्र में भी हालात गंभीर हैं, जहां रेलवे टनल के पास गदेरे का जलस्तर बढ़ने से अस्थायी सड़क बह गई। कर्णप्रयाग-सिवाई संपर्क टूट गया है, जिससे लोगों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौचर रानो मोटर मार्ग भी गंगानगर रानो के पास पहाड़ी से आए भारी मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है। कई जगहों पर छोटे-छोटे बोल्डर और मलबा सड़कों पर बिखर गया है, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है।
विकासखंड की हिमनी-बलाण सड़क पर भी मलबा हटाने का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। कालीताल से आगे का रास्ता पूरी तरह बंद है, और ग्रामीणों को रोजाना करीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर जरूरी कार्यों के लिए जाना पड़ रहा है।
बलाण गांव के गोविंद सिंह और विक्की कुमार ने बताया कि सड़क के पुनः खुलवाने के लिए बार-बार विभाग से संपर्क किया गया, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने स्थायी रूप से जेसीबी मशीन की तैनाती की मांग करते हुए जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की अपील की है। इस बीच पीएमजीएसवाई विभाग के एई डीएस भंडारी ने कहा है कि मशीन मौके पर भेज दी गई है और जल्द ही मार्ग को खोलने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
नारायणबगड़ क्षेत्र का झिंझौंणी गांव भी बारिश की मार से अछूता नहीं है। भारी भूस्खलन की वजह से गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला एकमात्र पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को पत्र भेज कर बताया कि बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी पहुंचने में भारी दिक्कत हो रही है। बुजुर्गों की आवाजाही भी ठप हो गई है। ग्रामीणों ने विधायक निधि से धन आवंटन कर रास्ते के शीघ्र पुनर्निर्माण की मांग की है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ गई है कि वह प्रभावित क्षेत्रों में जल्द राहत पहुंचाए।
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बदरीनाथ हाईवे पर गिरा भारी मलबा, बाल-बाल बचे लोग…आवाजाही ठप

कर्णप्रयाग ( चमोली): उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। आज सुबह बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गौचर तलधारी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया। पहाड़ी से अचानक भारी मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर सड़क पर गिर गए। गनीमत रही कि उस समय सड़क पर चल रहे लोग बाल-बाल बच गए।
इसी के साथ कर्णप्रयाग-नेनीसैंण मोटर मार्ग पर भी एक चट्टान टूटकर गिर गई। यह घटना आईटीआई से लगभग 500 मीटर आगे हुई, जिससे मार्ग बाधित हो गया है। सड़क बंद होने की वजह से कपीरीपट्टी के लोगों को डिम्मर-सिमली होते हुए कर्णप्रयाग की ओर जाना पड़ रहा है।
इधर मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में आज दिनभर और रात के समय बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। अन्य जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट के तहत तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह से जारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़कर 292.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर के बेहद करीब है। गंगा घाटों को खाली करवा दिया गया है और प्रशासन ने आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है।
आपदा प्रबंधन टीम और प्रशासन चौकस है। राज्य के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का प्रशासन भी अलर्ट पर है। नदी-नालों के किनारे जाने से बचने और पर्वतीय क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
Chamoli
चमोली में बादल नहीं, मुसीबत बरसी! बदरीनाथ हाईवे बंद, गांवों में तबाही

चमोली: चमोली जनपद में शुक्रवार रात से लगातार हो रही तेज बारिश ने पूरे इलाके का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है जिससे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह मलबा जमा हो गया और यातायात बाधित हो गया है।
नंदानगर क्षेत्र के पास पर्थाडीप में एक यात्रा वाहन मलबे में फंस गया था। गनीमत रही कि वाहन में सवार सभी तीर्थयात्रियों को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया। बाद में जेसीबी मशीन की मदद से वाहन को बाहर निकाला गया। फिलहाल इस हिस्से में हाईवे से मलबा हटाकर यातायात आंशिक रूप से बहाल किया गया है, हालांकि सड़क किनारे अब भी भारी मात्रा में मलबा जमा है।
क्षेत्रपाल इलाके में वैकल्पिक मार्ग के जरिए दोपहिया वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है…और अब धीरे-धीरे बड़े वाहनों को भी निकाला जा रहा है। वहीं पीपलकोटी के पास भनेरपाणी क्षेत्र में हाईवे अभी भी पूरी तरह बंद है और मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
इस बीच थिरपाक गांव की अनुसूचित जाति बस्ती पर बारिश की सबसे बड़ी मार पड़ी। रात करीब एक बजे ‘नौलाकलाना गदेरा’ अचानक उफान पर आ गया। तेज बहाव और भारी मलबे ने गांव में बनी तीन गौशालाओं को पूरी तरह तबाह कर दिया जिससे रघु लाल, बलवीर लाल और गरीब लाल के दो बैल और सात बकरियां मलबे में दबकर मर गईं। इन ग्रामीणों के मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
हालात बिगड़ते देख ग्रामीणों ने रात में ही पास के सरकारी अस्पताल में शरण ली। सुबह जब बारिश कुछ थमी और लोग अपने घर लौटे, तो देखा कि उनकी खेती भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी। मंडुवा, झंगोरा, गेहूं और मक्का जैसी फसलें मलबे के नीचे दब गई हैं। मनोहर लाल और सज्जन लाल के घरों में मलबा घुसने से उनका राशन और जरूरी घरेलू सामान भी खराब हो गया।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मदद की मांग की है। कई परिवारों के पास अब न तो अनाज बचा है और न ही रहने की सुरक्षित जगह।
जिला प्रशासन ने कहा है कि प्रभावित इलाकों में टीमें भेजी जा रही हैं और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है…जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
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