Dehradun
प्रदेश में 85 वर्ष से अधिक आयु वाले 65 हजार 160 मतदाता घर बैठे कर सकेंगे मतदान।

देहरादून – अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि मतदान की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिये राज्य में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। 85+ आयु के मतदाताओं के लिए घर पर जाकर मतदान की व्यवस्था सुनिश्चत की जा रही हैं। 85+ आयु के राज्य में 65 हजार 160 मतदाता हैं। 85+ आयु सभी मतदाताओं को फार्म उपलब्ध कराये गए थे, जिनमें से 10 हजार 390 आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य में 80 हजार 330 दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाता हैं, उनमें से 5 हजार 576 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से वोटिंग के लिए आवेदन किया है। 25 मार्च, 2024 को आवेदन करने की अन्तिम तिथि थी, इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी इन सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा उपलब्ध करायेंगे। प्रत्येक जनपद में टीमें हर मतदाता के घर पर जाकर उनसे संपर्क स्थापित करेगी। राज्य में घर-घर जाकर पोस्टल बैलेट के माध्यम मतदान की प्रक्रिया को 08 अप्रैल 2024 से प्रथम चरण में 03 दिन के लिए प्रारम्भ किया जायेगा। यदि कुछ मतदाता इन तिथियों में अपने घर में उपलब्ध नहीं हो पायेगें, तो ऐसे मतदाताओं के लिए 10 अप्रैल 2024 के बाद से द्वितीय चरण शुरू किया जायेगा। इसका जिला स्तर पर कार्यक्रम तय किया जाएगा। इसकी सूचना मतदाताओं को अखबारों एवं अन्य माध्यमों से भी उपलब्ध कराई जायेगी।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य में 11729 मतदेय स्थलों में मतदाओं के लिए न्यूनतम सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। 94 प्रतिशत मतदेय स्थलों में रैम्प, पेयजल, फर्नीचर, शेड की व्यवस्था 97 से 98 प्रतिशत मतदेय स्थलों पर उपलब्ध हैं। कुछ मतदेय स्थलों पर न्यूनतम सुविधाओं के अंतर्गत रैम्प, पेयजल, फर्नीचर, शेड आदि की वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी। सभी दिव्यांग श्रेणी के चिन्हित मतदाताओं और 85+ वर्ष के मतदाओं के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सक्षम एप की व्यवस्था की गई है। राज्य में सक्षम एप के माध्यम से 1524 व्हील चेयर के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं। डोली के लिए 994 और स्वयं सेवक के लिए 5910 अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इन सभी सुविधाओं के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मतदाताओं को सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। ब्रेल की जानकारी रखने वाले दृष्टि बाधित मतदाताओं की सहायता के लिए ब्रेल आधारित प्रतियां उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। ब्रेल के अंकित बेलेट पेपर दृष्टि बाधित मतदाताओं के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। निर्वाचन में शामिल सभी कार्मिकों के लिए निर्वाचन ड्यूटी के दौरान आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क और कैशलेस चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों को इसमें शामिल किया जायेगा। इसमें आयुष्मान योजना से जुड़े कार्मिकों के अलावा जो कार्मिक इस योजना से नहीं भी जुड़े हैं, उन्हें भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। राज्य में प्रत्येक बूथ के लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। हर बूथ पर जो भी टीम जायेगी उसे चिकित्सीय सेवा के लिए किससे संपर्क करना है, नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक केन्द्र कौन सा होगा, इसकी पूरी जानकारी दी जायेगी। बूथों में दवाइयों के आकस्मिक किट भी उपलब्ध कराये जायेंगे। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी कि सी-विजिल ऐप के माध्यम से अभी तक राज्य में 9 हजार 318 शिकायते प्राप्त हुई हैं, 8930 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है, 369 शिकायतें सही न पर जाने पर ड्रॉप की गई हैं एवं 19 शिकायतों पर विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही गतिमान है।
Uttarakhand
हरीश रावत ने रिवर्स पलायन को लेकर सरकार पर कसा तंज, कहा कि सरकार केवल सपने दिखा रही है

देहरादून: उत्तराखंड में Reverse Migration को बढ़ावा देने को लेकर सरकार के प्रयासों के बीच इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने Reverse Migration के मुद्दे पर धामी सरकार को घेरा लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल रिवर्स पलायन की बातें कर रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत इससे अलग है।
हरीश रावत का सरकार पर सीधा हमला
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि सरकार उत्तराखंड वासियों को Reverse Migration का सपना दिखा रही है, लेकिन पहले लोगों को उनकी जमीन लौटाई जानी चाहिए। उनका कहना था कि लोग आसमान लेकर क्या करेंगे, जब उनके पास अपनी जमीन और संसाधन ही सुरक्षित नहीं हैं।
पलायन की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा पलायन को अधिक गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि आज डर और असुरक्षा के कारण लोग अपने गांव और घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि गुलदार, बाघ, हाथी, भालू, बंदर और लंगूर के साथ-साथ आवारा पशु और कुत्ते गांवों से लेकर कस्बों तक लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं। ऐसे हालात में रिवर्स पलायन की कल्पना व्यावहारिक नहीं लगती।
सरकार के प्रयास और Reverse Migration की अवधारणा
वहीं दूसरी ओर, हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिवर्स पलायन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर जरुरी दिशा-निर्देश दिए थे। सरकार का मानना है कि वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गांव खाली हुए हैं, जिन्हें दोबारा बसाने के लिए रोजगार और स्वरोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का दवा कर रही है कि, गांवों में अवसर बढ़ाकर ही लोगों को वापस लौटने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
Crime
रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी, आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

नैनीताल: उत्तराखंड में STF लगातार एक्शन मोड़ पर है। एसटीएफ ने एक रिटायर्ड अधिकारी से Digital Arrest का हवाला देकर 20 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साइबर ठगों ने तीन दिनों तक 80 वर्षीय बुजुर्ग को Digital Arrest रख कर धोखाधड़ी की। साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली क्राईम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर उनके आधार कार्ड से खोले गए एक बैंक खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन के बारे में बताया।
बुजुर्ग को Digital Arrest रखकर ठगे लाखों रूपए
दरअसल, नैनीताल निवासी बुजुर्ग ने दिसंबर 2025 में साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र, रुद्रपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। कि कुछ दिनों पहले साइबर ठगों ने फोन और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए यह झूठा दावा किया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है और उनके नाम पर खुले एक बैंक खाते में करोड़ों रुपये का money laundering लेनदेन हुआ है। जांच के नाम पर बुजुर्ग को तीन दिनों तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर निगरानी में रखकर अलग-अलग खातों में कुल 20 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
पुलिस को चकमा देने के लिए बदलता रहा ठिकाने
शिकायत मिलने के बाद, STF और Cyber police टीम ने संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का गहन सत्यापन किया। जांच में 19 वर्षीय महीम सिसौदिया, निवासी जयपुर, राजस्थान को चिन्हित किया गया। साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया कि आरोपी बेहद शातिर था और पुलिस से बचने के लिए लगातार अपनी पहचान और लोकेशन बदल रहा था। रकम निकालने के बाद आरोपी ने बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को स्विच ऑफ कर दिया था।
कई राज्यों में दर्ज हैं साइबर ठगी की शिकायतें
पुलिस ने जयपुर में उसके पते पर पहुंची लेकिन आरोपी वहाँ नहीं मिला। इसके बाद स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद नए पते पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच में ये भी पाया गया कि दिसंबर महीने में ही खाते से लाखों रुपये का लेनदेन हुआ था। आरोपी के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में टोटल 7 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनके संबंध में संबंधित राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।
big news
देहरादून की सबसे बड़ी सब्जी मंडी निरंजनपुर मंडी होगी शिफ्ट, मुख्य सचिव ने दिए जगह तलाशने के निर्देश

Niranjanpur Mandi : मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में देहरादून मोबिलिटी प्लान के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर का यातायात संकुलन कम करने के लिए लगातार नए कदम उठाने होंगे। उन्होंने आढ़त बाजार, इंदिरा मार्केट आदि विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी भी ली।
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देहरादून की सबसे बड़ी सब्जी मंडी Niranjanpur Mandi होगी शिफ्ट
मुख्य सचिव ने Niranjanpur Mandi को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने हेतु एमडीडीए को नयी जगह तलाशने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने आढ़त बाजार के पुनर्निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किए जाने की भी बात कही। कहा कि 20 जनवरी तक इसका शासनादेश जारी कर दिया जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को शहर के 6 जंक्शनों के सुधार के लिए 15 जनवरी तक जीओ जारी किए जाने के निर्देश दिए।
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बनाई जाए पार्किंग
मुख्य सचिव ने शहर के भीड़-भाड़ वाले महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में बनी पार्किंग के 100 प्रतिशत उपयोग न होने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब तक तैयार पार्किंग का 100 प्रतिशत उपयोग होना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नगर निगम द्वारा लागू की जा रही ऑन रोड पार्किंग को अन्य मार्गों में भी लागू किए जाने की बात कही, ताकि लोग अपने वाहनों को सड़कों के बजाय पार्किंग में लगाने को प्रेरित हों।

देहरादून की सबसे बड़ी सब्जी मंडी है Niranjanpur Mandi
आपको बता दें कि निरंजपुर सब्जी मंडी देहरादून की सबसे बड़ी और मुख्य थोक सब्जी मंडी है। ये मंडी सहारनपुर रोड पर स्थित है और शहर के लिए फल और सब्जियों की आपूर्ति का एक प्रमुख केंद्र है। सबसे बड़ी और व्यस्त सब्जी मंडी होने के कारण यहां भीड़-भाड़ ज्यादा होती है। इसीलिए इसे शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
जल्द होगा अंडरग्राउण्ड पार्किंग का फीजिबिलिटी
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को दिसम्बर माह में एसपीवी रजिस्टर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनवरी में पहली बोर्ड बैठक आयोजित कर ली जाए। उन्होंने आशारोड़ी में सीज वाहनों को रखने के लिए बनाई जा रही पार्किंग को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने उम्टा (UMTA) द्वारा तैयार मोबिलिटी प्लान के तहत चिन्हित नए पार्किंग स्थलों की ग्राउण्ड ट्रुथिंग भी कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर ये स्थल पार्किंग के लिए उपयुक्त पाए जाते हैं तो इनको तैयार किया जाए। उन्होंने परेड ग्राउण्ड में अंडरग्राउण्ड पार्किंग का फीजिबिलिटी परीक्षण शीघ्र कराए जाने की बात भी कही।
अवैध तारों के जालों को जल्द से जल्द हटाया जाए
मुख्य सचिव ने शहर के खम्बों में लटकी बिना परमिशन और अवैध तारों के जालों शीघ्र हटाए जाने की भी बात कही। कहा कि शहर में जहां-जहां अंडरग्राउण्ड इलेक्ट्रिसिटी केबल का कार्य पूर्ण हो गया है, सड़कों को तत्काल दुरूस्त किया जाए।
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