Dehradun
उत्तराखंड: धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर क्षमता से अधिक भीड़ जुटने से पहले ही डिवाइस सिस्टम कंट्रोल रूम को करेगा अलर्ट, पल-पल की देगा जानकारी।

देहरादून – अब चारधाम समेत विभिन्न धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर क्षमता से अधिक भीड़ जुटने से पहले ही डिवाइस सिस्टम कंट्रोल रूम को अलर्ट जारी कर देगा। साथ ही पल-पल की जानकारी भी देगा। भीड़ को स्मार्ट तरीके से नियंत्रित करने के लिए यह डिवाइस आधारित सिस्टम आईआईटी के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। इसके काम के अनुरूप ही डिवाइस को क्राउड आई नाम दिया गया है।
आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग सेक्शन के शोधकर्ता प्रो. अमित अग्रवाल ने बताया कि डिवाइस बनाने का मकसद किसी भी धार्मिक स्थल या परिसर में रियल टाइम मॉनीटरिंग और क्षमता से अधिक भीड़ होने से पहले अलर्ट जारी करना है। आईआईटी परिसर में की गई टेस्टिंग में इसके शानदार परिणाम मिले हैं।
अब यमुनोत्री में इसे लगाने के लिए उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकॉस्ट) देहरादून को फंडिंग के लिए आवेदन किया गया है। बजट मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस डिवाइस को तैयार करने में 60 से 70 हजार रुपये की लागत आई है।
विकसित की गई तकनीक का पेटेंट हासिल करने के लिए भी आवेदन किया गया है। इसके अगले चरण में भीड़ में शामिल स्त्री और पुरुष के अलग-अलग आंकड़े भी जारी करने के लिए सिस्टम को अपडेट किए जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि यात्रा सीजन में हरिद्वार में बढ़ रही भीड़ के मद्देनजर दीनदयाल उपाध्याय पार्किंग और पंतद्वीप पार्किंग का भी सर्वे किया जा रहा है। ताकि यहां लगने वाले जाम की समस्या का समाधान किया जा सके।
प्रो. अमित अग्रवाल ने बताया कि यह सिस्टम न केवल भीड़ प्रबंधन में मददगार होगा। बल्कि कुंभ जैसे बड़े आयोजन में भीड़ के कारण भगदड़ की आशंका और ओवरलोड होने के चलते पैदल पुलों के गिरने के खतरे को भी कम करेगा। इस डिवाइस को प्रत्येक पैदल पुल पर लगाया जा सकता है। पुल पर जैसे ही क्षमता से ज्यादा लोग चढ़ेंगे तो यह अलर्ट जारी कर देगा। इसी तरह कुंभ जैसे आयोजन में भी निर्धारित क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए अलर्ट जारी किया जा सकता है। बताया कि क्राउड आई सिस्टम में कैमरा हेड रीडिंग करते हुए आने -जाने वाले लोगों पर नजर रखता है। इसके बाद ऐज कंप्यूटिंग के जरिए रियल टाइम में इमेज की प्रोसेसिंग की जाती है। फिर कंप्यूटर एआई बेस्ड एल्गोरिदम के जरिए भीड़ में लोगों की सटीक संख्या निकालकर अलर्ट जारी किया जाता है।
इस सिस्टम की खासियत यह होगी कि वास्तविक समय में मौजूद लोगों की संख्या का आंकड़ा जारी करेगा। इसके जरिए प्रशासन जगह और दूरी के हिसाब से निकासी द्वार पर भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय अमल में ला सकेगा।
क्राउड आई डिवाइस सिस्टम को किसी भी जगह लगाने के लिए वायर की जरूरत नहीं होगी। यह सिस्टम पूरी तरह वायरलेस होगा। साथ ही इसका संचालन बिजली के साथ-साथ सोलर से किए जाने की भी व्यवस्था की गई है।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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उत्तराखंड में मानसून ने पकड़ी रफ्तार, चार जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार, 6 जुलाई के लिए देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों के लिए तेज बारिश का येलो अलर्ट घोषित किया गया है। लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश भर में कुल 67 सड़कें मलबा आने से बंद हैं। इनमें कई राज्य मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं…जिससे आवाजाही में भारी दिक्कतें सामने आ रही हैं।
इन जिलों में सड़कें बंद…..
रुद्रप्रयाग – 4 ग्रामीण सड़कें
उत्तरकाशी – 1 एनएच सहित 11 ग्रामीण सड़कें
चमोली – 1 राज्य मार्ग और 21 ग्रामीण सड़कें
बागेश्वर – 11 ग्रामीण सड़कें
पिथौरागढ़ – 6 ग्रामीण सड़कें
अल्मोड़ा – 1 राजमार्ग और 1 ग्रामीण सड़क
पौड़ी गढ़वाल – 3 ग्रामीण सड़कें
देहरादून – 2 ग्रामीण सड़कें
टिहरी – 3 ग्रामीण सड़कें
नैनीताल – 2 ग्रामीण सड़कें
लगातार बारिश से पहाड़ियों में मलबा आने का सिलसिला जारी है। यमुनोत्री हाईवे समेत कई प्रमुख मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं, जिससे चारधाम यात्रा और ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी पर असर पड़ा है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग की एडवाइजरी का पालन करें। नदी-नालों के पास न जाने और पहाड़ी क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।
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स्क्रीनिंग प्लांट में संदिग्ध हालत में मिली किशोरी की लाश, गुस्साए लोगों ने किया चक्का जाम !

डोईवाला (देहरादून): बुल्लावाला–कुड़कावाला क्षेत्र में कूड़ा बिनने गई केशवपुरी बस्ती की 13 वर्षीय बालिका का शव एक स्क्रीनिंग प्लांट से संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने के बाद इलाके में तनाव फैल गया। स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने बालिका के साथ दुर्व्यवहार के बाद हत्या की आशंका जताई है। घटना के विरोध में बीती रात सैकड़ों लोग डोईवाला कोतवाली पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केशवपुरी बस्ती से तीन बच्चे कबाड़ बिनने कुड़कावाला क्षेत्र गए थे। वहां एक स्क्रीनिंग प्लांट में कूड़ा बिनते समय कुछ अनहोनी घटित हुई। इनमें से एक बालिका मृत अवस्था में मिली, जिससे आक्रोश फैल गया। परिजनों ने स्टोन क्रेशर स्वामी के दोनों बेटों पर जबरदस्ती और बेरहमी से हत्या का आरोप लगाया है।
हंगामे की सूचना पर आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया। देर रात तक लोग डोईवाला नगर चौक पर डटे रहे और चक्का जाम किया। सुबह एक बार फिर भीड़ ने डोईवाला चौक पर जाम लगाया और कोतवाली में घुसने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि आरोपियों को तत्काल सामने लाया जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डोईवाला क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने रात में ही उक्त स्टोन क्रेशर को सील कर दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है।
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