Uttarakhand
कैलाश मानसरोवर तक पहुंचने का सफर अब होगा आसान , यात्रा मार्ग पर बनेगी छह किमी लंबी टनल….

उत्तराखंड : कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को और भी आरामदायक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। इस दिशा में, 1600 करोड़ रुपये की लागत से छह किमी लंबी टनल का निर्माण किया जाएगा, जो बूंदी से गर्ब्यांग के बीच बनाई जाएगी। इस टनल के बनने से यात्रा की लगभग 10 किमी दूरी कम हो जाएगी और यात्रा की सुगमता बढ़ेगी।
बीआरटीएफ के कमांडर कर्नल प्रशांत सिंह ने जानकारी दी कि बीआरओ की हीरक परियोजना के तहत धारचूला से कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर बूंदी, छियालेख और गर्ब्यांग के बीच बनने वाली इस टनल के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है, और जल्द ही इस योजना को स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
कर्नल सिंह ने बताया कि इस टनल के बनने से श्रद्धालुओं को छियालेख के 27 कठिन मोड़ पार करने की जरूरत नहीं होगी, जिससे यात्रा और भी सुगम हो जाएगी। इसके अलावा, बरसात के दौरान भूस्खलन से होने वाली सड़क बंद होने की समस्या का समाधान भी होगा। टनल बनने से कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश तक पहुंचने की दूरी भी घट जाएगी। वर्तमान में धारचूला से गुंजी तक सड़क मार्ग की दूरी 72 किमी है, लेकिन टनल के बाद यह दूरी केवल 62 किमी रह जाएगी।
इसके अलावा, 204 करोड़ रुपये की लागत से तवाघाट-लिपुलेख सड़क के चौड़ीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है। पहले चरण में गुंजी से ज्योलिंगकांग तक 36 किमी दायरे में सड़क का चौड़ीकरण और डामरीकरण पूरा कर लिया गया है, जबकि दूसरे चरण में कालापानी से नाभीढांग तक 26 किमी दायरे में डामरीकरण कार्य जारी है।
बीआरओ के हीरक परियोजना के चीफ इंजीनियर एसपी कोलिपे ने बताया कि इस यात्रा मार्ग पर सात नए स्टील गार्डर के पुल बनाए जाएंगे। इन पुलों के निर्माण से श्रद्धालुओं, पर्यटकों, सेना के जवानों और स्थानीय लोगों की आवाजाही सुरक्षित और सुविधाजनक होगी। इन पुलों का निर्माण 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
Dehradun
वन निगम के लौगिंग प्रबंधक आन सिंह कांदली को मिलेगी डॉक्टरेट की मानध उपाधि

कर्णप्रयाग: वन निगम मे तैनात प्रभागीय लौगिंक प्रबंधक (डीएलएम) आन सिंह कांदली को डॉक्टरेट की मानध उपाधि दी जाएगी। विश्व मानवधिकार संरक्षण आयोग की ओर से सामाजिक क्षेत्र, पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के लिए यह उपाधि दी जाएगी। आगामी 31 जुलाई को देहरादून में आयोजित कार्यक्रम मे उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
प्रभागीय लौगिंक प्रबंधक (डीएलएम) ने बताया कि पिछले 15 सालों से अधिक समय से वे प्रशासनिक कार्याे के साथ सामाजिक कार्य भी कर रहे है। जिसमें की उन्होने कई जरूरतमंदो को शिक्षा, चिकित्सा रोजगार आदि क्षेत्रों में आर्थिक सहायता प्रदान की है। साथ ही विभागीय कार्यों के दौरान उन्होनें अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर पौधरोपण, अतिक्रमण सहित अन्य कई ठोस कार्रवाई की है। उन्होनें बताया कि वर्ल्ड ह्ययूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन की ओर से हर साल यह उपाधि दी जाती है। इस मौके पर लौंगिक सहायक दीपक बिष्ट, स्केलर ओम प्रकाश रावत, पुरण चंद्र डिमरी, दीपक पंत, लक्ष्मण, सूरज फर्रस्वाण आदि ने खुशी जताई है।
Dehradun
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की पहली बैठक में 127 करोड़ का बजट पारित

देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के गठन के बाद पहली बार बोर्ड की बैठक बुधवार को सम्पन्न हुई। इस अहम बैठक की शुरुआत समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की अध्यक्षता में भगवान बदरी विशाल और बाबा केदार की विधिवत आरती के साथ की गई।
बैठक में वित्त अधिकारी मनीष कुमार उप्रेती ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जिसे चर्चा के उपरांत अनुमोदित कर दिया गया। इस दौरान कुल 127 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है…जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 64.22 करोड़ रुपये और केदारनाथ धाम के लिए 62.87 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि आय के अनुमान के आधार पर बदरीनाथ धाम में 56 करोड़ रुपये और केदारनाथ धाम में करीब 40 करोड़ रुपये व्यय प्रस्तावित किया गया है। बजट में धामों की सुविधाओं तीर्थयात्रियों की सेवा तथा संरचनात्मक विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है।
वहीं तीर्थयात्रियों की संख्या पर नजर डालें तो 8 जुलाई 2025 तक दोनों धामों में कुल 24,78,963 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें से 11,37,628 यात्रियों ने बदरीनाथ और 13,41,335 ने केदारनाथ धाम में दर्शन किए। पंजीकरण की बात करें तो अब तक बदरीनाथ के लिए 14,32,983 और केदारनाथ के लिए 15,49,930 श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं।
बैठक में धामों में सुविधाओं को और बेहतर बनाने, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए नवाचारों को अपनाने और व्यवस्थाओं को पारदर्शी व प्रभावी बनाने पर भी चर्चा हुई।
Dehradun
राज्यपाल गुरमीत सिंह से डीजीपी दीपम सेठ ने की भेंट, कांवड़ मेले की सुरक्षा तैयारियों पर हुई चर्चा

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से बुधवार को राजभवन में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने मुलाकात की। इस दौरान पुलिस महानिदेशक द्वारा राज्यपाल को आगामी कांवड़ मेले हेतु सुरक्षा व्यवस्था, आपदा प्रबंधन में पुलिस की सक्रिय भूमिका, तकनीकी नवाचारों के माध्यम से कार्यदक्षता में वृद्धि, महिला एवं बाल सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियानों तथा पुलिसकर्मियों के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हाल में माननीय राष्ट्रपति एवं माननीय उपराष्ट्रपति के उत्तराखण्ड भ्रमण, चारधाम यात्रा के प्रथम चरण तथा कैंची धाम मेले को शांतिपूर्ण एवं सफलतापूर्वक संपन्न कराने हेतु उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों को बधाई दी एवं उनके द्वारा सुरक्षा, यातायात प्रबंधन एवं भीड़ नियंत्रण में किए गए सराहनीय कार्यों की प्रशंसा की।
राज्यपाल ने निर्देशित किया कि राज्य में आयोजित होने वाले प्रमुख धार्मिक आयोजनों में आधुनिक तकनीक आधारित नवाचारों का इस्तेमाल कर और भविष्य हेतु एक प्रभावी रणनीति तैयार की जाए, जिससे सुरक्षा व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था को और अधिक सशक्त एवं उत्तरदायी बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी दी गई।
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