Uttar Pradesh
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में बड़ा बदलाव प्री परीक्षाओं मे पास होने के लिए न्यूनतम अंक किया अनिवार्य।

देहरादून – उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की स्क्रीनिंग या प्री परीक्षाओं में पास होने के लिए अब न्यूनतम अंक तय कर दिए गए हैं। आयोग ने जून 2019 में यह नियम हटा दिया था, जिसे अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग परिणाम निर्माण परिनियमावली 2022 में जोड़कर दोबारा लागू कर दिया है।
दरअसल, राज्य लोक सेवा आयोग ने 26 जून 2019 को प्री परीक्षाओं में न्यूनतम अंक लाने की अनिवार्यता हटा दी थी। इस पर पूर्व राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान सहित प्रदेशभर से उम्मीदवार विरोध जता रहे थे। जुगरान का कहना था कि इस वजह से राज्य लोक सेवा आयोग की प्री परीक्षाओं में शून्य अंक लाने वालों को भी मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर मिलता रहा है। राज्य लोक सेवा आयोग ने बुधवार को न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता को फिर लागू कर दिया।
आयोग के सचिव जीएस रावत ने बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम निर्माण प्रक्रिया नियमावली-2012 के तहत जनरल कैटेगरी के लिए न्यूनतम 35 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 30 प्रतिशत और एससी, एसटी के लिए 25 प्रतिशत अंक प्री परीक्षा में लाने का प्रावधान उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परीक्षा परिणाम निर्माण प्रक्रिया विनियमावली 2022 में जोड़ दिया है। इसके तहत अब किसी भी प्री परीक्षा में इतने न्यूनतम अंक लाने पर ही मुख्य परीक्षा के लिए चुने जाने का विकल्प मिलेगा। इससे कम अंक आने पर मुख्य परीक्षा में मौका ही नहीं मिलेगा।
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मौत का तांडव! घने कोहरे में 7 बसें भिड़ीं, विस्फोट के साथ लगी आग, 13 की जिंदा जलकर मौत

yamuna expressway accident : सर्दियों में कोहरे के कारण अक्सर लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार ये सड़क दुर्घटना का भी कारण बनता है। आज सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे के कारण दर्दनाक सड़क हादसा (yamuna expressway accident) हो गया। जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई।
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yamuna expressway accident में चार की मौत
मंगलवार तड़के उत्तर प्रदेश के के मथुरा जिले में बड़ा सड़क हादसा हो गया। मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे के कारण एक के बाक एक सात बसें और तीन छोटी गाड़ियां एक दूसरे से टकरा गईं। टक्कर इतनी जोरदार थी कि इसके बाद जोरदार धमाके के साथ ही बसों में आग लग गई। मिली जानकारी के मुताबिक हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। जबकि 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

घने कोहरे में एक के बाद एक 7 बसें भिड़ीं
मिली जानकारी के अनुसार घना कोहरा लगा होने के कारण सड़क पर दृश्यता बेहद कम हो गई थी। जिस कारण एक के बाद एक सात बसें आपस में टकरा गईं। बताया जा रहा है कि ये हादसा मथुरा के बलदेव थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ है। इस हादसे (yamuna expressway accident) की वजह घना कोहरा बताया जा रहा है। लेकिन बसों में आग कैसे लगी इसके कारण का अब तक पता नहीं लग पाया है।

13 की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत
मथुरा के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए इस हादसे yamuna expressway accident में 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई है। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि मृतकों के जले हुए अवशेषों को करीब 17 थैलियों में भरकर पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया। शवों की पहचान के लिए डीएन टेस्ट करवाया जाएगा। हादसे के बारे में प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहनों में कुल 70 लोग सवार थे, जिनमें से 33 यात्री घायल हैं।
FAQs: यमुना एक्सप्रेसवे हादसा (Yamuna Expressway Accident)
Q1. यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसा कब और कहां हुआ?
➡️ यह हादसा मंगलवार तड़के उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के बलदेव थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ।
Q2. यमुना एक्सप्रेसवे हादसे की मुख्य वजह क्या बताई जा रही है?
➡️ शुरुआती जांच में हादसे की मुख्य वजह घना कोहरा और बेहद कम दृश्यता बताई जा रही है।
Q3. इस हादसे में कितनी बसें आपस में टकराईं?
➡️ घने कोहरे के कारण एक के बाद एक 7 बसें और तीन छोटी गाड़ियां आपस में टकरा गईं।
Q4. यमुना एक्सप्रेसवे हादसे में कितने लोगों की मौत हुई है?
➡️ अब तक 13 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है।
Q5. हादसे में कितने लोग घायल हुए हैं?
➡️ इस दुर्घटना में 33 यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से 30 से ज्यादा की हालत गंभीर बताई जा रही है।
Q6. हादसे के बाद बसों में आग कैसे लगी?
➡️ बसों में आग लगने के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, जांच जारी है।
Q7. मृतकों के शवों की पहचान कैसे की जाएगी?
➡️ जले हुए अवशेषों को करीब 17 थैलियों में भरकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है और डीएनए टेस्ट के जरिए पहचान की जाएगी।
Uttar Pradesh
गोरखपुर में शिक्षा परिषद के समारोह में पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह, योगी आदित्यनाथ के साथ विद्यार्थियों को किया सम्मानित

देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) आज गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को किया सम्मानित
कार्यक्रम में राज्यपाल ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। गुरमीत सिंह ने कहा कि गोरखपुर केवल एक नगर नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना का महत्वपूर्ण केंद्र है। इसके साथ ही उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ जी की तपोभूमि और महान संत परंपरा की विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि ये भूमि सदियों से समाज-निर्माण, राष्ट्र धर्म और मानवीय उत्थान की प्रेरणा देती रही है।

राज्यपाल ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के वर्ष 1932 से अब तक की गौरवमयी शिक्षा यात्रा का उल्लेख भी किया। इसके साथ ही राज्यपाल ने कहा कि इस परिषद ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा, संस्कृति, चरित्र निर्माण और राष्ट्रवाद को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण काम किया है। आज इसका विस्तार प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय तक व्यापक रूप में दिखाई देता है। उन्होंने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय द्वारा आधुनिक विज्ञान और भारतीयताओं से प्रेरित शिक्षा के अद्वितीय प्रयासों की भी सराहना की।
राज्यपाल ने युवाओं को विकसित भारत–2047 में नेतृत्व करने का किया आह्वान
राज्यपाल ने नई पीढ़ी से आह्वान किया कि वो विकसित भारत-2047 में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। तकनीक, विज्ञान, AI, साइबर सुरक्षा, स्पेस और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में देश का नेतृत्व करें और साथ ही भारत की संस्कृति, संवेदना और राष्ट्र प्रेम का भाव बनाए रखें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के वैश्विक उत्थान, वैज्ञानिक उपलब्धियों और संस्कृति के पुनर्स्थापन का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह समय भारत की नई चेतना का युग है, जिसे युवा पीढ़ी आगे लेकर जाएगी।

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Jabalpur : वरिष्ठ साहित्यकार तापस चक्रवर्ती ‘साहित्य सरस्वती सम्मान’ से सम्मानित

Jabalpur : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था ‘कादंबरी’ द्वारा राष्ट्रीय साहित्यकार अलंकरण समारोह-2025 का भव्य आयोजन जबलपुर के शहीद स्मारक सभागृह में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन साहित्य शिरोमणि आचार्य भागवत दुबे तथा संस्था के महासचिव राजेश पाठक ‘प्रवीण’ ने किया।
तापस चक्रवर्ती ‘साहित्य सरस्वती सम्मान’ से सम्मानित
वरिष्ठ साहित्यकार तापस चक्रवर्ती को ‘साहित्य सरस्वती सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। इस समारोह में देश-विदेश के ख्यातिलब्ध कवि, गीतकार, कथाकार, निबंधकार, समीक्षक एवं समालोचक उपस्थित रहे। इसी कड़ी में देहरादून निवासी वरिष्ठ साहित्यकार तापस चक्रवर्ती को उनके उत्कृष्ट यात्रा-वृत्तांत लेखन हेतु प्रतिष्ठित ‘साहित्य सरस्वती सम्मान’ से अलंकृत किया गया। उन्हें सम्मान-चिह्न के साथ पुष्प-माला, मोतियों की माला, स्फटिक शिवलिंग, रुद्राक्ष तथा शॉल भेंट कर विशेष रूप से सम्मान प्रकट किया गया।
केंद्रीय जीएसटी में सहायक आयुक्त हैं तापस चक्रवर्ती
तापस चक्रवर्ती वर्तमान में केंद्रीय जीएसटी में सहायक आयुक्त के महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करने के साथ-साथ साहित्य-साधना में भी पूरे समर्पण से कार्य कर रहे हैं। उनकी कलम से अब तक पांच यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित हो चुके हैं, जो पाठकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं। इस कार्यक्रम में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘कादंबरी’ के संस्थापक साहित्य शिरोमणि आचार्य भागवत दुबे, अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति रह चुके कृष्ण कुमार पांडे, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ओम नीरव, महासचिव राजेश पाठक ‘प्रवीण’, सहित अनेक गणमान्य साहित्यकार उपस्थित रहे।
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